अगस्त २४, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
नव नेपाल केर नव संविधान मे असन्तुष्टिक कारण लम्बित राष्ट्र-हित, लोक-हित आ चारूकात एक तरहक अज्ञात अराजकताक माहौल देखाएत अछि। सब जनता देश प्रति समान रूप सँ वफादार बनि राष्ट्रहित-लोकहित मे आगू बढय तेहेन वातावरण एखनहु किछु बात आपसी आशंका आ द्वंद्वपूर्ण स्थितिक कारण नहि बनि पाबि रहलैक अछि। एहेन समय बहुतो रास विशेषज्ञ अपना-अपना तरहें देशक भविष्य पर चिन्ता करैत आबि रहल छथि। मैथिली साहित्यकार-कवि कालीकान्त झा तृषित केर एक ‘दोलत्ती’ शीर्षक सँ निरन्तर प्रकाशित होएत रहल विश्लेषण एहि मादे रुचिपूर्ण आ सहज भाषा मे राजनीतिक दल लेल शिक्षा देबाक कार्य करैत अछि। हालहि नेकपा एमाले तथा राष्ट्रीय प्रजातांत्रिक पार्टी (राप्रपा) द्वारा प्रस्तावित संशोधनक विरोध कएला सँ संविधान संशोधन नहि भऽ सकल आर देश मे असन्तोषक माहौल पर कोनो समाधान नहि निकैल सकल। एहि कारण सँ नेपालक प्रदेश २ केर स्थगित स्थानीय चुनाव मे सब राजनीतिक पक्ष सहभागी बनय या कि करय ताहि पर तृषितजीक एक विश्लेषण बहुत महत्वपूर्ण अछि।
सेर पर सवासेर दोलत्ती
उँट पहाड़क नीचाँ अएला पर केहेन सोहावन लगैत छैक से तेहनाहेसन ई बात बुझा रहल अछि। एखन एकटा समाचार बड प्रमुखता पओने छैक । माधव नेपाल उत्तर कोरिया केर भ्रमण स वापस आबि गेलाह आ उत्तर कोरियाक राष्ट्रपति किम जोँग द्वारा देल गेल बहुत महत्वपूर्ण सनेस एमाले पार्टी अध्यक्ष के. पी. ओलीक नाम सँ लऽ कऽ अएलखिन मुदा ओ सनेस सुनैछी जे सोझे ऊँक स मुँह झरकाबऽ बला छैक तैँ हेतु माधव नेपाल अपने स ओलीजी केँ देबाक आँट हिम्मत नहि करैत वामदेव गौतम जी केर मार्फत पठा देने छथिन – उज्यालोनेपाल डटकम स साभार लेल एवम् शेयर कएल फोटो सहित सनेसक अँश नीचाँ राखि रहल छी ।
राष्ट्रवाद आ राष्ट्रवादीक रूप मे ओली जी विख्यात आ कुख्यात दूनू भेल छथि परन्तु वास्तविकता ई छैक जे विदेशक पैघ नेता सब हुनका पहिने अपने राष्ट्रवादक परिभाषा सिखबाक हेतु सल्लाह देने छनि आ सैऽह सनेस उत्तर कोरियाक राष्ट्रपति माधव नेपाल केँ कहि कऽ पठौने छनि जे पहिले एमाले अध्यक्ष ओली केँ राष्ट्रवादक परिभाषा सिखाबह नहि त ई सोच देश केँ विखन्डन तरफ लऽ जएतौ। ज्ञातव्य हो जे ई वैह किम जोँग छथि जे अमेरिका केँ सेहो धमकी दैत कहैत छैक जे माथ पर परमाणु बम बजारि देबौ, ई त नीक सँयोग छलै जे भ्रमण मे माधव नेपाल गेल छलाह कहीँ स्वयँ ओलीजी गेल रहितथि त इ सनकहबा मुदा सुपतिया नेता किम जोँग नीके जेकाँ पढा कऽ पठबितनि। तहन लोक इ कामना करबे करत जे कम स कम आबो सदबुद्धि आबि जाउन।
दोसर प्रसँग जे संसद मे संविधान सँशोधन विधेयक फेल भ गेल। मसिऔते सबहक प्रपँच सँ ई आएलो छलैक आ तेहने प्रपँच स ई फेल सेहो भेलैक मुदा बहुमत स संसद मे एहि बातक प्रमाणिक अभिलेख सुरक्षित भ गेलैक जे एहि संविधान मे सँशोधनक आवश्यकता छैक, एहि तरहेँ इ संविधान विश्व मे उत्कृष्ट नहि रहल तकरो परिपुष्टि संसदक बहुमत स प्रमाणित भऽ गेल। आब ई सर्वस्वीकार्य नहि रहल तकरो घोषणा करबाक प्रयोजन नहि रहि गेलै।
आब राजपा नेपाल पार्टीक हेतु इएह अस्त्र लऽ कऽ चुनाव मे जएबाक हेतु रस्ता बनि गेलनि जे कोन तरहेँ ई तीनू पैघ पार्टी देश केर सामाजिक सद्भाव बिगाडबाक हेतु उद्दत छथि । विशेष रूपे एमाले आ रा प्र पा पार्टी मधेशक द्रोही रूप मे व्यवहार करैत आएल अछि। एहि पार्टी सब मे लागल मधेशक व्यक्ति सब केँ देश वा मधेशक चिन्ता नहि छनि । अपन व्यक्तिगत स्वार्थ सिद्धि हेतु चाकडी बजा रहल छथि से बुझबा मे कोनो दुविधा नहि रहि गेल छैक । अगर रा ज पा चुनाव मे भाग नहि लेत त एहने कुतत्व सबहक हेतु लाभदायक स्थिति सहजे बनि जेतैक । मधेशक जनता मे एहन घाती पार्टी वा व्यक्ति सब केँ ओकाइत देखा देबाक हेतु व्यग्रता एवम् आक्रोश व्याप्त छैक, ज्वाला भड़कल छैक । जरूरी सिर्फ अनुकूल हवा देबऽ के छैक तहने इ सेर पर सवासेर बला दोलत्ती बनि जेतैक ।