धीरेन्द्र प्रेमर्षिक रंग…आखरक संग

किसलय कृष्ण, पटना। अप्रैल १५, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

“ता धरि सीता जरबे करतै बौक बनल जा राम छै…. ककरा लग जा करतै गोहारि … तिल तिल गलैत रहैय नारि” सन शताधिक उद्वेलित करय वला गीतक रचनाकार, विगत डेढ़ दशक सँ रेडियो कार्यक्रम “हेलो मिथिला” माध्यमे मैथिलीक आमीन सयानी बनल मैथिली केर वरिष्ठ अभियानी आइ अपन जिनगी आ रचनाधर्मिताक प्रसंग बहुत रास गप्प सार्वजनिक रूपें परसलनि । अवसर छल साहित्यिक संस्था आखर आ प्रभा खेतान फाउन्डेशन द्वारा संयुक्त रूपसँ आयोजित धीरेन्द्र प्रेमर्षिक अन्तर्वार्ता । हिनका संग सवालक संग या संचालक रूपमे उपस्थित छलाह मैथिलीक प्रसिद्ध कवि रचनाकार अजित आजाद । अजितक ओझरायल प्रश्न सभकें सोझराबैत धीरेन्द्र प्रेमर्षि अपन रेडियो बला चिर परिचित अंदाजमे जबाब दैत रहलाह आ रेडियो, साहित्य, जीवन प्रसंग केर कएक टा पहलूकें सोझाँमे रखलनि ।

युवतम रचनाकार गुंजनश्री आ बालमुकुन्दक संयुक्त प्रश्नक जबाबमे ओ स्वीकारलनि जे नेपालीय मिथिलाक नव पीढ़ीमे गम्भीर लेखनक प्रति रूझान कम अछि आ तकरा लेल ओ निरन्तर कार्यशालाक आयोजनक अनिवार्यता दिस ध्यानाकर्षण कय़लनि । एहि क्रममे ओ नेपालीय मैथिली साहित्यमे डा घीरेन्द्र आ डा राजेन्द्र विमलक नाम मोन पाड़लनि । कार्यक्रमक संयोजिका अराधना केर आग्रह पर स्वरचित किछु गीतक पाँति गुनगुनबैत प्रेमर्षि जखन भीमनाथ झाक पाँति कहलनि जे…. सौंसे मिथिला एक्कहि टोल….. जकर मायक मैथिली बोल…… त सहजहि मिथिलाक फलक सोझां आबि गेल ।

एहि अवसर पर वरिष्ठ कथाकार अशोक, श्याम दरिहरे, उषा किरण खान, किसलय कृष्ण, नवलश्री पंकज, रमानन्द झा रमण, कामिनी, कमलमोहन चुन्नू सहित अनेको गणमान्य रचनाकार उपस्थित छलाह । आयोजन पटना स्थित ए एन सिन्हा इन्स्चीच्यूटक सभागारमे सम्पन्न भेल ।