भव्यताक संग पूरा भेल वाचस्पति स्मृति पर्व समारोह ठाढी – मूल वाचस्पति डीहपर

ठाढी, मधुबनी। मार्च १७, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

काल्हि वृहस्पति दिन १६ मार्च २०१७ केँ भामती-वाचस्पति उद्यान ठाढी मे सर्वतंत्र-स्वतंत्र विद्यावारिधि वाचस्पति मिश्र केर स्मृति समारोहपूर्वक संपन्न भेल। वाचस्पति स्मारक मंच ठाढीक तत्त्वावधान मे संपन्न एहि स्मृति पर्व समारोह मे वाचस्पतिक कृतित्व पर विद्वत् गोष्ठीक संग-संग कवि गोष्ठी तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन सेहो कएल गेल।

एहि समारोहक उद्घाटनकर्ता कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालयक प्राचार्य व्याकरण विभाग डा. शशिनाथ झा छलाह, संगहि विश्वविद्यालयक दर्शन विभागक डा. बौआनन्द झा, वेद विभागक डा. विघेश्वर झा, धर्म विभागक डा. दिलीप कुमार झा, ए. एन. सिन्हा इन्स्टीच्युट, पटनाक निदेशक डा. दिगम्बर मिश्र दिवाकर, शिक्षा शास्त्री डा. नन्दकिशोर चौधरी तथा डा. कालिका दत्त झा समान विशिष्ट विद्वान् लोकनि भाग लेलनि। वाचस्पतिक तैल्यचित्रपर माल्यार्पणक संग दीप प्रज्ज्वलित करैत वेद ध्वनिक उच्चारण कय कार्यक्रमक विधिवत् उद्घाटन कएल गेल। वाचस्पतिक प्रतिमा जेकर अनावरण पैछला वर्ष भेल छल ताहि ठाम सेहो माल्यार्पण विशिष्ट अतिथि लोकनि कएलनि।

आरम्भिक मंच संचालन संस्कृत शोधार्थी राघवेन्द्र झा द्वारा कएल गेल। कार्यक्रम संयोजक तथा आयोजक समितिक अध्यक्ष रत्नेश्वर झा द्वारा स्वागत मन्तव्यक संग वाचस्पति स्मृति दिवसक लक्ष्यक दिशा मे सभ सरोकारवालाक ध्यानाकर्षण कएल गेल। ओ पूर्वहि वर्षक मांग केँ दोहराबैत वाचस्पतिक डीह सहित विभिन्न स्मृति-शेष रहल गाम ठाढी मे संस्कृत शोध केन्द्रक स्थापनाक संग संस्कृत शिक्षा पद्धतिक प्रचार-प्रसार आ महत्वपर समाजक ध्यानाकर्षण सेहो कएलनि। संस्कृत विश्वविद्यालयक संग समस्त विद्वत्जन संग आह्वान करैत वाचस्पति सँ प्राप्त अद्वितीय प्रेरणाक लाभ वर्तमान पीढी केँ कोना भेटत ताहि दिशा मे बेसी ध्यान देबाक आवश्यकतापर ओ जोर देलनि।

उद्घाटनकर्ता विद्वान् प्राचार्य डा. शशिनाथ झा बहुत सहज शब्द मे वाचस्पति मिश्र केर लेखनी आ ताहि मे प्रस्तुत उदाहरण मार्फत गूढ सँ गूढतम् रहस्य केँ बुझबाक युक्तिक औचित्य ओ महत्वपर प्रकाश दैत कहलनि जे आजुक समय मे सेहो हुनकर कार्यक ओतबे अधिक प्रासंगिकता अछि जतेक ई शुरू मे रहल होयत। हुनक विद्वता आ प्रेरणा सँ आजुक पीढी केँ सीख लैत ओहि दिशा मे आरो बेसी काज करबाक आवश्यकता अछि।

डा. बौआनन्द झा द्वारा प्रस्तुत कार्यपत्र अत्यन्त महत्वपूर्ण छल, परञ्च एकर वाचन समयानुकूल नहि होयबाक कारण श्रोता एकर मर्म केँ ठीक सँ नहि बुझि सकल एना प्रतीत भेल। एकर प्रकाशन आगामी स्मारिका वा स्वतंत्र पोथीक रूप मे हो से भाव प्रकट करैत डा. बौआनन्द झा – दर्शन विभागक प्राचार्य सभा मे अपन विचार रखलैन।

धर्म विभागक प्राचार्य डा. दिलीप कुमार झा अपन भाव-उद्गार रखैत वाचस्पतिक सर्वतंत्र स्वतंत्र होयबाक विषय केँ फरिछेने छलाह। तहिना अन्य-अन्य विद्वान् दवारा वाचस्पति साक्षात् वृहस्पतिक अवतार कोना छलाह आर विश्व भरिक विभिन्न विद्वान् सरस्वती सँ कोन तरहें सहाय होयबाक प्रार्थना करैत वाचस्पतिक देल शिक्षा केँ ग्रहण करैत छथि, ताहि सब दृष्टान्तपर विस्तार सऽ चर्चा कएलनि।

एहि उद्घाटन सत्र मे विद्वत् गोष्ठी सँ पहिने गामक दर्जनों युवा द्वारा संस्कृत मे शिक्षा ग्रहण कएल जा रहबाक बात लेल सराहना करैत गुरुजन विशिष्ट अतिथि लोकनिक हाथ सँ विशेष आशीर्वाद प्रदान करबाक दृष्टि सँ विभिन्न महत्वपूर्ण पोथी आदि दियाओल गेल छल। तहिना गाम मे १९३१ ई. सँ प्रारम्भ आ १९४० ई. सँ निरन्तरता मे रहल “प्रभात फेरी” जाहि मे “हरे रामा हरे रामा – हरे कृष्णा हरे कृष्णा”केर नाम कीर्तन सहित भोरे ५ बजे गामक एक छोर सँ दोसर छोर केर यात्रा प्रतिदिन कएल जा रहल अछि, तेकर प्रवर्तक सुधीर झा केँ मंचपर विशिष्ट सम्मान हस्तान्तरित कएल गेल। ठाढी गाम केर महत्ता मे विद्या आ आध्यात्मिकताक निर्वहनक बड पैघ इतिहास रहल अछि, एक सँ एक पुरुष एहि धरापर अवतरित होएत रहला अछि। ताहि क्रम मे एक अति विशिष्ट साधक राजेन्द्र झा द्वारा आजीवन पुराण-पाठ केर संकल्प पूरा कएल जा रहल अछि, केहनो पानि-बुन्नी-आँधी-तूफान हुनकर प्रतिबद्धता केँ आइ धरि खंडित नहि कय सकल अछि – एहि महापुरुष द्वारा गामक बीच स्थापित दुर्गास्थान मे देवी केँ अठारहो पुराण केर पाठ सुनाओल जा रहल अछि। एहि वास्ते एहि सम्मानित मंच द्वारा हुनका विशेष सम्मान हस्तान्तरण कएल गेल। एहि बेरुक आयोजन मे स्मृति दिवस केँ समाज संग जोड़बाक एहि अनुपम प्रयासक सब कियो बहुत प्रशंसा कएलनि।

मंचासीन समस्त विशिष्ट विद्वान् अतिथि लोकनि केँ पाग-दोपटा सँ सम्मानित करबाक संग-संग स्व. सहदेव झा द्वारा वाचस्पति व अन्य महापुरुषक स्मृति कएल गेल विभिन्न योगदानक चर्चा मिथिलेश्वर झा कएलनि, संगहि सब गोटा केँ ‘वाचस्पति मिश्रः एक संस्मरण’ तथा स्तुति त्रयम् (पं. वासुवदेव झा द्वारा सम्पादित तथा मैथिली अनुवाद) सेहो स्मृति-चिह्न केर रूप मे हस्तान्तरित कएलनि। आयोजक समितिक सचिव काशीनाथ झा द्वारा एहि सत्रक विभिन्न प्रस्तोता एवं अतिथि लोकनि केँ धन्यवाद ज्ञापनक संग गोष्ठी समाप्तिक घोषणा ओ कवि गोष्ठी आरम्भ करबाक उद्घोषण कएल गेल छल।

समारोहक दोसर सत्र मे कुल २४ कविक सहभागिता आ मैथिली साहित्यक वरिष्ठ पुरोधा साहित्यकार-कवि डा. भीमनाथ झा केर अध्यक्षता – अजित आजाद केर संचालन मे भव्य, शालीन आ सफल कवि-गोष्ठी लगभग ३ घंटा धरि चलल। एहि कवि गोष्ठी मे नेपाली भाषाक चर्चित कवि सुमन पोखरेल तथा युवा कवि विराट अनुपम सेहो भाग लेलनि जाहि सँ एहि कवि गोष्ठी केँ अन्तर्राष्ट्रीय कवि गोष्ठीक दर्जा सेहो भेटल। संचालक अजित आजाद केर चिर-परिचित विशिष्ट शैली मे आगू बढल कवि-गोष्ठी मे २४ गोट कवि मे उदयचंद्र झा विनोद, डा. चन्द्रमणि, रामेश्वर निशान्त, सतीश साजन, ऋषि वशिष्ठ, दिलीप कुमार झा, अंशुमान सत्यकेतु, गोपाल झा अभिषेक, प्रवीण नारायण चौधरी, नेपाली कवि सुमन पोखरेल आ विराट अनुपम, मोहन यादव, मैथिल प्रशांत, अक्षय आनन्द, दीप नारायण विद्यार्थी, आनन्द मोहन झा, प्रीतम निषाद, गुँजन श्री आदि मुख्य रहैथ। एहि गोष्ठीक समापन कार्यक्रम संयोजक सह अध्यक्ष रत्नेश्वर झा द्वारा कएल गेल।

पुनः रात्रिक ९ बजे सँ राम बाबू झा ओ अन्य गायक-कलाकार लोकनिक सहभागिता मे भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमक आयोजन संग ई समारोह समापन कएल गेल। सब आगन्तुक अतिथि आर विशेष रूप सँ समस्त ग्रामीण केँ धन्यवाद दैत सभक सहयोग सँ कोनो पैघ कार्यक्रम सफल भऽ पबैत अछि, ई बात आयोजक क्षमाधर झा कहलैन।