व्यक्तित्व परिचयः धनेश्वर ठाकुर, धनुषाधाम, मिथिला, नेपाल
संकलनः विन्देश्वर ठाकुर, दोहा, कतार
धनुषा जिल्लाक धनुषाधाम नगरपालिका -४, लक्ष्मीपुर घर रहल एकगोट लोकप्रिय सर्जक छथि – धनेश्वर ठाकुर। ओहो एखन रोजगारक खातिर दोहा/कतारके एकटा सैलुनमे कार्यरत छथि। ओना त बहुतो पहिने सँ कतारमे छलथि।मुदा विगत किछुए दिन सँ (१७/१८ महीना सँ) मैथिली काव्य सन्ध्या अन्तर्गतक कार्यक्रम – “साँझक चौपाडि पर” केर शुरुवाते सँ सम्पर्कमे अएलथि अछि। तकराबाद हुनकामे जे समर्पण, लगनशीलता आ अपन माटि पानि प्रति जेहेन सिनेह देखाएल ताहिसँ बेस प्रभावित भेल अछि मैथिलीभाषाभाषी जगत। हुनका मे जे छूपल साहित्य-सृजनशक्ति छल तेकरा स्वयं विन्देश्वर यानि हम बस कनेक टर्चलाइट बारैत बाट देखा देलियैक तेकर आत्मगौरव अछि। मिथिलाक एक चिर-परिचित स्रष्टा धीरेन्द्र प्रेमर्षि केर शब्द मे -“जऽ लोकमे लगन होइ त लगन सँ गगनमे अगन लगा सकैत छी।” से ठीके एहि डेढ सालक भीतर अपन काजकेँ बावजूदो धनेश्वर ठाकुर ततेक ने मेहेनति केलनि जे मैथिली नवतुरिया सर्जकसबहक बीच अपन नाम स्थापित क’ लेलनि अछि। खास कय समाजिक संजाल, फेसबूकसब पर हिनक रचनासब पोस्ट होएत रहैत अछि।
तहिना मैथिली सुप्रसिद्ध कार्यक्रम – रमपम हेल्लो मिथिलाक संचालकलोकनि द्वारा सेहो मुक्तकण्ठ सँ हिनक प्रशंसा होएत सुनल जा सकैछ। सब सँ पैघ बात त ई जे एहि अठारह महीनाक अबधिमे धनेश्वर साधना आ सृजनामे अपनाकेँ ततेक न तपौलनि तकर परिणाम छैक – शीघ्रहि प्रकाशन होबय लागल हिनक एकगोट पोथी। जकर प्रकाशन मैथिली साहित्यिक बागके एकगोट प्रखर हस्ती साहित्यकार अजित आजाद केर सम्पादनमे नवारम्भ प्रकाशन सँ होमय जा रहल अछि।
त लिअ अपनहूं सब पढल जाओ एहि नव उभरैत युवा कविक किछु रचनासब ….