
एखन तुरन्त नेपाली एफएम द्वारा प्रसारित समाचार सँ ज्ञात भेल अछि जे काठमान्डु सँ सटल ललितपुर क्षेत्र मे हैजा (रद्द-दस्त) सन खतरनाक महामारी रोग पसरय लागल अछि। आइ भिनसरे ई समाचार मैथिली जिन्दाबाद द्वारा देल गेल छल जे काठमान्डुक किछु मुख्य केन्द्रकेर अलावा अन्य क्षेत्र मे स्थानीय प्रशासन व अन्य विदेशी राहत प्रदानकर्ता टोली बीच समुचित समन्वयक अभाव मे राहत कार्य नहि कैल जा रहल अछि… विभिन्न ठाम खसल मकान आदि मे फँसल लोक केँ निकालबाक कोनो टा प्रयास तक शुरु नहि कैल गेल अछि, कतेको ठाम सँ दुर्गन्ध अबैत अछि, लोक जहतर-पहतर पैखाना आदि कय रहल अछि, पिबय योग्य जलक इन्तजाम सेहो नहि अछि, बच्चा लेल पौष्टिक दूध आदिक कोनो इन्तजाम नहि, दोकान आदि सेहो बन्द, पूर्ण रूप सँ भय आ त्रासक बीच फँसल मानव जीवन कोनाहू ओतय सँ पलायन कय अपन जान बचेबाक फेराक मे अछि…. मुदा ताहू लेल कोनो संचार सुविधा नहि छैक। पैघ सँ पैघ लोक आ छोट सँ छोट लोक, सब एक्कहि ठाम मानू मृत्युकेर इन्तजार मे त्राहिमाम् कय रहल हो। विडंबना जे टेलिविजन व मिडिया द्वारा देश-विदेशक राहतकार्यक ढिंढोरा पीटल जा रहल अछि, मुदा यथार्थ मे भुक्तभोगीकेँ कोनो तरहक सुविधा हाल धरि नहि पहुँचि सकल अछि।
एखनहि मैथिली साहित्य तथा रेडियो संचारकेर पुरोधा धीरेन्द्र प्रेमर्षि संग मैथिली जिन्दाबाद केर बात मे ई स्पष्ट भेल जे घटनाक लगभग ३६ घंटा बितलाक बादो कोनो खोज-खबैड़ लेनिहारक अता-पता नहि अछि। न कोनो स्थानीय प्रशासन, न कोनो विदेशी राहत टोली… आम जनता डर आ त्रास सँ जेना-तेना अपन जान बचेबाक लेल यत्न कय रहल अछि। नेपाल सरकार केँ अपन जनताक जान प्रति एहेन निर्मोह व्यवहार दुखद अछि। जाबत नेपाल सरकारक स्थानीय प्रशासन स्वयं आगाँ नहि आओत, भले विदेशी राहत या बचाव कार्य कोना तिव्रता पाबि सकैत अछि। एम्हर भारतीय राहत टोली केर चर्चा भारतीय मिडिया मे ऊफान पर अछि, नेपाली मिडिया सेहो भारतीय राहत कार्यक जमिकय प्रशंसा कय रहल अछि। कतेको रास तस्वीर मे भारतीय वायूसेनाक जवान सबकेँ पहाड़क भीतर प्रवेशकय गाम-गाम सँ बच्चा, महिला, वृद्ध, जवान आदि केँ जान जोगेबाक निमित्त हेलिकाप्टर सेवा दैत देखल जा सकैत अछि। लेकिन काठमांडु आ आसपास जतय सघन जनसंख्याक वास अछि ताहि ठाम समुचित मेडिकल कैम्प, राहत कैम्प, स्वयंसेवा आदि नहि प्रदान कय सकबाक कमजोरी साफ देखल जा सकैत अछि। एतबा नहि, स्थानीय जनतामे इहो आक्रोश अछि जे भारतीय राहतकर्मी खाली भारतीय नागरिक केँ काठमांडु सँ सुरक्षित बाहर निकालबाक लेल प्रयोग कैल जा रहल अछि। एहि सँ स्थानीय लोक केँ कोनो खास लाभ नहि भेट रहल अछि। एहि तरहक आरोप लगबैत एक पीड़ित मैथिली जिन्दाबाद सँ शिकायत केला जे भारतीय राजदूतावास द्वारा उपलब्ध कराओल गेल दुनू हेल्पलाइन बेकाजक अछि। एकटा स्वीच अफ बता रहल अछि तऽ दोसर नंबर गलत शो कय रहल अछि। तखन नहि जानि हमरा सबकेँ आशा पर भारतीय मददि कोना भेटत आ कोना जान बचत – शिकायतकर्ता अपन आक्रोश रखलैन।
एम्हर कतेको रास निजी संस्थान सब सेहो खाद्य पदार्थ आ पानिक इन्तजाम कयने छथि, मुदा संचारक समुचित साधन नहि रहबाक कारणे पीड़ितजन धरि कोना पहुँचय ई प्रश्न मुँह बौने ठाढ अछि। भारत सँ आरो कतेको मैथिल युवा सब स्वयंसेवा देबाक लेल तत्पर छथि, लेकिन काठमांडु कोना पहुँचल जाय एहि पर प्रश्न ठाढ अछि। ओना रिपोर्ट अछि जे आइ सँ काठमांडु आ पूर्व (विराटनगर, राजविराज, काकडभिट्टा, आदि) सड़क आ वायू मार्ग सँ जुड़ि गेल अछि।