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महान व्यक्तित्व बनबाक लेल महान गुण-धर्म केर पालन आवश्यकः प्रेरणाक स्रोत अजीम प्रेमजी

जुलाई २५, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

२४ जुलाई – एक सफल आ सुप्रसिद्ध उद्योगी-व्यवसायी हस्तीक जन्मदिन – एक एहेन व्यक्तित्वक जन्मदिन जेकरा ‘दानवीर उद्योगपति’ केर संज्ञा हुनक दानशीलताक व्यवहार सँ भेटैत अछि – विश्वप्रसिद्ध ब्रान्ड जे सूचना तकनीक केर क्षेत्र मे कार्यरत अछि – विप्रो – एकर मालिक श्री अजीम प्रेमजी – साभार दैनिक भास्कर हुनक जन्मदिन पर किछु विशेष चर्चा एतय आनि सकलहुँ अछि।
 

*काल्हि ७२मा जन्मदिवस मनौलनि वि‍प्रो केर चेयरमैन अजीम प्रेमजी सादगी सँ जिबैत छथि। हुनका नया नहि, सैकंड हेंड कार चलेनाय पसीन छन्हि

*दान में दे दिए हजारों करोड़, पर खुद के लिए सेकंड हैंड कार: ऐसे हैं अजीम प्रेमजी

*काल्हि WIPRO केर चेयरमैन और देश केर सबसँ पैघ दानवीर कहल जायवला उद्याेगपति अजीम प्रेमजी केर ७२मा B’day छलन्हि
दानवीर उद्योगपति अजीम प्रेमजी काल्हि ७२म जन्मदिन मनौलनि। देश केर तेसर सबसँ पैघ सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो टेक्नोलॉजिस केर चेअरमेन अजीम प्रेमजी महादानी छथि। परोपकार केर लेल स्थापित अजीम प्रेमजी फाउंडेशन केँ ओ विप्रो केर अपन लगभग आधा हिस्सा दान कय चुकल छथि, जेकर मार्केट वैल्यू २७ हजार करोड़ सँ बेसी छैक। अजीम प्रेमजी केँ वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रोडक्ट्स (आब WIPRO) १९६६ मे पिता मोहम्मद हासम प्रेमजी सँ विरासत मे भेटल छलन्हि। देशक विभाजनक बाद मोहम्मद अली जिन्ना मोहम्मद हासम प्रेमजी सँ कहने छलखिन – ‘पढ़ल-लिखल मुसलमान छँ, एक मजबूत मुस्लिम राष्ट्र बनेबा मे हमरा मदद करे। हमरा संग पाकिस्तान चले और ओतय मनचाहा पद सम्हारे।’ ’राइस किंग ऑफ बर्मा’ केर नाम सँ मशहूर सीनियर प्रेमजी द्वारा जिन्नाक एहि आग्रह केँ ठोकराबैत कहल गेल रहैक – ‘नो सर, इंडिया इज माय होम।’
 
– इंडिया केँ मात्र अपन एकमात्र घर बतेनिहार एहेन पिताक बेटा सेहो आगाँ अपन हर कार्य मे देश केँ सबसँ ऊपर रखलाह। कंपनी चलेबाक तरीका हो, संपत्ति दान करबाक हो या फेर RSS केर कोनो कार्यक्रम मे हिस्सा लेबाक हो, ओ लालच केँ किनारा रखैत अपन सिद्धांत सँ कहियो समझौता नहि केलनि।
– वि‍प्रो केर चेयरमैन फ्लाइट मे इकोनॉमी क्‍लास मे गेनाय पसीन करैत छथि आर अपना पास होंडा सि‍टी कार छलन्हि से साल भैर पहिने प्रेमजी केर सीनि‍यर केर करीबी मैनेजर हुनका सुझाव देलखिन कि‍ ओहि पुरान होंडा कार केँ अपग्रेड करा लेल जाउ। एहि सुझाव पर ओ अमल तऽ केलनि लेकिन अपनहि बचत करयवला स्वभाव सँ। हजारों करोड़ दान करयवला प्रेमजी द्वारा फैसला लेल गेल आर अपनहि एक कर्मचारी सँ सेकंड हैंड मर्सडीज-बेंज खरीदल गेल।
 

प्रेमजीक प्रोफाइल और दानशीलता

-अजीम प्रेमजी २४ जुलाई १९४५ केँ मुंबई मे जन्म लेलनि और वर्तमान में बेंगलुरु मे रहैत छथि।
– अजीम प्रेमजी केर पिता द्वारा २९ दिसंबर, १९४५ केँ वेस्टर्न इंडिया वेजिटेबल प्रॉडक्ट्स लिमिटेड केर नींव राखल गेल छल। बाद मे एहि नाम सँ वेजिटेबल शब्द हटाकर शॉर्ट फॉर्म मे विप्रो (WIPRO) कय देल गेल।
– अजीम प्रेमजीक १००० अरब रुपया सँ बेसीक बिजनेस ६७ देश मे चैल रहल अछि।
– २००३ मे फोर्ब्स मैग्जीन द्वारा प्रेमजी केँ १० एहेन व्यक्ति मे गिनती कएल गेल, जे दुनिया बदैल देबाक ताकत रखैत छथि।
– २००५ मे भारत सरकार द्वारा प्रेमजी केँ तेसर सर्वोच्च सम्मान पद्मभूषण सँ सम्मानित कएल गेलनि।
– २०११ मे ओ देश केर दोसर सबसँ पैघ नागरिक सम्मान पद्मविभूषण सँ नवाजल गेलाह।
– प्रेमजी द्वारा जनवरी २००१ मे अजीम प्रेमजी फाउंडेशन केर स्थापना कएल गेल छल। ओ देश भरिक स्कूल सब केँ बेहतर बनेबाक काज करैत अछि।
– प्रेमजी वॉरेन बफे तथा बिल गेट्स द्वारा शुरू ‘द गिविंग प्लेज’ अभियान केर सेहो हिस्सा छथि। एहिमे शामिल भेनिहार पहिल भारतीय तथा तेसर गैर अमेरिकी व्यक्ति प्रेमजी द्वारा अपन कुल संपत्तिक लगभग २५ प्रतिशत दान कय देल गेल अछि और बाकी ऐगला पांच साल मे कय देता।
 

प्रेमजी केर जन्मदिन पर हुनकर जीवनक ५ रोचक कथा …

पहिल कथा …जखन प्रेमजी केँ भरल मीटिंग मे भेलनि अपमान और बदैल गेल पूरा जीवन….

– पिता केर अचानक (असामयिक) मृत्यु केर बाद प्रेमजी केँ अमेरिका सँ अपन पढ़ाई अधूरे छोड़िकय वापस आबय पड़ि गेलनि। २१ वर्ष केर उम्र मे अजीम प्रेमजी जखन विप्रो केर बागडोर सम्हारने छलाह त हुनका अपनो अपन पुश्तैनी कारोबार केर कोनो खास जानकारी नहि रहनि।
 
– जखन प्रेमजी चेयरमैन बनाओल गेलाह, तऽ हुनका अपने लागि रहल छलन्हि जे कहीं ओ कंपनी नहि चला पाबैथ। कंपनी केर शेयरहोल्डर्स सेहो प्रेमजी मे अनुभव केर कमी केँ देखैत बहुत परेशान छलाह। प्रेमजी सेहो निस्तुकी निर्णय नहि कय पाबि रहल छलाह जे ओ कंपनी चलाबैथ या कोनो अनुभवी मैनेजर केँ सौंपैथ।
 
– एक पैघ आ महत्वपूर्ण मीटिंग मे एक शेयर होल्डर द्वारा हुनकर अपमान करैत योग्यता पर सवाल उठा देल गेल छल। ताहि के बाद ओ लगभग चेयरमैनशिप छोड़बाक मन बना लेने रहैथ।
– एहि घटना केर बारे मे प्रेमजी अपनहि कहलनि जे ई स्वीमिंग पूल मे फेंक देल गेल समान छल। एहेन समय मे डूबय सँ बचबाक लेल अहाँ केँ बहुत जल्दी हेलनाय सीखबाक होएत अछि। मुदा, ओहि इंवेस्टर केर तीख बात सुनलाक बाद हमर दुविधा समाप्त भऽ गेल आर हम तय कय लेलहुँ जे आब तऽ जीतियेकय देखायब।
 
– प्रेमजी तखन पक्का ठानि लेलनि जे आब परिस्थिति किछु भऽ जाएक, हम ई कंपनी चलाकय देखायब। एहि तरहें एक अपमान सँ हुनकर पूरा लाइफ चेंज भऽ गेलनि और हुनकर मेहनत आइ WIPRO केर रूप मे सभक सोझाँ मे अछि।
 

दोसर कथा…. नारायण मूर्ति केँ नहि देने छलाह नौकरी

– ई कथा नारायण मूर्ति केर संघर्षक दिनक थिक। १९७१-७२ केर दौर मे नारायण मूर्ति पटनी कंप्यूटर सिस्टम मे जॉब सँ अपन करिअर शुरू केने छलाह। किछु समय बाद जखन ओ जॉब केर लेल WIPRO मे जाय लेल चाहलनि त ओतुका एचआर हेड हुनकर भेंट अजीम प्रेमजी सँ करौलनि।
 
– प्रेमजी हुनकर इंटरव्यू लेने छलाह, लेकिन हुनका जाॅब नहि देलनि। प्रेमजी इंटरव्यू केर लेल मुंबई केर विलिंगटन क्लब लऽ कय गेलाह आर ओतय बहुत विस्तार सँ बातचीत केलनि, लेकिन मूर्ति हुनका अपन जवाब सब सँ संतुष्ट नहि कय पेलाह।
 
– एकटा अंग्रेजी अखबार मे लिखल अपनहि एक आर्टिकल मे मूर्ति स्वयं कहलनि अछि जे जौँ हुनका विप्रो मे नौकरी भेट गेल रहितैन त इन्फोसिस शुरू करय मे देर भऽ गेल रहितैक। एकरा बाद नारायण मूर्ति अपन दोस्त सभक संग मिलिकय इन्फोसिस केर स्थापना कयल गेल।
 
– मूर्ति अजीम प्रेमजी केर शख्सियत केर खूब तारीफ करैत छथि। इन्फोसिस और विप्रो दुनू आईटी क्षेत्र मे छैक, एकरा बावजूद मूर्ति और प्रेमजी मे नीक दोस्ती छन्हि। प्रेमजी केर वाइफ यास्मीन और मूर्ति केर वाइफ सुधा सेहो बड नीक दोस्त छथि।
 

तेसर कथा…जखन स्कूल केर दिन मे प्रेमजी केँ भेटैत छलनि एहेन सजाय

– अपन बचपन मे शरारती स्वभाव रहबाक बारे मे एक कार्यक्रम मे प्रेमजी मीडिया केर संग अपन पुरान याद सब ताजा करैत ओ ई कथा सुनौलनि।
 
– बच्चा सभक बीच ओ कहलनि जे हाँ, हम स्कूल लाइफ मे बहुत शरारत (बचकाना बदमाशी) कएल करी। एहनो अवसर आयल जखन हुनका स्कूल मे कतेको बेर डांट खाय पड़ल छल। ताहि दिन हमरा माथ पर आ उल्टा हाथ पर पिटाई कएल जाएत छल।
 
– बड़ा स्पष्ट रूप सँ प्रेमजी बतौलनि, हम कतेको बेर अपन बदमाशी सँ टीचर केँ एतेक तामश चढा दैत रही जे क्लासक बाहर ठेहुनक बलपर बैसा जेल जाएत छल।
 
– बड़ा स्पष्ट रूप सँ प्रेमजी बतौलनि, हम कतेको बेर अपन बदमाशी सँ टीचर केँ एतेक तामश चढा दैत रही जे क्लाेसक बाहर ठेहुनक बलपर बैसा जेल जाएत छल।। एकरो सब मे शहर सँ बेसी गाम-घरक लड़की सब अपन कॅरियर केर चिंता अधिक करैत अछि। हम बेसीकाल कतेको गाम सभक स्कूल और कॉलेज जाएत रहैत छी, जतय हम देखलहुँ जे लड़की सब लड़का सब सँ बेसी स्मार्ट होएत अछि। स्टूडेंट्स द्वारा जाहि तरहक सवाल पूछल जाएत छल ताहि सँ हमरा लागल जे लड़की सब बेसी समझदारी भरल सवाल पूछैत अछि। अवॉर्ड्स जीतय मे सेहो लड़की सब लड़का सब सँ बहुत आगू अछि। आजुक दौर केर रिजल्ट एहि बातक गवाह थिक।
 

चारिम कथा…जखन प्रेमजी अपन बेटाक लेलनि एसिड टेस्ट

– रिषद प्रेमजी, विप्रो समूह केर मालिक अजीम प्रेमजीक बड़का बेटा छथि लेकिन ग्रुप मे जगह बनेबाक लेल हुनको ओ सबटा ‘एसिड टेस्ट’ देबय पड़लनि जे देशक तेसर सबसँ पैघ आईटी कंपनी विप्रो मे सामान्य जन लेल देबय पड़ैत छैक, एहि ठाम प्रवेश लेल नियम सभक लेल बराबर छैक।
 
– जुलाई २००७ मे विप्रोक संग जुड़य सँ पहिने बैन एंड कम्पनी और वैश्विक दिज्गज जीई केर संग सेहो करीब ६ साल धरि काज कय चुकल छलाह। विप्रो मे रिषद केर एंट्री बतौर असिस्टेंट जनरल मैनेजर केर रूप मे भेलनि। एतय तपलाक बादे हुनका ट्रेज़री एंड इंवेस्टमेंट रिलेशंस डिपार्टमेंट में जनरल मैनेजर बनाकय प्रमोट कयल गेलनि। एतय चारि साल केर अनुभवक बाद रिषद केँ २०११ मे चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर पद भेटलनि।
 
– ओहि समय प्रेमजी कहलखिन – ओ नहि चाहता जे विप्रो केर कारोबार एक्के परिवार केर बपौती बनय। ओ कहलखिन जे ‘कंपनीक लीडरशिप अपरिपक्व व अयोग्य हाथ मे सौंपबाक मतलब छैक ओहि कंपनीक बर्बादी आ ओकर निवेशक सभक संग धोखाधड़ी। यदि हमर पुत्र योग्य नहि छथि तऽ हुनका विप्रो जेहेन ग्लोबल कंपनी सौंपबाक बदला हम करोड़ों डॉलर दऽ देनाय सस्ता सौदा मानब।’
 
– करीब एक साल बाद रिषद मीडिया केर सामने एला तऽ ओ सबकेँ ई कहिकय चौंका देलनि जे हमरा रिषद प्रेमजी नहि, सिर्फ रिषद कहिकय बजायल करू। जखन कारण पूछल गेलनि ओ कहला कि हम चाहैत छी जे हम अपन काज सँ नाम कमाबी, परिवारक सरनेम सँ नहि। एहि बातक कारण सेहो साफ रहैक, कियैक तँ हुनकर पिता पहिनहि साफ कहि देने छलखिन जे रिषद केँ अपन जगह स्वयं बनाबय पड़तनि।
 

पाँचम कथा …जखन RSS केर प्रोग्राम मे चीफ गेस्ट बनला अजीम प्रेमजी

– २०१५ मे दिल्ली मे विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी द्वारा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ केर ‘राष्ट्रीय सेवा संगम’ कार्यक्रम मे भाग लय केँ सबकेँ चौंका देलनि।
 
-ओ आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत केर संग मंच साझा कएलनि और संघ केर कार्यक खूब तारीफ करैत कहलनि जे ओ संघ केर संगठनक काज केँ सम्मान करैत छथि।
 
– संगम मे अपन संबोधन मे ओ कहलखिन, ‘हम एतय आबिकय बहुत प्रसन्न छी। भागवतजी जखन हमरा एतय एबाक निमंत्रण देलनि तऽ कतेको लोक ई आशंका जतेलनि जे एतय हमर आयब संघ केर विचारधारा स्वीकार करब मानल जायत। लेकिन हम एहि राय केँ नहि मानलहुँ कियैक त हम कोनो राजनीतिक व्यक्ति नहि छी।’

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