विशिष्ट परिचयः गायिका बबली चौधरी
स्मरण करू अपन गाम, अपन विद्यालय, अपन कक्षा, अपन सर-कुटुम्ब केर गाम आ ओतुका माहौल या प्रत्यक्षतः अपन रुचि अनुरूप मिथिला कला-संस्कृति केर प्रदर्शनक ओ स्थान जतय गीतगाइन सब अपन सुमधुर आवाज मे विशिष्ट गायकी सब प्रस्तुत कएल करैथ। आर त आर, सत्यनारायण भगवान् केर पूजा काल मे जाबत पुरोहित यजमान सँ दिन मे सूर्यादि-पंचदेवता अथवा राति मे गणपत्यादि-पंचदेवताक संग भगवान् विष्णु आ कुलदेवी सहित नाना देवी-देवता आर ब्रह्माक संग-संग महादेव केँ पाद्य-प्रक्षालन, आसन, नैवेद्यादिक भोग, आचमन, फल-ताम्बुल, दक्षिणा आदि समर्पित करबैत सत्यनारायण भगवान् केँ बजबैत छलाह ताबत समय धरि गीतगाइन सब अपन मधुर आवाज मे अपना-अपना स्तर सँ भगवद्भजन सब समर्पित करैथ। एहेन कोनो स्थान नहि छूटय जाहि ठाम मिथिलाक पारम्परिक गायन सुनबाक अवसर नहि प्राप्त हो। साँझ, पराती, कोबर, सोहर, लगनी, बटगबनी, आदि अनेक तरहक नाम – अनेको सुर-ताल आर एहि सब अनुपम कलाक एक पीढी सँ दोसर पीढी मे स्वस्फूर्त यात्रा। कतेको कलाधनी एहि यात्रा सँ अपन विशिष्ट स्थान ग्रहण करैत छथि, एहि क्रम मे जुड़ैत अछि एक नाम ‘बबली चौधरी’।
राघोपुर (सकरी) गाम मे सेहो एकटा एहने विलक्षण प्रतिभा अपन गायकी सँ घर-परिवार सँ लैत विद्यालय आ पूरे गाम मे अलग नाम कमेली, ओ छलीह ‘बबली चौधरी’। वर्तमान समय क्लासिकल म्युजिक सँ पोस्ट ग्रेजुएशन कय रहली अछि पटना सँ। जीवनसंगी सीआइएसएफ इन्सपेक्टर पटना एयरपोर्ट मे कार्यरत छथिन। हिन्दी आ मैथिली गीत गायकी मे रुचि छन्हि आर विद्यापति गीत केर संग-संग मैथिलीक पारम्परिक लोकगीत गायकी पर विशेष फोकस रखैत छथि। १९८८ ई. सँ अपन गायकी करैत आबि रहली बबली हाल धरि कतेको मंचीय प्रस्तुति सेहो प्रस्तुत कएली अछि। राँची, पटना, तरौनी केर महोत्सव केँ विशेष रूप सँ स्मृति मे अनैत बबली कहैत छथि जे पहिने कमर्सियल सिंगिंग मे रुचि नहि छल, शखे गबैत रही। लेकिन बाद मे ई बुझायल जे अपन मातृभाषा मैथिली केर मंच पर महिला आवाज गनले-चुनले सोझाँ अबैत छैक – मुम्बई केर बौलीवूड मे प्रसिद्धि पेनिहाइर पैघ-पैघ कलाकार मैथिली गीत केँ अपन आवाज दैत छथि त हम स्वयं मिथिलाक रहैत अपन भाषाक गीत मंच सँ कियैक नहि गाउ…।
पटना सँ पूर्व हैदराबाद मे पतिक पोस्टिंग रहबाक कारण बहुत बेसी जुड़ाव नहि रहि गेल छलन्हि। लेकिन आब पटना मे रहैत छथि त कहब छन्हि जे मैथिली लेल बेसी सँ बेसी मंच सजैत देखि आह्लादित छी आर सतति इच्छा रहैत अछि जे हम अपन गायकी सँ सम्पूर्ण मिथिलावासी केँ परिचित करा सकी। सहिये छैक! कलाकार अपन कला केँ छुपाकय नहि राखि सकैत अछि। ओकर इच्छा सदिखन अपन कलाक प्रसाद जन-जन धरि बँटबाक रहैत छैक। हालहि सावन महीना हिनकर गाओल मैथिली शिव भजन काफी लोकप्रियता हासिल केलक। सावन के एलै सोमवार गे, बाबा एलौं अहीं के द्वार, देवघर नगरिया चलु ना, एना मुरली बजाउ नै कन्हैया, ई सब भक्ति-भाव सँ भरल गीतक एल्बम पटना सँ निकललैन अछि।
मिथिलाक सब भास सँ सुपरिचित लता मंगेशकर सन पातर आ मीठ आवाज हिनकर गायकीक विशेषता बुझाएत अछि। आगामी समय विराटनगर, जनकपुर, इनरुवा, राजविराज, लहान आदिक संगीत यात्रा मे भाग लेबाक सदिच्छा जाहिर करैत बबली कहली जे मिथिलावासी भारत या नेपाल दुनू कात छथि आर मैथिली गीतक बाजार सेहो बड पैघ छैक, हम सभक आभारी होयब जँ हमरा अपन कला-प्रदर्शनक उचित मौका देता। बबली व समस्य मैथिली भाषा मे कलासेवी लोकनि एहि लेल आश्वस्त रहैथ जे यैह एकमात्र ओ भाषा आ संस्कृति थिकैक जे युगों-युगों सँ जीबित छैक। एकर मिठास आ प्रकार केर विस्तार एतेक गहिंर छैक जे आन भाषाक क्षुद्रता आ नग्नता लेल एहि भाषा मे कोनो स्थान नहि रहैत सदैव अपन अमर-राह पर अग्रसर रहैत छैक। बहुत जल्दी अहाँक आवाज सुनबाक अवसर हमरो सब केँ भेटत, बाकी अहाँक सुन्दर भविष्य लेल शुभकामना!
हिनकर ईमेल आइडीः [email protected]
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हरिः हरः!!