“बदलैत समाजमे महिला के भूमिका”

249

— सोनी झा ‘सिया’।       

आब बेसी से बेसी महिला सब जागरूक भेली य अपन हक,अपन स्वाभिमान,लेल, आत्मनिर्भर भेली य शिक्षित भेली य संग संग आधुनिक सेहो भेली य , पहिले मिथिला में महिला के बरियाती गेनाय उचित नै छल लेकिन बदलैत समाज में इहो अपन पैर पसारि रहल य , पहिने मिथिला में सासु अपन पुतोह के नैहर नै जाइत छल 100 में से गैटेक आधे माइ जिनका कियो नै रहैत छैलैन से अपन बेटी के सासुर जाइत छैली आब त इहो सब आम बात भ गेल
और सब से पैघ बात जे पहिने मिथिला पे महिला सब अपन श्रीमान के नाम नै लै छैलाथ नाहि अपन ससुर के कतेक जगह त सासुर के नाम तक नै लै छैलाथ महिला सब आब त इ सब आम बात भेल
और हम समर्थन करैत छि इस सब बात के कियाक ते आधुनिकता में बिना इ सब के काज नै चलत हां किछु अहि में उचित नै अछि हम सेहो मानै छी

धन्यवाद