“नारी दिवस विशेष”

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अंजू झा।                         

अहि छवि में हम अपन माॅ के संग छी, हमरा जीवन में हिनकर जे स्थान अई ओ दोसर के नै भ सकैया,ई हमर मां, गुरु,आ आदर्श सब छैथ। मां तऽ सबके आदर्श होई छथिन, लेकिन हमर मां के हमरा नजर में बहुत ऊॅ॓च स्थान छैन।
हमर मां एक मॉडर्न खयाल के महिला छैथ, लेकिन आधुनिकता के अपना पर हावी नै हुअ देलखिन।हमर मां झूठ फरेब आ लालच सं परे छैथ। हमरा लेल जे मां के सबसं नीक विचार अई, ओ ई जे मां हमर ककरो देल धोखा ककरो गलती के दिल में नै राखै छैथ ओकरा तुरंत माफ कऽ दै छैथ आ पुछला पर कहती जे अपने ओकरा अहसास हेतै आ फेर गलती नै करतै।आ ई होईत कैक बेर देखलौं। ओना त कतेको बात अई जे हम अपन आदर्श अपन मां सं सिखलौंआ ओहि पर अमल करै छी, लेकिन हम अपना जीवन में जे मां के विचार सं सबसं बेबी प्रेरणा लेलौं आ सदैव याद रखैत ओहिके पालन करैके चेष्टा करैछी ओ अई अपन आत्मबल के कम नै करी विकट सं विकट परिस्थिति में हमर मां नै टुटली आ अपन आत्मसम्मान के नै झुकऽ देली।एकर परिणामस्वरूप आई अपन परिवार आ समाज में सम्मान के साथ उदाहरण बनल छैथ।मांके के कहल बात जे घरक भीतर कतबो कष्ट या दुःख हो लेकिन जे दुर नै कऽ सकैया ओकरा लग नै बाजू, ककरो सुख में जाई या नै जाई लेकिन दुःख में जरूर सहारा दी।ईसब एहन बात अई जे हमरा मां के हमरा नजर में महान बनबैया। हमर मां हमर सबसं पैघ आदर्श।🙏🙏