— मैरी झा।
जन संचार, मिडिया, इलेक्ट्रॉनिक मिडिया, डिजिटल मिडिया के समकालीन समय में लोक के जीवन पर जबरदस्त प्रभाव परलई…लाइफस्टाइल में क्रन्तिकारी बदलाव खान पान सँ ल क पहिरावा ओढाबा, जीवन शैली, आहार व्यवहार, आचरण, सोच, मानसिकता, स्वास्थ्य शिक्षा तक पर एकर जबरदस्त असर परलइ…
ताहि में डिजिटल सोशल मिडिया के त जवाबे नैह छै , आधुनिक युग में त ई समाज के अभिन्न अंग भ गेल अइछ… नीक आ बेजाई हर तरहे ई सबके अपना आगोश में लेलक आ ई समाज के अविभाज्य अंग बैन गेल
अभिव्यक्ति के आजादी के जेना सोशल मिडिया के कारण पर (पँख )लायग गेल। कोनो भी मसला होइ अहाँ सेकंडो में अपन बात करोड़ो लोक तक पहुंचा सकैत छी आ अय पर उचित समर्थन हासिल क सकेत छी शासन सत्ता के ध्यानाकृष्ट क सकइत छी मतलब सेकंडो में हीरो बैन सकैत छी….
भारत त बुझु जे एकर मातृ भूमि भ गेल अइछ।भारतीय लोक के त सोशल मिडिया में पारंगत हासिल छैक… विश्व रिपोर्ट के अनुसार जेना भारत के आई टी कम्पनी के हब मानलो गेलै ओहिना एत सोशल मिडिया के उपयोग विश्व के कोनो देश सँ ज्यादा होइ बला देश में हमर भारत शामिल अइछ….
रिक्शा बला ठेला बला, रेहरी बला, जन मजदूर भले ही ओकरा हस्ताक्षर कर नै अबैत होइ अहाँके व्हाट्सप्प फेसबुक, टिकटोक इंस्टाग्राम आदि चलबैत जरूर सँ भेंट जैत… आ ई अपना आप में एकटा विश्व रिकॉर्ड थिक. ओना पापुलेशन के हिसाब सँ दोसर नंबर पर अपना सब छी आ इंटरनेट के उपभोक्ता के रूप में सेहो…. लगभग हर वर्ग के लोक सोशल मिडिया के इस्तेमाल क रहल छैथ….
एकर विभिन्न तरह सँ जनमानस के जीवन पर प्रभाव परल।
बात करी त राइट टू इनफार्मेशन, शिक्षा, रहन सहन अय सब में क्रन्तिकारी प्रभाव…. भले ही किताबी ज्ञान स्कूली शिक्षा बहुतों के नइ भेटल होइ कोनो कारण वश परन्तु सोशल मिडिया पर चलैत विभिन्न ऑडियो विजवल कंटेंट सँ बहुत राशि ज्ञान वर्धक बात जे लोक स्कूली शिक्षा नै ल सकलाइन हुनका निरंतर भेंट रहल छैन आ ओ सम्बंधित क्षेत्र में विश्व में अपन नाम कमा रहला है आ एकर बहुतो रास उदाहरण भारत सँ ल क पूरा विश्व में मौजूद अइछ….
ओना कहल जायत छैक जे हरेक चीज के दू टा पहलू होयत छैक त इहो ओइ सँ बांचल नैह अइछ….
एकर बहुत राशि दुष्परिणाम के सेहो असंख्य उदाहरण अइछ…
ओना हम बहुत ज्यादा चिंतित छी धिया पुता के ल क। बहुत रास बच्चा अय सोशल मिडिया के चक्कर में पैर एडिक्ट भेल जा रहल अइछ आ ओकर प्रतिकूल प्रभाव ओकर स्वास्थ्य पर पैर रहल छै… मानसिक तौर पर बहुत रास बच्चा नौजवान अधेर सब एकर गिरफ्त में आयब बीमार भ रहल छैथ, जकर सबस पैग उदाहरण अइछ चिरचिरांपन, जे एकरा गिरफ्त में पूरा तरह सँ छैथ हुनका में बर्दास्त के क्षमता खत्म भ रहल छैन चाहे ओ बच्चा होइथ बा बुजुर्ग। लोक गुस्सैल प्रविर्ति के भेल जा रहल छैथ जे देश, समाज सरकार के लेल चिंता के विषय थिक.
माता पिता एकेटा बेड पर एक दोसर सँ बहुत दूर छैथ….. बच्चा के रायत छत दिस तकई में बीत रहल छैन जे की बहुत चिंता के विषय….
बच्चा अकेलापन के शिकार होइत कम उम्र में डिप्रेशन के शिकार भ रहल अइछ।
सोशल मिडिया बहुत बढ़िया छै परन्तु अहाँक मूल चीज अहाँक असली ख़ुशी छीन लीये ई उचित नैह एकरा अपना जीवन पर हाबी नैह होम दी ई करयुक्त प्रार्थना.. अपन समय के अधिक सँ अधिक बच्चा आ परिवार जं संगे बैसल अइछ त ओकरा दी ओकरा परिवार के यैह मौलिक, नैतिक मूल्य छियै,सीखेबाक़ ई अहाँक आ हम्मर जिम्मेदारी छी।
ई अहाँ आ हमरा पर निर्भर करैत अइछ जे कोनो भी चीज के केना इस्तेमाल करी जाहि सँ हमर जे यथार्थ के सपना बा सुन्दर भविष्य अय ओ अंधकारमय नय हुए..