संपादकीय, मई १५, २०१७.
मैथिली-मिथिला आन्दोलन सार्थक रूप सँ गतिशील
पैछला ८ वर्ष मे सोशल मीडिया मार्फत मैथिली भाषा व मिथिलाक ऐतिहासिक-पौराणिक-सांस्कृतिक पहिचान प्रति जागरुकता दिन ब दिन नव-नव रूप मे प्रगतिक मार्ग पर अग्रसर देखाएत अछि। परंपरावादी मीडिया आ संचारकर्म मे एकर घोर उपेक्षाक कारण पूर्व मे कएल गेल बहुत रास महत्वपूर्ण प्रयास आम जनमानसक जानकारी मे नहि आबि सकल, मुदा आब जेना-जेना सोशल मीडियाक विभिन्न स्वरूप मे एहि अति प्राचीन आ विशिष्ट पहिचान सँ जुड़ल विभिन्न विषय पर सरेआम चर्चा कएल जा रहल अछि से प्रगतिशीलताक परिचायक थिक।
मैथिली भाषा मे संचारकर्मक बड पैघ इतिहास रहितो मैथिली पत्र-पत्रिका आ सूचना-समाचार आम लोकक हाथ आ माथ धरि नहि पहुँचि सकल। बस नाम लेल काज भेल। मैथिली लेखन मे गोटेक कृति केँ छोड़ि बाकी बहुल्य पोथी या आलेख या सूचना सौंसे मिथिलाक लोकक हाथ मे नहि पहुँचि पबैत अछि। पूर्वी मिथिला, पश्चिमी मिथिला, दक्षिणी आ उत्तरी मिथिला – लगभग सब ठाम घूमिकय अध्ययन केला सँ पता चलैत अछि जे मातृभाषा अनुरागी गोटेक व्यक्ति किंवा समूह द्वारा मैथिली भाषा, साहित्य, संचार, संस्कार आदि सब मैथिलत्वक रक्षार्थ काज कएल जा रहल अछि। मुदा पहुँच सभक बनय ततेक सामर्थ्य सच मे मैथिल नहि जुटा सकला अछि।
उदाहरण स्वरूप सुपौल जिला मे मैथिली भाषा मे लेखन, शोध आदि लेल बहुत गंभीर कार्य संस्थागत रूप सँ कएल जाएत रहल अछि, मुदा ई जनतब बगल केर जिलावासी केँ पता नहि अछि। सम्बन्धित लेखक, शोधकर्ता या संचारकर्मी या फेर किछु पाठक केँ ओहि प्रयासक जनतब रहला सँ लाभ भेटबो कएल त फेरो आम जनमानस धरि ओ महत्वपूर्ण कृति आ जानकारी नहि पहुँचि सकल। आब कियो बहुत नीक किताब लिखलनि, हजार-दू हजार प्रति छपायल गेल, मुदा मिथिलाक सब जिला धरि आर दुकान पर ओ पोथी उपलब्ध नहि करायल जा सकल, आर एहि तरहें अन्य प्रचलित पत्रिका या अखबार जेकाँ मैथिलीक पहुँच जनस्तरीय नहि भऽ सकल। तखन मैथिली साहित्य-सुधारस सँ वंचित लोक मे अपनहि भाषा सँ ओ प्रेम स्वाभाविके नहि बैढ सकल अछि जेकर अपेक्षा करक चाही।
सोशल मीडिया क्रान्ति सँ मैथिली भाषा-साहित्य ओ संचारक दिन सुदिन भेल
आब समय बदैल गेल अछि। हम मैथिलीभाषी अपन अभिव्यक्ति खुलेआम राखि रहल छी जनस्तरीय पहुँचक पटल पर। फेसबुक, व्हाट्सअप, यूट्युब, आदि विभिन्न चैनल सँ मैथिलत्वक निरंतर प्रवाहक लाभ लगभग सब शिक्षित वर्गक जनमानस मे पहुँचय लागल अछि। अपन पहिचान सँ एक बेर फेर नेह उत्पन्न होमय लागल अछि। विगत समय अपनहि मिथिलाक गोटेक राजनीतिक चेहरा जे मैथिली भाषा केँ उच्चवर्ग-अभिजात्यवर्गक भाषा कहबाक जुर्रत कय निरक्षर आ सोझ देहाती मैथिल जनमानस केँ भड़काबैत रहय से आब मैथिलीक महत्व केँ आत्मसात करय लागल अछि। आब मिथिला मे मैथिल अस्मिताक बात केने बिना ‘बिहार-बिहारी राजनीति’ केर प्यादा बनब केकरो स्वीकार्य नहि छैक। एक सँ बढि एक मंत्री केर कक्षा एकटा १८-२० वर्षक युवक सेहो लेबय लगलैक अछि। आब लफ्फाबाजीक जबाब जगैत मिथिला केखनहु केकरो दय सकैत छैक आर यैह जागरुकता एक दिन मिथिला राज्य केर निर्माण कय वर्तमान कलंक जे मिथिला भूगोल मे कतहु नहि अछि तेकर समाधान निकालत।
एहि क्रम मे आनलाइन मीडियाक भूमिका सेहो बहुत सराहनीय अछि। ओ चाहे मिथिला समाद हो, प्राइम मिथिला, मिथिला न्युज, मैथिली न्युज, मिथिमिडिया, मिथिला मिरर, मिथिला दर्शन, मैथिली जिन्दाबाद, जय हिन्द मिथिला, आदि अनेकानेक प्रयास सार्थक भूमिका अदा कय रहल अछि। मैथिली भाषा मे संचारकर्मक महत्व इलेक्ट्रानिक मीडिया मे शुरुआत त बड नीक नहि कय सकल, सौभाग्य मिथिला चैनेल आखिरकार भाषा बदलय लेल मजबूर भेल…. मुदा छोट-छोट यूट्युब चैनल आइ लोकप्रिय बनय लागल अछि। जय हिन्द मिथिला न्युज एहि निरन्तरता केँ एकटा नव अन्दाज मे प्रस्तुत करय लागल अछि। पूर्व मे सेहो सविस्तार जनतब देने रही जे संचालकद्वय अनुप कुमार कर्ण व शुभ नारायण झा अपन विशाल अनुभव सँ मैथिली भाषाक चित्रकर्म मार्फत बहुत आगू बढेने छथि, तहिना आब इलेक्ट्रानिक संचारकर्मक नव प्रयोग दिल्ली केन्द्र सँ करब मैथिलीक भविष्य केँ आरो उज्ज्वल बना रहल अछि।
विषयक विविधता – स्रोत-साधनक विस्तार आर प्रस्तुतिक खास अन्दाज लेल जय हिन्द मैथिली न्युज चैनल जल्दिये सफलताक नव ऊंचाई पर चढत से विश्वास राखू। विज्ञापन सँ लाभार्जनक दिन आबय त सेवाक्षेत्र मे सेहो विस्तार होयब तय अछि। एखन त मैथिलीक सेवक सब मेहनत कय केँ टका कमाउथ अन्य सेवाकर्म सँ आ मातृभाषा लेल मुफ्त मे सेवादान करौथ – यैह नियत आ नियति दुनू थिक। परञ्च आध्यात्मवादी लेल ई सेवादान बड पैघ फल प्रदायक थिक ताहू मे दुइ मत नहि। कहबी छैक न जे मैथिलीक सेवा सीधे जानकी-प्रेरणा सँ स्वस्फूर्त ढंग सँ होएत छैक। कियो केकरो कोनो कार्य करबाक लेल प्रेरित नहि करैत छैक, बल्कि स्वयं अधियज्ञ करबाक लेल आदिदैविक शक्ति सँ प्रेरित भऽ हरेक आधिभूत मैथिल मानव अपन जीवन सफल कय रहल अछि। हाल धरि जेएम न्युज द्वारा संचारित विषय व प्रस्तुति मे सीमितता रहितो आगाँक दिन मे ई क्रान्ति केँ नव धार देत से अपेक्षित अछि। हाल लेल प्रगतिशीलता सार्थक दिशा मे बढि रहल अछि आर अपने सब सेवादान मे लागल सर्जक धन्यवादक पात्र थिकहुँ।
हरिः हरः!!