नई दिल्ली, ४ जुलाई, २०१८. मैथिली जिन्दाबाद!!

भेटल जानकारी मुताबिक मुख्य आयोजक संस्था मैथिली साहित्य सम्मेलन संगहि अनेक साहित्यिक, सामाजिक आ शैक्षिक संस्था सभक सहयोग सं ई कार्यक्रम संपन्न कयल जायत। सुधांशु शेखर झा एहि महत्वपूर्ण साहित्यिक आयोजनक कार्यक्रम संयोजक छथि। हाल धरि भेटल जनतब मुताबिक कवि दिलीप कुमार झा, अजित आजाद ओ प्रवीण नारायण चौधरीक सलाह सँ बनल कवि लोकनिक सूची अनुरूप अपेक्षित छथि – कमल मोहन चुन्नू, किसलय कृष्ण, अशोक मेहता, सदरे आलम गौहर, गुफरान जिलानी, प्रीतम निषाद, मणिकान्त झा, जयप्रकाश चौधरी जनक, रघुनाथ मुखिया, दीप नारायण विद्यार्थी, श्यामानन्द निशाकर, अमित मिश्र, चंद्रमणि, सतीश मेहता, फूलचंद्र प्रवीण, रामेश्वर निशांत, मुन्नी मधु, मैथिल प्रशांत, अक्षय आनंद सन्नी, अवधेश अनल, कमलेश प्रेमेंद्र, विभा झा, प्रेम विदेह, पूनम मैथिल, मनोज मुक्ति, राजकिशोर साह, सुजीत कुमार झा, श्याम सुन्दर शशि, दिगम्बर झा दिनमणि, उगना शंकर, मणीष कर्ण, आदि। सलाहकार लोकनि सेहो कविक रूप मे सहभागिता देबाक पुष्टि कयलनि अछि।
मैथिली भाषाक मूल उत्थान विन्दु स्वयं मैथिली (जानकी) केर प्राकट्य भूमि रहितो कालान्तर मे अन्य भाषा-भाषीक संख्या मैथिली भाषाभाषी सँ कहीं बेसी होयबाक कारण तथा मैथिली भाषाक दायरा विभिन्न कारण सँ छोट पड़बाक कारण सीतामढी, शिवहर, चम्पारण आदि जिला मैथिली सँ कटल बुझाइत अछि। समूचा संसारक लोक मे एखनहुँ यैह भावना अछि जे ई क्षेत्र मिथिलाक मूल भूमि थिक, लेकिन एतुका जैड़ भाषा मैथिलीक स्थिति एहेन कमजोर रहत तेकर चिन्ता होएत अछि। अध्यक्ष सिन्हा मैथिली जिन्दाबाद सँ आयोजनक मुख्य उद्देश्य आ परिकल्पना पर अपन विचार रखैत बजलाह। ओ कहलनि जे एक बेर फेर सँ एहि क्षेत्र मे मैथिली साहित्यक सुधारस पसारबाक आवश्यकता देखि मैथिली साहित्य सम्मेलन ई निर्णय कयलक अछि जे बाहर प्रवास स्थल दिश त मैथिल समुदाय खूब जागल छथि, अपन मूल भूमिक पिछड़ापण दूर करबाक मुख्य आवश्यकता पर ई संस्था काज करत। ओ पुनः आह्वान करैत एकर सफलता लेल सब सँ सहभागिताक निवेदन कयलनि अछि। किछु नाम संभवतः छुटियो जाय लेकिन एहि आह्वान केँ आमंत्रण मानि सक कियो आबथि, ओ आम आमंत्रण दैत कहलनि।