विश्व पुस्तक मेला २०१७ मे होयत गार्गी विमर्श

दिल्ली, १३ जनवरी, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

gargi in delhi book fairविश्व पुस्तक मेला २०१७ में सेंटर फ़ॉर स्टडीज़ ऑफ़ ट्रेडिशन एंड सिस्ट्म्स आ राष्ट्रीय पुस्तक न्यास, भारत केर संयोजन में १५ जनवरी, भोर ११ बजे, रैवदिन मानुषी थीम पैविलियन, हॉल नं. ७, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित होइ वला गार्गी सातत्य एक अवधारणा अछि जाहिमें मिथिला में स्त्री ज्ञानपक्ष, विद्या आ स्त्री लोकनिके प्रश्न करबाक क्षमता, स्पेस आ मौलिकताक संगहि विहंगम ज़मीनी विषय-वस्तु पर हुनक पकड़ केँ निरंतरता में तलासब एक प्रयास अछि, एक खोज, एक स्थापना अछि।

गार्गी सं लय क’ आइधरिक स्त्री अपन मुखरताकें कुन प्रकार सं व्यक्त करैत छथि एकर खोज/पड़ताल हमसब मैथिली लेखन क्षेत्रक साहित्य अकादमी प्राप्त स्त्री मानुषी सभ सं करब। अाइधरि मैथिली स्त्री-लेखन में पाँच टा मानुषीके साहित्य अकादमी सं सम्मानित कैल गेल: लिली रे, निरजा रेणु, उषाकिरण खान, आशा मिश्रा आ शेफालिका वर्मा। एहि पाँच मानुषी में सं हमरा लोकनिके तीन मानुषी में गार्गी सातत्य देखबाक अवसर भेटत, इ गार्गी त्रय केर संग नेपालक सुप्रसिद्ध रेडियो वार्ताकार, लेखक, संगीतज्ञ, आंदोलनधर्मी धीरेंद्र प्रेमर्षी संवाद स्थापित करताह। इ प्रयास नै मात्र नेपाल केर वृहत् मैथिलीभाषी समुदाय केर संग हम्मर सबहक अनन्य सम्बंधक परिचायक अछि बल्कि ई भाषायी समुदाय सबहक वैश्विकताक घोषणा सेहो अछि। हम सब विद्यापति केर समय सं चलल आबि रहल अत्यंत प्राचीन आ समृद्ध भाषा मैथिली एवम मिथिला केँ मानस आ संभावनाक क्रम में एहि आयोजन केँ देखि, सुनि आ बुझि सकैत छी। आयोजन मे सक्रिय अभियानी एवं स्वतंत्र लेखक-पत्रकार अमित आनन्द उपरोक्त जनतब दैत एहि कार्यक्रम मे अधिक सँ अधिक संख्या मे मैथिली-मिथिला प्रेमी लोकनिकेँ सहभागी बनबाक आमंत्रण सेहो देलनि अछि। ई तस्वीर/पोर्ट्रेट गार्गीक समकालीनताक द्योतक अछि।