सुभाषचन्द्र झा, सहरसा। मई ५, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!
विद्यापति समान आचार-विचार-व्यवहार सँ परिपूर्ण आ अपन भक्ति रचना लेल ओतबे प्रसिद्ध गीतकार पंडित मधुकांता झा ‘मधुकर’ बीतल २६ अप्रैल केँ इहलोक सँ परलोक धरिक अनन्त यात्रा पर प्रस्थान कय गेलाह। सहरसा जिलाक चैनपुर गाम आ ओहि ठामक अति प्राचीन मन्दिर नीलकंठ महादेव केर शरणागतवत्सल मधुकर बाबा वयोवृद्ध छलाह आर अवस्था लगभग १०० वर्ष नांघि चुकल छल। बाबाक स्वर्गवासक खबैर कानोंकान एक गाम सँ दोसर गामहि टा धरि नहि बल्कि सारा हिन्दुस्तान आ नेपाल धरि सोशल मीडियाक मार्फत तुरन्त पसैर गेल। कहबी छैक न जे लोकक आजीवन अरजल धर्मक पारख मृत्युक तत्काल बाद गनाएत छैक, बिल्कुल तहिना बाबाक मृत्युक खबैर हुनक कर्मठ जीवन व समर्पणक परिचायक बनि तीव्र गति सँ संसार मे पसैर गेल।
मैथिली जिन्दाबादक समाचार सम्पादक किसलय कृष्ण तुरन्त जानकारी करौलनि जे मधुकर बाबाक मृत्युक समाचार आबि रहल अछि, मैथिली जिन्दाबादक तरफ सँ फेसबुक पेज पर तुरन्त संवेदना संदेश देल गेल छल। तहिना सहरसा जिला मुख्यालय मे सेहो ई खबैर आगि जेकाँ पसरल आर जे जतय सुनलक ओतहि सँ बाबाक अन्तिम दर्शन लेल चैनपुर तरफ प्रस्थान कय गेल छलय।
हजारों गीत, भजन, नचारी केर रचियता पंडित मधुकांत झा मधुकर केर निधन स सम्पूर्ण ग्राम व जिलाक लोक मर्माहत अछि । हुनक निधन सुनि हजारों लोक शोक संवेदना व्यक्त कयलनि । जीवन पर्यन्त शिक्षा, साहित्य व धर्म केर रक्षार्थ रचना कयलनि। हुनक निधन पर उज्जवल ठाकुर, दीपनारायण ठाकुर, राजीव झा, पारस कुमार झा, सुमन समाज, राहुल झा, उमाशंकर खॉ, अमित आनंद, संदीप कश्यप, भगवान झा, किसलय कृष्ण, भोगेन्द्र शर्मा, सुभाष चंद्र झा, विनोद झा, रामकुमार सिंह, अरविंद मिश्र नीरज शोक संवेदना व्यक्त कयने छलाह।
तहिना मिथिला राज्य निर्माण सेनाक महासचिव राजेश झा अपन हालहि कएल गेल भेंट केँ स्मृति करैत बाबाक पुण्यात्माक चिर शान्ति लेल प्रार्थना कएलनि। २०१३ मे मिथिला राज्य निर्माण यात्राक क्रम मे मधुकर बाबा स्वयं नीलकंठ महादेव मन्दिर पर आबि यात्राक डायरी मे लिखिकय अपन शुभकामना दैत कहने छलाह जे मिथिला राज्यक निर्माण कएने बिना मिथिलावासीक कल्याण नहि अछि, अतः सब कियो एहि पुनीत कार्य केँ एकजुटता सँ पूरा करय जाउ, हमर आशीर्वाद अहाँ सब केँ अछि। मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी सेहो बाबाक जीवन सँ जुड़ल एहि संस्मरणक संग हुनका श्रद्धाञ्जलि अर्पण करैत छथि।
काल्हि आ परसू हेतनि मधुकर बाबाक श्राद्ध