— रिंकू झा।
पूरा बिहार खास क मिथिलांचल, भोजपुर,आर मगध क्षेत्र में पुत्र जन्म के अवसर पर सोहर गआउल जाईया,पमरिया नचऐय,। ई सब उत्सव मनावै के एक टा प्रक्रिया छै। ओना त मिथिला में विध-विध के गीत अछि , मुदा सोहर खास कय मुड़न,उपनयन आर पुत्र के जन्म के समय,या छठीहार के दीन गआउल जाईया,जाहि में राम आर कृष्ण के ईंगीत कय बहुत रास सोहर आर बधाई के गीत बनाओल गेल अछी। जेना कहल जाई छै जे अयोध्या नरेश दसरथ आर रानी कौशल्या के कोनो संतान नहीं छलऐन त ओ पुत्र प्राप्ति के लेल यज्ञ केने छैथ जाहि के फल स चैत्र मास के शुक्ल पक्षक नवमी तिथि क भगवान राम के जन्म भेल छऐन्ह जाही स समस्त अयोध्या में खुशी के माहौल छल आर घरे -घर सोहर बधाई बाजी रहल छल , मोहर ,हीरा , मोती लुटआउल जा रहल छल ।
जेना – जखनहई राम जनम लेल , ईश्वर दहीन भेल रे ,
ललना रे दुष्ट मरय हीया फाटय, मित्र घर सोहर रे ।।
(२- धन्य, धन्य राज अयोध्या, धन्य राजा दशरथ रे ,
ललना रे धन्य कौशल्या जी के भाग् की राम जनम लेल रे ।
ओना त समस्त भारत में हिन्दू बहुल क्षेत्र में चैत्र रामनवमी के उत्सव बहुत धुमधाम स मनआओल जाईया, मुदा अयोध्या आर मिथिला में एकर किछु बेशी प्रभाव भेटत कारण मिथिला स भगवान राम के बहुत गहरा आर पुराण संबंध छैन । मिथिला के भुमी बहुत पावनि अछि ।एतय लक्ष्मी स्वरूपा धीया सीता के जन्म भूमि छैन ।आर विष्णु अवतार श्री राम आर सीता के मिलन अहि धरती पर प्रथम बेर पुष्प वाटिका में भेल छैन्ह । मिथिला के लोक के लेल राजा जनक के दुलरी धीया सीता रुप,शील,गुण संपन्न आदर्श नारी छैथ । हुनका मिथिलावासी जगत जननी के उपाधि देने छथीन।ओ एक टा आदर्श आर पतिव्रता स्त्री छलैथ , समस्त मिथिलावासी अपना बेटी रुपी संतान में सीता के छवि देखै छैथ , मिथिला में सीता केवल बिदेहराज जनक के बेटी नहीं छलखीन बल्कि समस्त मिथिलावासी के बेटी यानि हृदय के टुकड़ा छैथ ,कारण मिथिला में पूरा गांव के नऐहर (पैतृक घर) मानल जाई छै ।केवल पीता के घर नऐहर नहीं होई छै,याह कारण छै की सीता स यानी बेटी स एतेक प्रेम छैन्ह मिथिला क लोक के हृदय में कि ओ अपन जमाई यानी पाहुन के बेटी स बर्ही कय मानै छैथ , मिथिला में जमाई के बिष्णु के स्थान देल गेल अछि। रामजी के मिथिला स प्रेम के नाता छैन्ह । मिथिलावासी राम के भक्त छैथ । समस्त देश के लेल रामचन्द्र जी एक टा देवता छैथ, जगतपीता छैथ, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम छैथ ,पर मिथिलावासी के लेल ओ केवल हुनकर पाहुन यानी जमाई छैथ।राम-सीता मिथिला के हर लोक कला में समाहित छैथ जेना मैथिली गीत होई या मिथिला पेंटिंग। प्रिय पाहुन होबय के खातिर मिथिला में लोक घरे-घरे श्री राम के पुजय छैथ ।
जेना – श्री रामचन्द्र कृपालु भजु मन अरण भय भव दआरउणम, नव कंज लोचन अरण भय भव दआरउणम।।
ओतही जमाई होबय के नाते हंसी -मजाक के रुप में गाईर खुव दै छथीन, आर ई अधिकार केवल मिथिलावासी के छैन्ह।
जेना -राम जी स पुछे जनकपुर के नारी,बता द बबुआ लोगवा देत काहे गारी बता द बबुआ।।
श्री राम जी के सारी , सरहओईज सब रोकै चाहै छथिन मिथिला में त नाना प्रकार के लोभ-लालच दै छथीन रहै के लेल ,।
हे पहुना अही मिथिले में रही ना,हे पहुना अही मिथिले में रही ना।
जवओनए सुख बा ससुरारी में तवने सुखवा कहु ना ।
कहै छथिन जे सासुर में जे सुख भेटत से आर कतहुं नहीं भेटत । छप्पन भोग के ब्यंजन परसल जाई छैन हुनका आर कहल जाइ छैन गीत के माध्यम स
जेना – प्रिय पाहुन राजकुमार रुचि स जीमी लीय , मेही चाउर जतन भनसिया, राहड़ी के दाली बटा भरी राखल ताहि देलहु घृत ढारी रुची स जीमी लीय।।
एक तरफ हुनकर स्वागत होई छैन मिथिला में
जेना – मंगलमय दीन आजु हे पाहुन छथी आएल ,
दोशर तरफ सखी सब हंसी -मजाक में माता कौशल्या के गारि दै छथीन
जेना -खीर खाय बालक जनमऔलनई ,अवध के नारी छीनारी हे पाहुन छथी आएल।
होली में राम के लय गीत जेना- मिथिला में मिथिला में राम खेलथी होली मिथिला में,। पुरा मिथिला राममय भेल रहऐयआ, चैत्र रामनवमी क अही तरहे श्रीं राम जी के जन्मौत्सव बहुत सुंदर आर धुमधाम स मनआओल जाईया, मंगल गीत सोहर आर बधाई पसरल रहऐयआ।ई मास अहुना मधुमास रहै छै, वातावरण खुशमय रहै छै। मिथिला मर्यादा के भुमि छै,एतय सबके प्रेम आर सम्मान भेटै छै ,त रामजी त हुनकर प्रिय पाहुन छथीन। मुदा मिथिलावासी अपन धीया सीता के स्थान राम स पहीले देलैथ तहने त सीत -राम के बोल में राम स पहीले सीता कहल जाईया,। मिथिला के घर घर मे छैथ सीता, सबके हृदय में छैथ सीता राम, ।।
जय मिथिला जय मैथिली 🙏🏽
✍️ रिंकु झा, ग्रेटर नोएडा