बीरगंज मे फेरो बहल मैथिलीक गंगाः मिथिलाक अनुपम डेग

८ जनबरी, २०१७. मैथिली जिन्दाबाद!!

birgunj1‘मिथिलाक अनुपम डेग’ द्वारा बीरगंज मे बहुतो वर्ष सँ रुकल मैथिली भाषा-साहित्यक गतिविधि केँ फेर सँ नव गतिशीलता देबाक प्रयास आरम्भ कैल गेल अछि। काल्हि शनि दिन २३ गते – यानि – ७ जनवरी भिस्वा बौद्ध गुम्बा मे मैथिली कवि गोष्ठीक आयोजन कैल गेल जाहि मे दर्जनों कवि लोकनि बहुत उत्साहक संग अपन सहभागिता देलनि। करीब ५ घंटा धरि चलल कवि गोष्ठी सँ बीरगंज मे मैथिली भाषा-साहित्यक पुरान समृद्धिक दिन फेर सँ ताजगी पेबाक बात सहभागी दर्शक लोकनि कहलनि।

अपन मातृभाषाक संवर्द्धन केर ध्येय सँ कवि गोष्ठीक आयोजन भेल। एहि सफल रहल आयोजनमे संग देनिहार सब साधुवादक पात्र छथि। हुनका सभक सहृदय धन्यवाद। आ निश्चित तौर पर आगुओ खूब मोन सँ माँ मैथिलीक सेवा क’ सकय इ संस्था ओहि लेल बड्ड आत्मबल भेटल। अहाँ सभक रहत जौ संग, बाजत अहिना झालि-मृदङ्ग। – आयोजक संस्थाक अध्यक्षा आरती झा अपन फेसबुक स्टेटस मार्फत सँ आयोजन सम्बन्ध मे अपन विचार देने छथि।

birgunj3मैथिली कवि गोष्ठीक अध्यक्षता सेहो कय रहली आरती झा मैथिली जिन्दाबाद सँ बात करैत जानकारी देली जे पहिने तऽ एकटा वृहत् कार्यक्रम करबाक विचार रहय, लेकिन बहुत दिन सँ ठमकल गतिविधिक कारणे पुनः शुरुआत एक संछिप्त मुदा ठोस कार्यक्रम सँ कैल गेल अछि। एहि गोष्ठी मे सहभागी कवि लोकनि मे मीना ठाकुर, सतीश चंद्र “सजल”, डॉ. अखिलेश झा, कंदर्प लाल कर्ण, अलका झा, आरती झा, शोभा कान्त झा, अनिल कर्ण, अक्षय आनंद सन्नी, दिनेश चंद्र मिश्र तथा डॉ. हरेंद्र मिश्रा छलाह।

मिथिलाक अनुपम डेग केर संस्थापक एव सचिव निराजन झा कहलैन जे मिथिलाक कोनो समयक राजधानी सेहो रहल सिमरौनगढ सँ सटल नेपालक औद्योगिक महानगरी बीरगंज मे पहिने सँ मैथिली भाषाभाषी द्वारा बहुत रास साहित्यिक कार्यक्रम कएल जा रहल छल, लेकिन विगत किछु समय सँ ओतय मैथिली गतिविधि प्रभावित रहय। एहि आयोजन सँ एक बेर फेर नव उत्साहक सृजना भेल अछि आर आब ई निरंतर रहत से उम्मीद करैत छी।