कि इमरान खान सही मे बना सकता एक विकासशील पाकिस्तान, या कायम रहत कट्टरपंथक राज

नया पाकिस्तान केर पुरान बाध्यता
 
पाकिस्तान केर स्थापना इस्लाम धर्म केर नाम पर हिन्दुस्तान केर बँटवारा करैत भेल छैक, आर आइ ओ बँटल भाग पाकिस्तान तथा बांग्लादेश केर नाम पर दुइ स्थापित संप्रभुतासंपन्न राष्ट्र कहाइत अछि। बांग्लादेश केर स्थापना भले भाषा लेल भेलैक, लेकिन धर्मक बहुल्यता इस्लाम हेबाक कारण ओतुका संविधान द्वारा देश केँ इस्लाम देश मानैत छैक। तखन, मातृभाषा बंगलाभाषा लेल आधारभूत प्रेम केर कारण एहि देशक नाम बांग्लादेश पड़ि गेला सँ स्वाभाविक रूप सँ मूल पाकिस्तान सँ भिन्न आ विकासशील देश मे एकर नाम पाकिस्तान सँ बहुत आगू छैक। भारत संग मित्रता आ सहकार्य सेहो अत्यधिक छैक। पाकिस्तान भारत सँ अलग भेलाक बाद धार्मिक कट्टरता आ मातृशक्ति हिन्दुस्तान व एतुक बहुल्यजन हिन्दू धर्मावलम्बी सँ अपना केँ अलग देखेबाक रवैयाक कारण विकास आ प्रगतिक मार्ग पर जाहि प्रतिबद्धताक संग बढबाक सोचितय, ताहू सँ चूकि गेल बुझाइत अछि आर परिणामतः एतुका आर्थिक अवस्था एहेन लचर बनि गेल अछि जाहि सँ ऊबार पेबाक लेल वर्तमान पाकिस्तान सरकार एंड़ी-चोटी एक कय रहल अछि।
 
वर्तमान पाकिस्तान सरकार केर मुखिया राजनीति मे नवप्रवेशी एकटा महान क्रिकेटर इमरान खान छथि, हिनकर इंसाफ पार्टी सेहो अन्य राजनीतिक दल केर तुलना मे नवसिखुआ अछि। आर यैह कारण छैक जे सबको देखा बार-बार इमरान खान को देखो एक बार से सोचिकय पाकिस्तान केर शासन पर काबिज ओहि ठामक मिलिट्री शासन तंत्र इंसाफ पार्टी केँ एक तरहें मौका दैत सत्ता हस्तान्तरण करैत ‘नव पाकिस्तान’ लेल प्रयास करबाक जनादेश दियौलक कहि सकैत छी। भारतक राजनीति मे जनादेश सदिखन जनता द्वारा देल जाइत छैक, एहि ठाम मिलिट्री पूर्णरूपेण नन-पोलिटिकल आ सत्तानिरपेक्ष हेबाक कारण सिर्फ आ सिर्फ जनता द्वारा शासन व्यवस्था केकरा हाथ मे सौंपल जाय से निर्णय करैत अछि। ई बात अलग भेलैक जे भारतक जनता मे राजनीतिक समझदारी – पोलिटिकल लिटरेसी ओतेक परिपक्व (मैच्योर्ड) एखनहुँ बहुत कारण सँ ततेक नहि छैक जे ओ जाति, धर्म, आदि सँ ऊपर उठि सिर्फ देशक विकास आ प्रगति लेल सरकार चुनैत अछि, लेकिन भारत आ पाकिस्तान मे मूल फर्क यैह छैक जे जनता द्वारा चयनित राज्य सरकार आ केन्द्र सरकार शासन व्यवस्था चलबैत अछि आर पाकिस्तान मे ओहि ठामक मिलिट्री शासन व्यवस्था ई निर्णय प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप सँ करैत अछि जे शासन व्यवस्था देखेबाक वास्ते कोन राजनीतिक दल करत। आर ताहि क्रम मे वर्तमान समय भुट्टो या शरीफ केर पार्टी नहि बल्कि एकटा तेसर विकल्प देनिहार इमरान खान केर सरकार शासन व्यवस्था संचालन कय रहल अछि। बेशक एकर मनसाय भारतक केजड़ीवाल जेकाँ नव दशा-दिशा केर राजनीति करब छैक, आर बहुत रास बात-विचार सेहो एहि तरहक मात्र ५-६ महीनाक सरकार द्वारा कयल जेबाक नियति सेहो साफ झलकल अछि। धरि, धार्मिक कट्टरता, काश्मीर नीति, भारत संग सम्बन्ध सुधारबाक आ आर्थिक प्रगति मे भारत संग सहकार्य करैत आगू बढबाक नीति – ई सबटा ओतबे पुरान, अविश्वास आ सन्देह सँ भरल, भारत विरोधी छैक।
 
सिर्फ मुंह सँ वार्ता आ मित्रताक बात करब आ पाछू सँ भारत प्रशासित काश्मीर मे आजादीक नाम पर, जिहादक नाम पर पाकिस्तान बेस्ड उग्र चरमपंथी इस्लाम धर्मक समर्थन कयनिहार दल द्वारा उत्पात आदि मचेबाक काज लेल पाकिस्तानी धरती केँ प्रयोग होबय देब… आर एहि तरहें क्षेत्रीय सहयोग, शान्ति, सुरक्षा, विकास, आदि सँ दूर अपन पुरान शत्रुता केँ मात्र पृष्ठपोषण करब – एहि सब नियति सँ नव पाकिस्तान अपना केँ परिवर्तन करैत नहि देखा रहल अछि। भारतक काँग्रेस पार्टीक कथित धर्मनिरपेक्षता सँ पाकिस्तान बहुत हद तक सहमति मे रहैत अछि, कारण ओकरा ई लगैत छैक जे जाहि पाकिस्तानक कारण भारतक २५ करोड़ मुसलमान पर हिन्दू बहुल्यजन केर दबाव छैक से कतहु न कतहु साम्य रहैत छैक; लेकिन जहिया सँ हिन्दुत्व आ हिन्दूवाद केर नारा दैत भारत मे भारतीय जनता पार्टीक शासन आबय लागल छैक तहिया सँ पाकिस्तान केँ भारतीय मुसलमान लेल गोहिया नोर, काश्मीरी पर भारतीय सेनाक अत्याचार, दक्षेस मे भारतक दादागिरी आदि अनेकों नीतिगत बात अनसोहाँत लागय लागल छैक। यैह कारण छैक जे भाजपा नेता पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जखन मित्रताक सन्देश संग लाहौर बस डिप्लोमैसी आ कनेक्टिविटी केर सिफारिश करैत दुनू देशक जनताक हित मे भारत-पाकिस्तान मित्रताक बात करैत छथि तऽ हुनकर ओहि सिफारिश केँ सिरे सँ खारिज करय लेल पाकिस्तानक मिलिट्री शासन तंत्र कारगिल मे युद्ध आरम्भ कय दैत अछि, पुनः भाजपाक दोसर शासन जखन १० वर्षक बाद २०१४ मे आरम्भ होइत छैक आ कि काश्मीर मे पत्थरबाजी आ लाइन अफ कंट्रोल पर सीजफायर केर उल्लंघन, उरी, पुलवामा आदि अनेकों घटना घटब शुरू भऽ जाइत छैक। जखन कि भारतक अटलजीक बाद दोसर प्रधानमंत्री मोदीजी अपन सौहार्द्र आ सकारात्मक सोच देखबैत पाकिस्तान केर यात्रा अनौपचारिक तौर पर करय लेल इस्लामाबाद मे अपन हवाईजहाज लैन्डिंग करबा दैत छथि। लेकिन पाकिस्तानक प्रत्युत्तर कि? ई सब बात स्पष्ट अछि। लोक भारतीय जनता पार्टी पर हिन्दू धर्मक पक्ष लेबाक आ अन्य धर्मक लोक केँ उपेक्षा करबाक गलत आरोप भले लगबय, लेकिन भाजपाक नीति स्पष्ट छैक जे हिन्दुस्तान आ आसपास हिन्दूजनक बहुल्यता आ एकर अत्यन्त प्राचीन आ समृद्ध व्यवस्था केँ सम्मान सँ देखू आ सौहार्द्रपूर्ण वातावरण मे सार्थक कार्य केँ आगू बढाउ। लेकिन पाकिस्तान एहि मे अपन कट्टर धार्मिक नीति केर कारण बाधा बनैत आबि रहल अछि आर आतंकवाद जेहेन खतरनाक खेल सँ भारत केँ तबाह करबाक कुचेष्टा करैत आयल अछि। ई आतंकवाद एक तरहक परोक्ष युद्ध थिक जाहि सँ भारत बेर-बेर घायल होइत अछि… ताहि लेल अन्तिम विकल्प निर्णायक युद्ध आर से आतंकवादी संगठन सँ लैत पाकिस्तानक सम्पूर्ण मिलिट्री व्यवस्था पर करब अपरिहार्य देखाएत अछि।
 
एखन पाकिस्तान आर्थिक रूप सँ पिछड़ल अछि, आर यैह समय एकर होश ठेगान मे आनय लेल पर्याप्त अछि। भारतक सेना केँ खुला छूट देनाय भारतक कुटनीतिक आ रणनीतिक सफलता कहि सकैत छी। ई आतंकवाद केर खात्माक सब सँ नीक आ अनुकूल समय बुझाइत अछि।
 
हरिः हरः!!