मैथिली कविता लेखन शिविरक दोसर दिन

साभारः हिन्दुस्तान समाचार पत्र मे प्रकाशित समाद 

अभिव्यक्तिक सबसँ सफल माध्यम थिक कविताः मधुबनी कार्यशाला

साहित्य अकादमी आ मैथिली बाल पत्रिका बाल-बन्धु द्वारा संयुक्त रूप सँ आयोजित मैथिली कविता लेखन कार्यशालाक दोसर दिन मैथिलीक प्रसिद्ध कवि डा. नारायणजी आर युवा कवि प्रणव नार्मदेय द्वारा कविता लिखबाक तौर-तरीका आ दृष्टि फलक केँ विस्तारपूर्वक प्रशिक्षु लोकनि केँ बताओल गेल।

डा. नारायणजी कहलनि जे उपन्यास सबसँ अधिक पढल जाएत अछि, मुदा सबसँ बेसी लिखल जाएत अछि कविता। एकर सब सँ पैघ कारण छैक जे कविता अभिव्यक्तिक सबसँ सहज आर सफल माध्यम होएत छैक। हम सब अपना केँ अभिव्यक्त करय मे कविता माध्यम केँ बेसी कारगर मानैत छी। प्रणव नर्मदेय द्वारा उपमा-उपमेय तथा शिल्प विधान पर आधारित अपन वक्तव्य मे मातृभाषा मे कविता लिखबाक बात केँ श्रेष्ठ बतौलनि। दोसर दिनक पहिल सत्रक आरम्भ संयोजक अजित आजाद केर स्वागत भाषण सँ भेल। ओ एहि कार्यशालाक उद्देश्य तथा पहिल दिनक पाठ पर प्रकाश देलनि।

पोल स्टार पब्लिक स्कूल केर आठ गोट छात्र-छात्रा एहि मे हिस्सेदारी निभेलनि। एहि मे अभिजीत झा, अरुण झा, मुकुन्द मिश्र, हिमांशु कुमार, स्वाति झा, सलोनी झा, अदिति मिश्रा, शालिनी प्रिया सहित फुलगेन महतो, दुर्गेश मंडल, पंकज कुमार, गुलाम रसुल, अवधेश झा, शंकर कुमार झा, आर. सी. नंदन, कृष्ण कांत मंडल, अखिलेश कुमार झा आदि शामिल भेलाह।

अतिथि लोकनिक सम्मान पाग-दोपटा सँ ऋषि वशिष्ठ व सच्चिदानंद सच्चू द्वारा कयल गेलनि। एहि अवसर पर अतिथिक रूप मे डा. दमन कुमार झा, सुभाष सिनेही, सतीश साजन, कल्याण जी, संतोष कुमार मिश्र, मैथिल प्रशांत, दयाशंकर मिथिलांचली, सोनू कुमार झा आदि उपस्थित छलाह।