शिवा कान्त झा – एक अद्भुत बहुमुखी प्रतिभासंपन्न व्यक्तित्व
भारतीय गणराज्यक एक अवकाशप्राप्त उच्चाधिकारी
वर्तमान भारतीय सर्वोच्चा न्यायालयक एक प्रखर वकील
आध्यात्म आ विज्ञानक बीच सदैव सुन्दर सामंजस्य बनौनिहार
संपूर्ण दार्शनिक – प्रखर विचारक
मनुष्यरूप मे जीवनकालक महत्त्व आत्मसात कएनिहार एक ‘बुद्ध’
संछिप्त परिचय:
दरभंगा जिलाक कुर्सों गाम मे हिनक जन्म १९३७ ई. मे एक देशसेवी – स्वतंत्रता सेनानी पिता एवं परिवार मे भेलनि। बाल्यकालहि मे देशसेवाक सुख आ दु:ख दुनू सँ स्वयं परिचित भेलाह। अंग्रेजी मे एमए आ एलएलएम केर डिग्री संवैधानिक एवं अन्तर्राष्ट्रीय कानून केर विषय सँ कएलनि। मगध विश्वविद्यालय सँ आबद्ध एक महाविद्यालय मे अध्यापन सँ शुरु करैत १९६४ ई. मे भारतीय राजस्व सेवा मे योगदान केलनि आ आयकर विभागक प्रमुख आयुक्त पद सँ १९९८ ई. मे अवकाश प्राप्त केलनि। तदोपरान्त सर्वोच्च न्यायालय केर बार एसोसिएशन सँ आबद्ध होइत वकालत शुरु कएलनि, आर हाल धरि कतेको जनहित याचिका दायर करैत भारतीय न्याय एवं प्रशासन व्यवस्था मे सुधान अनबाक प्रखर बौद्धिक एवं नीति-निर्माणक कार्य करैत आबि रहला अछि। ओना वकालत करबाक लेल अनुमति १९७७ ई. मे प्राप्त कय लेने छलाह। हिनका द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय मे दायर एक जनहित याचिका जे ‘इन्डो-मारीशश टैक्स ट्रिटी एब्युज केस’ तेकर चर्चा देश भरि मे भेल छल। दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पर्यन्त हिनकर प्रशंसा करैत उपरोक्त केस द्वारा उठायल बात सँ भारत सरकार केर खजाना मे करोड़ों रुपयाक नोकसानी सँ बचत होयबाक बात कहल गेल छल।
समग्र मे आधुनिक मिथिलाक भारत लेल सुन्दरतम् योगदान स्वरूप श्री शिवाकान्त झा एकटा ईमानदार आ प्रखर पूर्व आयकर आयुक्त सहित वर्तमान विधि-व्यवस्थापन सँ देशक नीति-निर्माण मे प्रत्यक्ष/अप्रत्यक्ष योगदान कय रहला अछि। हिनक अन्य उल्लेखनीय योगदान मे आध्यात्मिकताक महत्त्व सँ जुड़ल अनेको अध्ययन केन्द्र आ सेवा शिविर सहित मानव सेवा आ परोपकार सँ जुड़ल कार्यक चर्चा कैल जाइछ।
एलएल एम डिग्री (मास्टर्स अफ ला) केर प्रश्न-पत्र बनेनिहार आ परीक्षक केर रूप मे पर्यन्त १५ वर्ष धरिक महत्त्वपूर्ण सेवा कोलकाता, पटना आ नागपुर विश्वविद्यालय लेल देलनि। हिनकर लिखल किछु पुस्तक विश्व परिवेश मे बहुचर्चित एवं प्रतिष्ठित अछि ताहि मे The Judicial Role in Globalized Economy आर Final Act of WTO: Abuse of Treaty Making Power नाम शामिल अछि। तहिना डा. टी एच स्मिथ केर लिखल पुस्तक Property Problems in the Law of Sales मे पर्यन्त हिनका उद्धृत करैत अनेको महत्त्वपूर्ण सन्दर्भक चर्चा आयल अछि। एकर अतिरिक्त हिनका द्वारा विद्वत् स्तरक राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय क्रान्तिक निमित्त साहित्य, कानून, सामाजिक न्याय, जनहित सरोकार व भारत-अमेरिका परमाणु समझौताक संग भारतक संप्रभु राज्यसत्ता कोना चलय ताहि दिशा मे अनेकानेक आलेख व सन्दर्भमूलक शोधपत्र आदि प्रस्तुति हिनका द्वारा होइत आइब रहल अछि। एहि सबहक पूर्ण पाठ सेहो हिनकर वेबसाइट www.shivakantjha.org एवं https://shivakantjha.wordpress.com/ पर देखल जा सकैत अछि।
अपन जीवन पर आधारित हिनक आत्मकथा On The Loom Of Time केर प्रकाशन दुइ-दुइ एडीशन मे कैल जा चुकल अछि। विदित हो जे हिनकर एहि पोथीक दोसर बेरुक विमोचन आ परिचर्चा मे भारतक न्यायाधिकरण क्षेत्रक महादिग्गज लोकनि द्वारा भेल छल, जाहि मे प्रमुख उपस्थिति पूर्व कानून मंत्री एवं प्रसिद्ध कानूनवेत्ता शान्ति भूषण एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश लोकनिक समूह रहल छल।
मैथिली जिन्दाबाद पर शिवकान्त झा केर व्यक्तित्व परिचय: एक नीक संयोग
आइ एहि वेबपोर्ट केर एक मास पूरा भऽ चुकल अछि। हमर जेठ भ्राता श्री प्रेम नारायण चौधरी गाम सँ संयोगवश विराटनगर आयल छथि। बहुत रास चर्चा भाइसाहेब संग अपन कुल ओ मूल केर भेनाय स्वाभाविके छैक। एहि क्रम मे हमरा लोकनिक मूल गाम कुर्सों केर योगदान आ देशक प्रति विचार रखबाक विषय पर वार्ता भिनसरुक चाय संग भऽ रहल छल। ताहि क्रम मे विद्वान्, प्रखर, अनुशासित आ अति-प्रशंसित दीप काका यानि उपरोक्त चर्चित महान व्यक्तित्व श्री शिवाकान्त झा केर नाम आयल छल। ताहि अनुरूप ई आलेख अपने सब संग आइ राखि रहल छी। बहुत जल्दी शिवाकान्त झा द्वारा देल साक्षात्कार सेहो राखब। संगहि हिनका द्वारा वर्तमान समय मे संचालित ‘द्रौपदी झा – गोपीकान्त झा ट्रस्ट तथा संचालिया वीणापाणि झा सहितक अनेको चर्चा करब। हाल लेल जे दुइ वेबसाइटक उल्लेख ऊपर केने छी, ताहि सँ समस्त जानकारी उपलब्ध होयबाक जानकारी करबैत किछु अनछुआ विन्दु आ मैथिली-मिथिला तथा मरौसी – मूल आदि पर नितान्त एक्सक्लूसिव वर्णनक संग फेर भेटब। शुभकामना!!