नीलम कला केन्द्र केर तरफ सँ मिथिला केँ एक आरो अविस्मरणीय उपहार, न भूतो न भविष्यति

नई दिल्ली, अगस्त २६, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

३० अगस्त केँ श्रीराम सेन्टर दिल्ली मे ‘अगुरवान’ केर मंचन

मैथिलीक प्रसिद्ध साहित्यकार ‘धुमकेतु’ लिखित कथा ‘अगुरवान’ पर नाटक

सम्मानित कएल जेता विशिष्ट मिथिला कलाकार विभूति लोकनि

मैथिली गीत-संगीत केँ विश्व-पटल पर पहुँचेनिहार सर्वथा प्राचीन “नीलम कैसेट्स” केर संचालक संस्था “नीलम कला केन्द्र” दिल्ली द्वारा ३० अगस्त केँ नाटक मंचनक संग मिथिलाक विशिष्ट कलाकार सब केँ सम्मान देबाक आयोजन कएल जायत।
 
अखण्ड मिथिलाक अकाट्य ज्योतिपुञ्ज उद्घोषक “किसलय कृष्णा” वर्तमान समय नीलम कला केन्द्र मे सेवारत रहैत अपन परिकल्पना एवम् योजना मार्फत मैथिली जिन्दाबाद – मिथिला जिन्दाबाद केर अविस्मरणीय भूमिका निभाबैत भारत देश केर राजधानी मे राष्ट्रीय स्तरक सम्मान वितरण करबाक अति महत्वपूर्ण कार्य करता – मैथिली जिन्दाबाद केँ जनतब देलनि।
 
मैथिली साहित्यकार धूमकेतु केर प्रसिद्ध कथा अगुरवान केँ जीतेन्द्र झा द्वारा नाट्य-रूपान्तरण करैत एहि नाटकक मंचन फ्रीलांसर रंगकर्मी समूह द्वारा कएल जायत। एहि नाटकक निर्देशन मिथिलाक सुप्रसिद्ध साउन्ड इंजीनियर राजीव मिश्रा कएलनि अछि। एहि अवसर पर भारतीय जनता पार्टीक दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सह फिल्म अभिनेता, गायक एवम् कलाकारिताक दीवाना सर्जक मनोज तिवारीक संग मिथिलाक अति-लोकप्रिय फिल्म अभिनेता नरेन्द्र झा केर उपस्थिति रहबाक जानकारी भेटल अछि। तहिना विशिष्ट अतिथिक रूप मे सिमरन आ सम्मानित अतिथिक रूप मे विराटनगर (नेपाल) सँ मैथिली जिन्दाबाद केर प्रमुख संपादक प्रवीण नारायण चौधरी तथा पटना सँ नीतू कुमारी नूतन केर सहभागिता अपेक्षित अछि। विदित हो जे संपूर्ण कार्यक्रमक संयोजनक महत्वपूर्ण कार्य सचिन चौधरी कएलनि अछि, तहिना उद्घोषण मे परिकल्पनाकार किसलय कृष्ण संग सौंसे मिथिला आ मैथिल जगत् मे चर्चित अभिनेत्री-उद्घोषिका जानबी झा द्वारा कयल जायत। बहुत दिन सँ सुसुप्त कला-रंगकर्म जगत् मे एहि कार्यक्रम सँ एकटा नव प्रगतिक मार्ग प्रशस्त होयबाक अन्दाज वरिष्ठ-विशेषज्ञ लोकनिक अछि।

नीलम कला केन्द्र केर अविस्मरणीय योगदानक इतिहास 

नीलम कला केन्द्र स्व. हेमकान्त झा केर मधुर आवाज मे अति-लोकप्रिय कैसेट “सनेश” सँ शुरुआत कएने छल। आर, सुरेश पंकज समान वरिष्ठ गायक केर आवाज मे मैथिलीक छिड़ियायल लोकगीत केँ सुसंगठित कैसेट केर उपहार सँ लैत ज्ञानेश्वर दुबे जेहेन वरिष्ठ सँ लैत राम बाबू झा धरिक कनिष्ठ सूपर स्टार मैथिली गीत-संगीत क्षेत्र केँ प्रदान केलक। आइ नीलम कला केन्द्र केर एक समग्र छाता मे नीलम कैसेट्स, नीलम फिल्म्स, निलम फिल्म स्कूल, एनकेके न्यूज, आदिक एकमुष्ट संगम बनाओल जा सकल अछि। सम्प्रति मैथिली भाषाक कलाकर्म मे जीवन्त उद्योगक अनुपम नमूना नीलम कला केन्द्र थिक – ई कहय मे कोनो टा अतिश्योक्ति नहि होयत। हजारों कलाकर्मीक अन्नदाता रहबाक संग-संग मैथिली कला क्षेत्र मे कैरियर निर्माणक ड्रीम देनिहार संस्था सँ मिथिला यथार्थतः नेहाल भेल अछि। आर फेर जाहि ठाम किसलय कृष्ण समान समर्पित परिकल्पक स्वयं स्थिर मस्तिष्क सँ योगदान दैत भेटेता ओकर वैशिष्ट्यक बखाने शब्द मे कि कयल जाय! नीलम कैसेट्स द्वारा ७०० सँ ऊपर आउडियो, लगभग १० हजार मैथिली गीत, पाहुन धारावाहिक जे डीडी बिहार पर देखाओल जाएत अछि – इत्यादि अनेको अविस्मरणीय कृति बनाओल गेल अछि।

३० अगस्त केर आयोजनः न भूतो न भविष्यति 

एहि ३० अगस्त मन्डी हाउस केर श्रीराम सेन्टर मे देखाओल जायवला नाटक अगुरवान केर प्रदर्शन भारत सरकार केर संस्कृति मंत्रालयक सहयोग मे होयत। एहि मे नीलम कला सम्मान समारोह केर फ्युजन किसलय कृष्ण केर परिकल्पना थिक जेकर दूरगामी प्रभाव मैथिली कला, रंगकर्म संवर्धन-प्रवर्धन मे होयत। मुम्बई, नेपाल, बिहार केर अलावे एहि आयोजन मे स्थानीय दिल्ली व राजधानीक आसपासक क्षेत्र सँ पैघ संख्या मे अतिथि तथा दर्शकक सहभागिता मैथिली कलाक्षेत्रक प्रसिद्ध कलाकार सब केँ सामूहिक सम्मान करत – ई न भूतो न भविष्यति वला तर्ज पर एकटा अनुपम आ उत्कृष्ट उदाहरण ठाढ करत – संपादक प्रवीण नारायण चौधरी कहलनि।