मिथिलाक लोककला मे गायन ओ रंगकर्म केँ शिखर पर पहुँचेनिहार व्यक्तित्व – सुनील कुमार मल्लिक
आइ २६ सितम्बर, २०१८ – भाइजीक जन्मदिन पर हृदय सँ शुभकामना व्यक्त करैत किछु संस्मरण आम जनमानस सँ साझा कय रहल छी। वर्ष २०६७ वि. सं. यानि २०१० ई. मे पहिल भेंट भेल छलाह आदरणीय स्रष्टा श्री सुनिल कुमार मल्लिक, मिथिला नाट्यकला परिषद् जनकपुर केर सांस्कृतिक व रंगकर्मी समूहक संग विराटनगर मे आयोजित ‘विद्यापति स्मृति पर्व समारोह २०६७’ मे। पुनः मिनाप निर्देशक सुनिल कुमार मल्लिक भाइजी भेंट भेलाह धियापुता मे नाट्य-संस्कृति प्रति रुझान उत्पन्न करबाक उद्देश्य सँ रमेश रंजन झा लिखित ‘बुधियार छौंड़ा आ राक्षस’ नाटकक विराटनगर मे प्रदर्शनक सेट पर। मिनाप हृदय पर राज करय। शुरुआत एक दुर्भाग्यपूर्ण सन्देह सँ भेल लेकिन आइ धरि स्वच्छ आ स्वस्थ हृदय सँ मिनापक संग समर्पित ऐक्यता कायम अछि, ताहिक मेरुदण्ड एक सम्भ्रान्त आ सज्जन विद्वान् संगीतज्ञ, रंगकर्मी, उद्घोषक, गायक, निर्देशक, आ कि नहि – से सुनील कुमार मल्लिक भाइजीक कारण बनल अछि।
विराटनगर मे मैथिलीक गहींर जैड़ त रहबे करय, लेकिन सुखायल टाँट जेकाँ मात्र गाछ ठाढ छल आर पतझड़ भेलाक बाद पुनः बसन्तक आगमनक प्रतीक्षा लोक सब कय रहल छल। बसन्तक शुरुआत २०१० ई. मे भेल। आर ताहि मे आदरणीय सुनील कुमार मल्लिक भाइजीक आगमन एकटा मूल तत्त्वक कार्य कयलक। हिनकहि निर्देशन मे मिनाप टोली आयल छल, डोमकच्छ नाटकक प्रदर्शन वीरेन्द्र सभागृह मे भेल आर समूचा विराटनगर मंत्रमुग्ध भऽ गेल छल। २०११ मे ओकर पुनरावृत्ति भेल। हम ई मानैत छी जे कोनो कठिन संकल्प मे जखन सिद्धहस्त कलासम्पन्न-विद्वान् व्यक्तित्वक आगमन भऽ जाइत अछि तऽ जानकी-राघव संग गौरी-शंकर प्रसन्न होइत छथि आर सफलता अवश्यम्भावी भऽ जाइत अछि। आर, आजुक दिन मे तऽ सुनील भाइजी, आ कि मिनाप, आ कि जनकपुर, आ कि ‘एकटा छल गदहा’ केर ओ अविस्मरणीय दृश्य सँ लैत यूट्युब पर, सामाजिक संजालपर आ काठमांडू आदि सब तैर हमरा लोकनि एक-दोसरक अभिन्न मे पड़ैत छी। ईश्वरक विशेष कृपा।
एहेन विज्ञ स्रष्टाजन लोकनि केँ हम मिथिलाक सम्पत्ति मानैत छी। धन्य ई, हिनक अदम्य साहस, मेहनति, सोच, दृष्टि आ समर्पण जे आइ मिथिला अपन सनातन सभ्यता केँ जोगा सकल अछि। सुनील भाइजी अपन कला सँ अपन परिवारहु केर विभिन्न सदस्य केँ लाभान्वित करैत मिथिलाक समग्र हित मे प्रवेश मल्लिक सन तेज-तर्रार आ एक सँ बढिकय एक पौराणिक-आधुनिक म्युजिक ब्लेन्ड आ फ्युजन सब देनिहार लोक आ तहिना नेहा मल्लिक समान मधुर गान करैत मैथिलीक मंच मे नव आयाम जोड़निहाइर बेटी देलनि – मिथिला समाज हिनकर सदैव ऋणी रहत।
प्रस्तुत वीडियो सुनील भाइजी द्वारा कान्तिपुर राष्ट्रीय दैनिक केर संचारसेवी श्री भीम घिमिरे संग वार्ताक थिक, हिनक स्पष्ट आवाज, हिनकर दूरदृष्टिसम्पन्न विचार आदि एहि सँ परिलक्षित होइत अछि। कहियो आरो बहुत किछु लय केँ हिनकर बारे मे ‘मैथिली जिन्दाबाद’ पर आयब। आइ, पुनः जन्मदिनक शुभकामना भाइजी – Sunil Kumar Mallick!
हरिः हरः!!