गामs केर हाल हे! श्री सरकार नञि पुछु कि क’ रहल अछि नेता गद्दार नञि पुछु

“रविन्द्र भारती” मैथिली जिंदाबाद , दिनांक 16 अगस्त 2017


गजल

© विद्यानन्द वेदर्दी, राजविराज,सप्तरी

गामs केर हाल हे! श्री सरकार नञि पुछु
कि क’ रहल अछि नेता गद्दार नञि पुछु॥

बज्जरखसुँवा भोट किनत नोटक चोटसँ,
जितते कोन कोनमे हेत फरार नञि पुछु॥

फोटो सेहो किछ कहैत अछि

गौवाँ टौआबै टुगर भ’ शोषणक सुरूजमे,
प्रधान यशक करे केहेन चित्कार नञि पुछु॥

गुरू बनबै पाठशालाके महा ने धरमशाला,
नेनाक फुटै कोना कान-कपार नञि पुछु॥

मानि कदवा धनरोपनी करैछी बाँटे-घाँट,
पानि मास होइ कतेक खिचार नञि पुछु॥

डिबिये बारि जीवन-गजल गबै ‘विद्यानन्द’,
कहिआ एत दैवा बिजली-तार नञि पुछु॥
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