अपन मिथिलाक एक अति-विलक्षण प्रतिभाक जन्मदिन पर प्रवीण शुभकामना सन्देश
संलग्न तस्वीर केर बीच मे, आदरणीय व्यक्तित्व – नाम श्री रमेश रंजन झा। एक प्राज्ञ आ नेपाल सरकार द्वारा प्रदत्त सम्माननीय पद पर आसीन – अपन प्रतिभा आ कला-कुशलता सँ पद केर प्रतिष्ठा बढौनिहार व्यक्तित्व मे सँ छथि आदरणीय रमेश रंजन झा। मैथिली भाषा आ मिथिलाक लोकसंस्कृति संग-संग नेपालदेशक विभिन्न लोकसंस्कृति पर गहींर अध्ययन कयनिहार आ रंगकर्मक दुनिया सँ लैत फिल्म केर दुनिया धरि अपन कलाकारिता, निर्देशन, मार्गदर्शन आदि सँ कतेको रास कीर्तिमान स्थापित कयलनि अछि एखन धरि। आइ, रमेश रंजन भाइजीक जन्मदिन थिक आर ताहि अवसरपर एक प्रशंसक ‘प्रवीण’ केर तरफ सँ हार्दिक शुभकामना, अपनेक स्वास्थ्य नीक आ आयू सेहो दीर्घ हो। सृजनकर्म मे सक्रिय अहाँक माथ सदैव शान्ति, स्थिरता आ गम्भीरताक संग अग्रसर रहय।
मुद्दई लाख बुरा चाहे तो क्या होता है
होता वही जो मंजूरे खुदा होता है
हिन्दी फिल्म केर ई डायलाग अपनेक व्यक्तित्व पर सटीक बैसैत अछि। विद्याधनं सर्वधनं प्रधानम् केर सत्य केँ माननिहार अपने सदैव प्रतिभा आ कला-कौशल मे चतुरता केँ सम्मान करैत रहलहुँ अछि। चाटुकारिता आ चरणवंदना केँ दूर ताख पर राखि सिर्फ अपन बहुप्रतिभावान छविक संग प्रतिद्वंद्विता सँ बहुत ऊपर एकटा देशक एक महत्वपूर्ण विधा लोककला, संगीत एवं नाट्य विभागक प्रमुख केर पद पर आसीन छी। हालांकि जरयवला कतेको जरल, मरयवला कतेको मरल, लेकिन बढयवला रमेश रंजन बढिते रहल। हम एहेन जिवटगर सज्जन आ राजनीति मे सेहो बाम सिद्धान्त केर अनुकरण कयनिहार व्यक्तित्व केँ प्रणाम करैत छी, आदर करैत छी आर ई जनैत छी जे कोन अवस्था मे कहिया आ कियैक परिवर्तन – दल बदलबाक बाध्यता बनल, परञ्च अपन बाम राजनीतिक दृष्टिकोण केँ सदिखन एकसमान रखैत राष्ट्रवाद केर पोषक बनि राष्ट्रहित लेल चिन्तन करैत रहलहुँ। आर, भले अपने बाम राजनीति मे अपन आजीवन सौंपि देलहुँ, परञ्च भाषा, साहित्य, संस्कृति, समाज आ राष्ट्रक सर्वोपरि हित लेल न बाम न दक्षिण – पंथनिरपेक्ष बनिकय अपन १००% योगदान देलहुँ। हमर सौभाग्य जे जीवन मे सहकार्य लेल किछु अवसर सेहो प्रदान कयलहुँ।
लेखनी मे जतेक चुस्त-दुरुस्त छी, ओतबे अहाँक वक्तव्य सशक्त होइत अछि। जाहि कोनो विषय पर आइ धरि विचार रखलहुँ अछि, यथार्थतः दूध केर दूध आ पानिक पानि कय केँ श्रोता केँ वक्तव्यक लाभ देलहुँ अछि। तहिना देखलहुँ अहाँक परिकल्पना शक्ति! अंग्रेजी मे कहैत छैक न ‘जस्ट वाउ’! सिम्पली आउसम!! अहाँक सलाह आ सुझाव साहित्यिक आयोजन सँ रंगकर्मक क्षेत्र मे अत्यन्त लोकाकर्षक आ सशक्त होइत अछि। जनकपुर आर्ट एण्ड लिटरेचर फेस्टिवल, राष्ट्रीय महिला रंग उत्सव, विधापत नाच, उराँव जातिक लोककला आ जीवन, सौराठ सभा पर डकुमेन्ट्री, परवाहा मे आयोजित नाट्य महोत्सव सहित समूचा देश मे दर्जनों आयोजन करेनाय, अपन पद संग पूर्ण न्याय करैत देखाइत अछि। आगामी समय मे एकेडमिक स्तर पर सेहो अहाँक सुझाव सँ किछु डिग्री आ मास्टर डिग्री कोर्स आदि सेहो विकसित होयत; तहिना लोक सेवा आयोग मे एहि विधा मे आरो गंभीर काज सब होयत जाहि सँ लोककला आ नाट्य विधा मे नेपाल राष्ट्रक नाम विश्व भरि मे आरो अधिक उच्च स्थान प्राप्त करत। मैथिलीक स्थान नेपालक समग्र कला, रंग, संगीत, आदि मे कतेक प्रमुखता रखैत अछि – ताहि दिशा मे एखन धरि प्रकाशित विभिन्न शोधमूलक आलेख सँ आगाँ आरो बेसी स्तरीय पोथी आदि आओत ई अपेक्षा करैत छी।
अन्त मे, पुनः एक बेर शुभकामना। भगवान् हमरा लोकनिक आदरणीय सर्जक श्री रमेश रंजन झा केँ सदिखन प्रसन्न राखथि।