— कीर्ति नारायण झा।
जमाना बदलि गेलै अछि, जमाना आब बहुत तीव्र गति सँ आगू मुँहे भागि रहल अछि आ एहि में हम मैथिल लोकनि ककरो सँ पाछू रही से कोना भऽ सकैत अछि, आगू भागवाक होड़ में हम अपन संस्कार, सभ्यता, संस्कृति सभके बिसरल जा रहल छी, मात्र भागवाक अछि, ओकर बाद भले कोनो चौक चौराहा पर गप्पबाजी हेतैक, मुँह सँ कोनो नेता के जीतेनाइ हरेनाइ अथवा कोनो क्रिकेटर के मुँह सँ नीक आ बेजेए के निर्णय केएनाइ इत्यादि में लटकल रही, अर्थात् कहवाक तात्पर्य जे जिनगी फास्ट भऽ गेलैक अछि। एकरा देखा देखी रहनाइ, खेनाइ पीनाइ सभ पर प्रभाव पड़ैत छैक। अपना सभक ओहिठाम सेहो फास्ट फूड के एकटा क्रेज भऽ गेलैक अछि आ एकर कारण छैक देखा देखी। देखसी करवा में हम मैथिल के कोनो मुकाबला नहिं। अपन संस्कृति, अपन खान पान, रहन सहन के यथाशीघ्र छोड़ि अन्य संस्कृति अथवा खान पान स्वीकार करब हमरा सभके पुरान आदति अछि तेँ पुरान लोक सभ सेहो फकरा बनाओने रहैथि जे “खंजनी चलली बगरा चालि, तऽ अपनो चालि बिसरली” फास्ट फूड अपनेवा के सभ सँ प्रमुख कारण हम देखसी मानैत छी आ आन खान पान के देखि जीह सँ शीघ्र पानि खसनाइ अछि। हमरा सभके फास्ट फूड में मैगी, चाउमीन इत्यादि बड्ड नीक लगैत अछि, तुरंत आगि पर चढाउ आ दू मिनट मे तैयार… मुदा हमरा लोकनि इ बात बिसरि जाइत छियैइ जे इ फास्ट फूड सभ जतेक जल्दी तैयार होइत छैक ओहि सँ बेसी जल्दी सँ पेट में जा कऽ ओ खराबी करैत छैक। प्राकृतिक नियम के अवहेलना कयला सँ नीक परिणाम केर आशा केनाइ मुर्खतापूर्ण होयत। भोजन आगि पर जतेक नीक जकाँ सिद्ध होइत छैक ओ शरीर के लेल ओतेक लाभकारी होइत छैक। फास्ट फूड के सभ सँ बेसी दुष्प्रभाव स्कूल जाइ बला धिया पूता सभ पर पड़ि रहल छैक जे समय अभाव के कारणे भोर में नीक नाश्ता नहिं बनेवाक कारणे फास्ट फूड बना कऽ बच्चा के अस्वस्थ करवाक प्रयास कयल जाइत छैक। पूरान जमाना में भोर पाँच बजे होइत छलैक आब ओ सात बजे आठ बजे होइत छैक, जाहि कारणे हरवड़ी में फास्ट फूड के विवशता के झेलय पड़ैत छैक जे बच्चा के स्वास्थ के लेल कोनो दृष्टिकोण सँ स्वास्थप्रद नहिं छैक। आब तऽ अपना सभक ओहिठाम बियाह दान में सेहो फास्ट फूड के इन्स्टॉल लगैत छैक आ बेसी भीड़ सेहो ओम्हरे रहैत छैक, इ नव मिथिलाक खान पान बनि गेलैक अछि। अपना सभक ओहिठाम पहिले सँ फास्ट फूड चूड़ा दही चीनी रहलैक अछि जे जल्दी सेहो उपलब्ध रहैत छलैक संगहि स्वास्थप्रद सेहो होइत छलैक, मिथिलाक प्रसिद्ध मखान के भूजि कऽ अथवा तरि कऽ सभसँ फास्ट फूड, मुदा आब इ भोजन सभ आउटडेटेड भऽ गेल छैक। एहि फास्ट फूड के रोकवाक लेल एकर स्वास्थ के प्रति दुष्प्रभाव के विषय में सभके जागरूक करय पड़त। अपन मिथिलाक विश्वप्रसिद्ध भोजन के बढावा देवय पड़त तखने टा एहि नवका फास्टफूड रूपी जहर सँ मुक्ति प्राप्त होयत। मिथिला मे सभ पाबनि में अधिकांश रूप सँ विशिष्ट भोजन के प्राथमिकता रहैत अछि जेना कोना पावनि में चूड़ा दही, खिच्चड़ि, गूड़क खीर, पुरीकिया, बगिया, दालि पिठ्ठी इत्यादि जकर तुलना फास्ट फूड कहियो नहिं कऽ सकैत अछि।