आगिलग्गी सँ परेशान बिहार – ९ बजे सँ ६ बजे चुल्हा नहि जराउ

आगिलग्गी सँ बचबाक लेल ९ बजे सँ ६ बजे दिन मे चूल्हा नहि जराउ कतेक औचित्यपूर्ण आर कतेक प्रभावी?
राम बाबू सिंह, दिल्ली। अप्रैल २८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
fire incident in biharखड़ पतार लकड़ी कोयला सँ जराब बाला चूल्हा पर भिनसर के 9 बजे सँ साँझक 6 बजे धरि भानस करैत पकरेलहुँ तखन दू सालक सजा आ जुर्माना सेहो भ सकैछ। बिहारक स्त्रीगण चूल्हा पजार सँ पहिने घड़ी में समय के देखब नितान्त आवश्यक भ गेलन्हि। पहिने जेकाँ नहि कि गरम गरम खएबा लेल जखन मोन भेल तखन चूल्हा पजाइर लेलहुँ। सरकारी फरमान के हिसाब सँ भोर के 9 आ साँझ के 6 बजे धरि अपन माटिक चूल्हा पजारि नहि सकय छि। मुदा जँ गैस चूल्हा उपलब्ध अछि तखन कोनो बात नहि अपन मोनक मोताबिक बना सकय छी। ओना ई बात किछ अनर्गल जेका बुझयत अछि लेकिन सौ आना सच अछि। एहि अवधि में यज्ञ हवन तक के मनाही छैक।
 
बिहार में एखन जरल गरमी पड़ि रहल अछि। छाहरि सेहो छाहिरक आश में नुकाइत जेकाँ देखाइत अछि। जतय ततय आगि लगी के खबर अबैत रहैत अछि। घास फ़ुसक बनल घर द्वार में लोक माटिक चूल्हा पर लकड़ी कोयला गहुँमक खर पतार सँ पजारि भानस करैछ आ पछिया बसात में चिनगी उड़ि कोनो चान में लागि गेल फेर घरक घर जरा दैत अछि। जाहि सँ जान मालक सेहो बहुत नुकसान होयत अछि। सरकारक एहि फरमान के हलुक में नै लेब कारण सरकारी नियम कायदा सँ ई एडवाइजरी लागु कयल गेल अछि।
 
बुझ बाला बात ई अछि कि बिहार के पिछड़ल जे बस्ती थीक जतय लोक गैस के उपयोग बहुत कमतर लोक करैत अछि। गामक लोक एक बेर भोरे चूल्हा पजारि लेल फेर सांझे में बुझाबैत छथि। ओतय ई नियम देखु कतेक सफल होयत। कारण भोरे भोर जन बोनिहारि करय बाली स्त्रीगण घर सँ काज करय चलि जाय छथिन फेर काज ख़तम कएलक बादे अबैत छथिन। तत्पश्चात भानस के अपने संग धिया पुताक पेट भरैत छथि। तें ई समय सारिणी बड़ कठिन बुझना जायत अछि।
 
एखन बिहार में अगिलगी के घटना बहुत तेजी सँ बढ़ि रहल अछि। नित्य नव गामक खबर आबि जएत अछि। औरंगावाद जिला में 22 अप्रैल ले अगिलगी में 13 लोक काल के ग्रास भ गेल। मात्र एक महीना में अगिलगी घटना में करीबन 67 लोकक जान चलि गेल। मुदा जान मालक नुकसान के रोक लेल एहन एडवाइजरी कियो पचा नहि रहल अछि ? ओना एहन आफद सँ निपट के लेल छोट छिन्ह अग्निशामक यन्त्र के बढ़ेबाक अत्यंत जरुरी छै जाहि सँ मशीन छोट छोट स्थान धरि पहुंचएल जा सकय। मुदा अगिलगी रोकबाक एहन फरमान के जनहित में कहबै या नहि से अपने लोकनिक दर्शन पर छोड़ि देलहुँ। बिहार में शराब पर प्रतिवन्ध लगेलाक बाद नितीश जी खूब प्रसंशा भेलनि आ एखन धरि एकर लोकप्रियता बनेने छथि। आब ई नवका फरमान लोक के अपच भ रहल छनि । बिहार में नहि पियब से त निक छल मुदा खएब् नहि से कोना हएत।
 
नागार्जुन के एकटा कबिताक किछू लाइन बिहार के आजुक परिपेक्ष्य में एकदम फिट अछि।
कई दिनों तक चूल्हा रोया, चक्की रही उदास।
कई दिनों तक कानि कुतिया, सोयी उसके पास।।
एतय आशय अछि हमर सरकरी फरमान सँ सम्बंधित जे बिहार में जन बोनिहार
करय बाला लोकक गरीबी पर सरकारी मजाक जेकाँ बुझना जायत अछि। सरकारी फरमान अएलाक बाद गरीब मजदूर जे एक त ओहिना अपन जन बोनिहरिक लेल तकलीफ में छथि आ ताहि पर एहन फरमान आरो तकलीफ बढ़ेबाक काज के कयल गेल अछि।