स्वामी विवेकानन्द सँ प्रेरणा लेबाक संकल्पः केएसडीएसयू

दरभंगा, जनवरी १३, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

ksdsu yuwaराष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, शिक्षा-शास्त्र विभाग, कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा द्वारा संचालित राष्ट्रिय युवा दिवस, १२ जनवरी एवं राष्ट्रिय युवा सप्ताह १२ जनवरी सँ १९ जनवरी केर शुभारंभ शिक्षा-शास्त्र विभाग मे भेल।
 
मुख्य अतिथि डॉ. श्रवण कुमार चौधरी कहलैन जे विवेकानन्द समय और चरित्र केर अनुशासन सँ विश्व प्रणेता बनलाह। आजुक युवा सेहो ओहि रस्ता पर चलिकय जीवन मे सफलता हासिल कय सकैत अछि।
विशिष्ट अतिथि डॉ. रेणुका सिन्हा, पूर्व कार्यक्रम पदाधिकारी, स्नातकोत्तर इकाई युवा सप्ताह केर सफलताक कामना करैत कहलैन जे युवा-पीढ़ी केँ विवेकानन्द केर चरित्रक अनुसरण करबाक चाही जाहि सँ समाज और देश केर वास्ते हुनके जेकाँ मार्गदर्शक बनि सकय।
 
विशिष्टि अतिथि डॉ. मीना शास्त्री सेहो विद्यार्थी सब सँ आह्वान कएलनि जे विवेकानन्द सप्ताह केँ व्यापक बनाबय। विश्वविद्यालय कार्यक्रम समन्वयक, राष्ट्रीय सेवा योजना, डॉ. सुधीर कुमार झा विवेकानन्द केर १५४वाँ जन्मदिवस केर बधाई दैत कहलैन जे आइ युवा शक्तिक हाथ मे देश आ दुनियाक उन्नति केर बागडोर अछि। विवेकानन्द केर सिद्धांत पर चलिकय एहि लक्ष्य केँ पाबि सकैत अछि।
 
अध्यक्षीय वक्तव्य मे निदेशक डॉ. घनश्याम मिश्र विवेकानन्द केर विशिष्ट व्यक्तित्व, अदम्य साहस, उत्साह एवं त्यागक चर्चा करैत विद्यार्थी सब सँ कहलैन, “अहाँ विवेकानन्द जेकाँ संन्यासी बनू। संन्यास यानी कर्मयोग, भोग केर त्याग और कर्म प्रति कर्मठता।”
 
युवा-दिवस पर आयोजित विचार-गोष्ठी मे विद्यार्थी लोकनि सेहो “वर्तमान मे स्वामी विवेकानन्द केर शैक्षणिक विचारक प्रासंगिकता” विषय पर अपन विचार रखलैन। समग्र रूप सँ ओ सब प्रण लेलनि जे ओहो अपन चरित्र केँ विवेकानन्द-समान बनेबाक प्रयास करता और युवा-सप्ताह केर सात दिन मे अपना संगे समाजक आरो युवा सब मे एहि प्रेरणाक प्रसार करता।
 
गोष्ठी मे विभागीय राजू कुमार मिश्र, गिरीश कुमार मिश्र, जयराम झा, रविरंजन झा, अंगद पोद्दार, कृष्णा प्रिया, निधि कुमारी और श्वेता कुमारी सेहो भाग लेलनि। कार्यक्रम केँ शिक्षा-शास्त्र विभाग केर शिक्षक डॉ. नन्दकिशोर चौधरी, डॉ. रामनन्दन झा, डॉ. रीता सिंह, संस्कृत-सम्भाषण प्रशिक्षक डॉ. रामसेवक झा आदि सेहो सम्बोधित केलनि। कार्यक्रम संचालन डॉ.ऋद्धिनाथ झा, कार्यक्रम पदाधिकारी, राष्ट्रीय सेवा योजना, शिक्षा-शास्त्र इकाई कएलनि। धन्यवाद-ज्ञापन डॉ.रीता सिंह कएलनि।