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किरणजीक जयन्ती-दिवस पर एक महत्वपूर्ण विचार – प्रेरणा सँ भरल प्रणेताक भावना

परिचय एक महत्वपूर्ण संस्थाकः प्रेरणास्रोत मैथिलीक वरिष्ठ सर्जक लोकनि

– उदयचन्द्र झा ‘विनोद’

मैथिल समाज, रहिका बिहारक मधुबनी जिलाक एक महत्वपूर्ण संस्था थिक जे आइ पैंतालिस वर्ष सँ अव्याहतरूपेण भाषा साहित्यक विकासात्मक अभियान मे अपन यत्किंचित योगदान दैत आयल अछि। ई एही संस्थाक प्रताप थिक जकर तत्वावधान मे गत पचहत्तरि इसबीक आपातकाल मे धरती पर प्रायः प्रथमे विद्यापतिक प्रतिमाक स्थापना बीच रहिका चौक पर क ओकर विद्यापति चौक नाम रखलक। एहि सँ पूर्व कोनो सार्वजनिक स्थल पर कविकोकिलक प्रतिमा कत्तहु नहि छल। एखनहुँ ई संस्था त्रिदिवसीय समारोह प्रति वर्ष करैत अछि, स्मारिका छपैत अछि, कवि सम्मेलन सेमिनार होइत अछि, रंगारंग कार्यक्रम त आवश्यके।

एहि संस्थाक शुभारंभ तिहत्तरि मे भेल। ओही साल हम अपन चाकरी मे स्थानान्तरित भ पटना अयलहुँ आ डोरण्डा राँची मे शुरू कैल संस्था के त्यागि रहिका मे तकर पुनाहक जोगार धराओल। हमरा सनक नवसिखुआ, जे हम आइयो छी, कथमपि ई काज नहि क सकितहुँ यदि हमरा पीठ पर कांचीनाथ झा किरण, ब्रजकिशोर वर्मा मणिपद्म, बुद्धिधारी सिंह रमाकर, जयधारी सिंह प्रभाकर तथा चन्द्रनाथ मिश्र अमरक हाथ नहि रहैत। हमरा संग अपनो लोकनि के ई जानि प्रसन्नता होयत राजनीति आ पत्रकारिताक अतिरिक्त साहित्य क्षेत्र सँ सुमन जी, मधुप जी, व्यास जी, परमानन्दन शास्त्री, दीनानाथ झा, रामकरण शर्मा, हीरानन्द शाश्त्री, धीरेंन्द्र, धूमकेतु, राजमोहन झा समेत यावन्तो लोक एहि मंचक शोभा बढौने छथि।

कामरेड भोगेन्द्र झा जीक सहयोगक अलग सँ स्मरण नहि करब कृतघ्नता होयत। एकटा कचोट तैयो लगले रहि गेल जे हुनक इच्छा रहितो स्वनामधन्य हरिमोहन झा के वृद्धावस्थाक कारणे कहियो नहि आनि सकलियनि आ कीर्त्तिनारायण मिश्र नहि आबि सकलाह। यात्री जीक अंतिम कवि सम्मेलन हुनकहि अध्यक्षता मे एही मंच सँ भेल आ ताहि अवसरक हुनक वक्तव्य, जे मंच सँ हमही पढने छलहुँ, हुनक रचनावली मे संकलित अछि।

आइ किरण जयन्ती थिक। एहि अवसर पर ई स्मरण करैत नीक लगैत अछि जे हुनक देहान्तक बादे मैथिल समाज, रहिका किरण पुरस्कारक शुभारम्भ कयलक जे अद्यावधि जीवकान्त, मोहन भारद्वाज, विश्वनाथ, तारानन्द वियोगी, महेन्द्र मलंगिया, रमानन्द झा रमण, अशोक, नीता झा, मधुकान्त झा, मनमोहन झा, श्याम दरिहरे, सुस्मिता पाठक प्रभृति केँ प्रदान क चुकल अछि। एकर अतिरिक्त यात्री पुरस्कार आ महेन्द्र सम्मान नाम सँ दू गोट आर पुरस्कार ई संस्था प्रति वर्ष दैत अछि। कहबा मे संकोच होइछ जे प्रति पुरस्कार मान पत्रक संग पाग दोपटा आ मात्र एगारह हजार टका देल जाइत अछि। महेन्द्र सम्मान त पाँचे हजार थीक। पहिने ई राशि आरो कम छल।

सम्प्रति बिहार सरकारक पूर्व मंत्री राजकुमार महासेठ एहि संस्थाक अध्यक्ष छथि आ मधुबनी जिला कांग्रेस अध्यक्ष रहिका ग्रामवासी शीतलाम्बर झा सचिव। हम एहि संस्थाक कार्यकारिणी सदस्य पर्यन्त नहि रहल छी कहियो।

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