मधुबनी, १३ जून, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
समाचार साभारः प्रो. दमन कुमार झा, मधुबनी
एक साँझ विभाक नाम
काल्हुक साँझ साहित्यिक साँझ रहल। भाइ अजित आजादक सौजन्य सँ जानकी पुस्तक केंद्र, मधुबनीमे स्थानीय कवियित्री डॉ विभा कुमारीक एकल काव्य पाठ सँ स्थानीय श्रोता भाव विभोर होइत रहलाह। जेना भावुक भ क विभा जी अपन बात रखलनि, तहिना श्रोता हुनक भावनाक तरंग मे उबडुब करय लगलाह। आजुक ई साँझ केँ बहुत दिन धरि मन रखने रहताह, से विश्वास अछि। हुनक कविताक रसास्वादन नीक लागल। स्त्री होइत हुनका स्त्री केँ देखबाक एकटा भिन्न दृष्टि छनि । हुनक स्त्री, समाज सँ प्रताड़ित तँ छनि, मुदा ओ समाज सँ लड़बाक माद्दा सेहो रखैत छनि।
जे ओ सुनेली, जाहि शैली मे सुनेली से प्रसंशनीय छल। हुनक मैथिलीमे बाजब ई व्यक्त करैत छल जे ओ दिल्लीमे रहितो, हिन्दीक कवि ओ प्राध्यापक रहितो अपन मातृभाषा केँ ओहिना मन रखने छथि, जेना ओ एतयसँ ल क गेल छलीह।
भाइ अजित आजादक सन्चालन, श्री विनोद कुमार झा केर अध्यक्षता मे सम्पन्न एहि कार्यक्रमक मुख्य अतिथि छलाह श्री पंचानन मिश्र। लगभग दू घंटा धरि चलल एहि गोष्ठी मे शहरक गण्यमान्य श्रोता उपस्थित छलाह।