मिथिलाक अति-विशिष्ट पर्वः राम-जानकी विवाह पंचमी विशेषांक

विवाह पंचमी विशेषः मिथिला मे विवाहक अवसर पर गीतक प्रकार आ भाव

shiv-kumar-jha1गीत संग्रहः शिव कुमार झा टिल्लू

 
मिथिलाक विवाह मे मैथिली गीत लुप्त भ’ रहल अछि। महान गीतकार स्नेहलताक बाद डा. चंद्रमणि सेहो विवाह गीत केर लेखन परंपरा केँ आगाँ बढ़ौलनि। तहिना राम सेवक ठाकुर जी सेहो एहि विधा मे बहुत नीक योगदान देलनि। एखुनका पुरुख गीतकार विवाहक गीत लिखबा सँ संकोच करैत छथि। एहि तरहक अन्तर्द्वन्द्व केर बीच मैथिली जिंदाबाद अपन भूमिकाक निर्वहन करैत जनकलली सीता केर विवाह प्रसंग सहित किछु आर सामरिक वैवाहिक गीत प्रस्तुत कय रहल अछि।
 
एहि संकलन केर बहुत रास गीत मिथिलाक नामी गायिका लोकनि यथा श्रीमती रंजना झा, श्रीमती प्रीति मिश्रा, श्रीमती रश्मि प्रिया झा, सुश्री स्नेहा झा आदि गाबि रहल छथि। हिनका संग-संग वर्तमान मैथिली मे अपन छठि गीतक द्वारा चर्चित भ’ रहलि सुश्री रंजना सिंह सेहो एहि गीतक प्रति उद्दत भेलथि अछि। त प्रस्तुत अछि शिव कुमार झा टिल्लू (वर्तमानः जमशेदपुर आ मूलः करियन, समस्तीपुर निवासी) केर रचल विभिन्न विवाह गीतः
 
ram-janaki-vivah१. विवाह गीत (धुन कजरी)
 
वरक रूप देखि सभ बमबम छमछम सारि नाचै छथि ना
गितहारिन सभ मंद मुसकि क’ कोबर गाबै छथि ना …..
अपने सरहोजि आसन ओछौलनि
कनिया वर केँ संग बैसौलनि
गितहारिन लेल सासु विलक्षण विझणी बाँटै छथि ना ….
नवका दुलहा गुणक सरोवरि
धन सम्पति सभ सेहो बरोवरि
सखि सभ जखन बहुत उकसाबथि तखने बाजै छथि ना ….
कनेको टका नहि लागल कक्का
तखन किये छी हक्काबक्का
रुसबाकाल सेहो जमाय नहि किछुओ मांगै छथि ना……..
आइ चतुर्थी पावनि मनबियौ
सौंसे टोल केँ माँछ खुअबियौ
सुनिते ससुर ठहक्का मारि स्वीकार करै छथि ना …….
सभ बेटीकेँ भेंटै एहने वर
नहि मैथिली केँ भेटनि बनचर
ई कहि फुलकाकी फुलकी लेल आँटा सानै छथि ना……
 
 
२. विवाह गीत
 
कने एम्हरो ताकथु ने नवल दुलहा !
किए लाजे कठुआएल धवल दुलहा
लेथु कोटिक आभार देलनि आदर्शक मान
जत’ एहेन सपूत ओतै सुक्खक विहान
आँखि डोकासन कान्ति ई गहल दुलहा
कने एम्हरो ताकथु ने नवल दुलहा !
मनुमूल्यक धियान पानपातक संग दान
कर्म वैचारिक दम्पतिके’ शील संतान
मोन बदनक सुधीर उर कोमल दुलहा
कने एम्हरो ताकथु ने नवल दुलहा !
धरथु ग्रहणक ई माल देखथु सगरो महाल
सुनथु मिथिलानी कंठक पियरगर सन ताल
सासुक खोपड़ी सिनेहक महल दुलहा
कने एम्हरो ताकथु ने नवल दुलहा !
देखथु हे धर्मक पूत बान्हल वरन के’ सूत
मात्र तागे नहि जन्मक बन्हन मजगूत
नोर दानक ने ई भावक जल दुलहा
कने एम्हरो ताकथु ने नवल दुलहा !
 
३. विवाह गीत
 
नैन चितचोर पाहुन
स्याम भाल शोभित
आहेराम स्याम भाल शोभित
अयलनि मिथिलादेशमे ना
रामा चारूकुमार अवध केँ
आजु दुल्हा वेशमे ना !
सिया दीब गोर पाहुन
देखि भेलथि मोहित
आहेराम देखि भेलथि मोहित
मुस्की देलथि सनेसमे ना
रामा सगरो मिथिला पुलकित
ने कोनो जीव कलेशमे ना !
रामा रामा हे राम
मैथिली हरिके’ वाम
रामा रामा हे राम
सिया भेली अवधिन आहेराम
सिया भेली अवधिन
मिथिलाधाम सुदिन मे ना
रामा निश्चिन्त जनकजी
सुतथिन गहन निन्नमे ना !
बेटी केँ पहाड़ ने बुझू
परमादान भार ने बुझू
बेटी केँ पहाड़ ने बुझू
कानि कानि कहरलै आहेराम
कानि कानि कहरलै
नोर बहल डगरमे ना
रामा मैथिली हमर सुजाता
रहती अवधनगरमे ना !
 
४. विवाह गीत ( धुन : झूमर )
 
सभसखी झूमि नाचथि जनक अंगना
जनक अंगना हो सुनयना अंगना
धुन लय गति रमल सगरि बजना !
शहनाई ढोलक संग खुरदक
मातु सुनयना मोहित अपलक
सियालेल साजल कनक कंगना
रभसल सभ अबोध बालक भगिना !
सीता उर्मिक नयन पोछै छथि
अपनो आहित हियसँ कनै छथि
देखि विभोर विदेह नयना
ई दानक दरस वेकल मयना !
कीर्ति मिथिके’ सिया सुकन्या
भेलि जनकपुर बेटिएसँ धन्या
जें सिया तें ई मैथिली वयना
रूप अवधके’ देखल हमर अयना !
हे हरि जगतक भाग्य विधाता
कर्मक फल तें भेलहुँ जमाता
भाग हमर अपनेक रचना
एहि दानक मान राखब पहुना !
 
५. विवाह गीत
 
आजु पुरल मनोरथ मिथिला के
मिथिला के हो मोरा मिथिला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
परिछन कयलनि माय सुनयना
करती दान भरल छनि नयना
सरयू वरन संग कमला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
जनकक भाल दान के चन्दन
अंतः मुग्ध उपरिमुख क्रन्दन
फाटल करेज धीया अपला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
हमर जमाता रघुकुल नंदन
स्वर्गसँ सुरगण कयलनि वंदन
आँखि भरल चारु चपला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
देलथि मैथिली अटल अभय वर
हमर माटिके’ कतहु ने परतर
केलनि उमा सिद्धि चंचला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
सब शिवमहिमा धनुखजे देलथि
जानकी जगपालककें पेलथि
संगम अवध आ मिथिला के
भेंटलथि रघुवर बेटी अचला के !
 
६. विवाह गीत
 
अवधक सुत हरि वारिद श्यामल हमर जानकी गोर हे
अनुपम वरन देवत्वक जगमे देखि नृपजनक विभोर हे
देखि सियारूप राम प्रफुल्लित नाचल मनमे मोर हे
बागमती संग सरयूक संगम अवधमे नवल इजोर हे
हहरि रहल छल रावण केर मन हियमे पैसल चोर हे
अपन वीरत्वक दम्भ दशानन मचा रहल छल शोर हे
दानक काल मे बेटी सीता लपटलि बापक कोर हे
विरहक टीस सुनयना उरसँ तनमन प्रेम मरोर हे
एहेन युगल नहि देखल मिथिला जोड़ी अनूप बेजोड़ हे
मैथिलीकेँ भेंटलनि अनुखनवर चित्तगहल पोरेपोर हे !
 
७. विवाह गीत
 
श्यामल रंग आ अद्भुत रूप
अवधपुरी केर लाल अनूप
मिथिला एलखिन दशरथ भूप
जनकपुर मे !
रसमधुरी बरियातक पात
छप्पन भोगमे गमगम भात
हर्खित वैदेही के’ तात
जनकपुरमे !
सुनयना कयलनि कन्यादान
नर नारी नोरे स्नान
तैयो समदाओन धुन के तान
जनकपुरमे !
अचके सिहरल नृप के गात
डबडब आँखि नुकौलनि कात
बिहुँसलि सिया पकड़ि के तात
जनकपुरमे !
एहेन वरन ने देखब फेर
विह्वल नगर जेना अन्हेर
नहि गति यति नियति के टेर
जनकपुरमे !
नैहरक मान राखब ऐ दैया
विदा कराब’ जेतथि भैया
आशीषसँ भरू सूखल मुरदैया
जनकपुरमे !…
 
८. विवाह गीत
 
देह गोर वर्ण नयन चकोर पहुना !
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
रंग बदलि रघुवरके’ आगम
चान सुरुज दीब वरन समागम
तप्पत संग सुशीतल संघोर पहुना
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
आदर्शक सभ गात गहल अछि
पुनीत सिनेहक वात बहल अछि
सद्यः जामिनी अनुभव भोर पहुना
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
गत्र गत्र मातु सुनयना कलकल
जामाता देह धारित मलमल
मादक अन्तः मुग्ध बहोर पहुना
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
सुमन सुवासित आंगन खहखह
जड़ चेतन स्वागत लेल लहलह
सीता शोभित धरतीक कोर पहुना
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
एहने वरणक आशमे मिथिला
होथि दहेजक असुरी शिथिला
नाचय कामिनी मोनमे मोर पहुना
स्याम रातिमे पसरल इजोर पहुना !!
 
९. विवाह गीत
 
झुनुर बाजै जानकीके पैजनियाँ
चहकि उठली मिथिलादेशक रनियाँ
तात जनक सिया- हियासँ लगौलनि
हाथ पकड़ि रघुवरकेँ धरौलनि
चिंहुकलि बाझल कंठसँ धनियाँ
मिथिलादेशक रनियाँ ……………
नेना विकल कांति नोरसँ भरल अछि
मंडप विवाह सुमन कांचन सजल अछि
सरित नोर नैन नानी आजी कनियाँ
मिथिलादेशक रनियाँ ……………
साधनशील समरथभरि कैंचा लुटाबथि
नृपक देल वसन दीन देहसँ लगाबथि
देखि धनकदान केलक कृपिन बनियाँ
मिथिलादेशक रनियाँ ……………
कोनो कजरी कोनो कात डहकन
चारू अवधसुतकेँ देखि उठल सिहकन
चारिगोट आसन लागल दुइजनियाँ
मिथिलादेशक रनियाँ ……………
मांडवी- उर्मि- श्रुतिकेँ धकधक्की बढ़लनि
माइक विछोह देखि सिया आँखि भरलनि
विदा देख’ अयली कनियाँ मनियाँ
मिथिलादेशक रनियाँ ……………
 
१०. विवाह गीत ( भात खयबाकालक )
 
सुनू औ समधि चाखु अरिकंचन चक्का
धोधि लटकौने बैसल किए हक्का बक्का ..
राहरिक दालि ह’म आरा सँ अनलहुँ
लकलक सतरिया नवगछिया मे किनलहुँ
तैयो उताहुल बरियातक उचक्का …..
सोनबरसा कचहरी केर दही घृत गमगम
किशुनगंजक सुरजापुरी दियौ बोर संगम
चाटू खटमिट्ठी संग अचारक फक्का ..
मग्गह दियारा सँ छेना मंगेलहुँ
बिचबिचहा छागर कें जब्बह करेलहुँ
मुंह कोचियौने सभ पाहुन दूफक्का ..
सौजनक काल किए नोचनी उठल अछि
लाखक लाख गिरलहुँ मुदा पेट नहि भरल अछि
समधिन कें देलकनि धाकर पाछाँ सँ धक्का ..
 
११. डहकन
 
तिलक लाख एगारह समधि तैयो नहि संतोख औ
एक पसेरीक छागर संगहि रसगुल्ला भरिपोख औ
नमरल धोधि कदीमा सनक दाँत केहेन छनि चोख औ
माइक दूधछोड़ल सोइरी सन बेटा चाटथि मोख औ
सात पिरहीके कृत्त उघारब तैयो ने लागत दोख औ
गछने छल हीरा केर अभरन ठकि लेलक निहसोख औ
काटर टकाकेँ बैंक दबेलहुँ की समधिनकेँ फेर कोखि औ
जेठक लकलक पीठ सतरिया की रस लेलकनि सोखि औ
बडकी समधिन हाहिक मारल ताकथि पोरगर लोक औ
टोलक सभटा बहसल छौड़ा ओगरनि हुनकर मोख औ
अठारह कैरेटके लॉकेट अनलहुँ कोनो ने धरिधोख औ
गारि सुन’ मे किये लगै अछि दुन्नू भीत पर जोंक औ
 
१२. परिछन गीत
 
करब परिछन हे कनिया चलू अंगना !
साजल धान ढ़ाला राखल पान माला चलू अंगना
गाबू गाबू हे ऐहब बाजल बजना !
मुदित माय बहिना सुखद शान्ति महिना चलू अंगना
देखू गाबथि नवकनिया खनकि कंगना !
धेने दीप पसारी भरल छै दुआरी चलू अंगना
दाय परिछथि पुचुकारी चलू अंगना !
सुनर वर नयना चहकि जेल अयना चलू अंगना
फूललि देखि रूप मयना चलू अंगना !
गरम पात सटतनि दुलरुआ बिचुकथिन कहलि मयना
चलू विधिए पुरबिऔन चलू अंगना !
नेही सासु मैया हंसलि देखि दैया चलू अंगना
एलथि लाबा ल’के भैया चलू अंगना !
 
१३. चुमाओन गीत
 
दहिन दिशि अपने बैसथु बेटी वाम कात हे
हेतनि चुमाओन पाहुन सजल परात हे
दूभि धान दही साजल सजल पानपात हे
नवल आशीष देखि पुलकित गात हे
देखल जे लोकबेद नेह फेर सात हे
जनम जनम केर वरण के’ बात हे
योगक दुआरि पर मोह भोग झात हे
छलथि जे कोखिक बेटी हेतथि एकात हे
समदन गुनि धुनि नोर संग तात हे
हियसँ लगा क’ राखथु सासुरक वात हे
सजल कोबर घर सगुणक भात हे
गामो मे मोन राखथि सासु ने विमात हे
 
१४. परिछन गीत
 
दूबि खसखस नव धानसँ परिछब नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
नव कलिका संग नव नव पल्लव
सुनू नव शैशव कोमल कलरव
एहि आदर्शक दानसँ लबलब नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
आँजुर खाली नेह भरल अछि
श्रद्धा विप्लव गेह सजल अछि
पायस मधुर मखानसँ उसरब हिय पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
मिथिलेक दुलहा मैथिली ललना
राज विदेहक अलना पलना
गमगम गुलकंद पानसँ गांथब उर पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
सत्य वरन नहि बूझब कल्पना
आदर्शक साजल अछि अल्पना
मुग्ध सिनेही मानसँ माँतल नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
 
१५. परिछन गीत
 
दूबि खसखस नव धानसँ परिछब नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
नव कलिका संग नव नव पल्लव
सुनू नव शैशव कोमल कलरव
एहि आदर्शक दानसँ लबलब नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
आँजुर खाली नेह भरल अछि
श्रद्धा विप्लव गेह सजल अछि
पायस मधुर मखानसँ उसरब हिय पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
मिथिलेक दुलहा मैथिली ललना
राज विदेहक अलना पलना
गमगम गुलकंद पानसँ गांथब उर पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
सत्य वरन नहि बूझब कल्पना
आदर्शक साजल अछि अल्पना
मुग्ध सिनेही मानसँ माँतल नव पाहुन
देसिल वयनाक गानसँ परिछब नव पाहुन
 
१६. परिछन गीत
 
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत
आनक बेटी एली सासुर
गदगद छथि देओर भैंसुर
हासक हरमुनियाँ ल’ ससुर देखाबथि बापक सनक पिरीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
बहुआसिन मोन उदासे
नहि हुअनि मलान सभ आशे
भास बढाबू अय परकन्या केर मोन ने होमय तीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
नहि गारि ने ओलहन देबनि
अपनहुँ बेटीकेँ देख लेबनि
पहिल सगुन ई परिछन आत्म नेहसँ लिऔन हियाकेँ जीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
आशीष भविष्यक आशा
तखने पूरत प्रत्याशा
मरौत उघारिने देखू ग’र सटाक’ मायक रूपमे मीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
नारी सिनेह सरोवरि
बदलामे भेंटत दोबरि
आँगन संगम थिक नहि गंगा नहि यमुना दुहूक जीत
चलु-चलु कनियाँ अय नवकनियाँ लेल गाबी परिछन गीत ..
 
१७. महुअक गीत
 
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
हँसि हँसि क’ चखियौ ने
महुअक के’ खीर
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
कुरता झोलंगा मे ठट्ठर शरीर
मगजी पर मगजी छनि कत’ लेलथि चीर
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
परिछन के पहर मे मुंहलगुआ वीर
बजबाक बेर किए उठै छनि पीड़
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
लाल लाल दुनू लोल के’ लेलकनि मीर
औखन मतिसुन्न सुनथु काटर-वजीर
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
आँगन उपासल नहि बुन्नो मिहिर
नेहक परात सजल अक्षत मे क्षीर
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
गरीबक सुहासिनी के बोल जेना कीर
वरणक परिभाषा मे दुहू एक तीर
दुल्हा कथी ले’ अधीर !
 
१८. शुभय हो शुभय
 
आजु शुभ मंगल दिनमा शुभय हो शुभय
मिथिला अवध वरनमा शुभय हो शुभय
सिया सभ बहिनदाइ शुभय
रामचन्द्र चारु भाय शुभय
अद्भुत विदेहक मगनमा शुभय हो शुभय
मयना कौशिल्या शुभय
सरयू कमला शुभय
माटिक कण कण कनमा शुभय हो शुभय !
महलक जोनमा शुभय
सबहक मोनमा शुभय
स’भ अनधन सोनमा शुभय हो शुभय !
टाँसल अवधी शुभय
मैथिली मधुरी शुभय
हम्मर देसिल परनमा शुभय हो शुभय !
कौशलक भरिया शुभय
मिथिके पमरिया शुभय
जिनकर कान्ह बेटी जेती ओ कहरिया शुभय !
 
१९. शुभय हो शुभय
(कन्यादान गीत )
 
बेटी दानक ई उत्सव शुभय हो शुभय
शुभ हिय मायकलरव शुभय हो शुभय
शुभय मातृपूजा
कुलदेवीक धूजा शुभय हो शुभय
आँखि नोरित अनुजा शुभय हो शुभय
शुभय भाव दैया
भावुक तात भैया शुभय हो शुभय
कानय नैहरक मरैया शुभय हो शुभय
शुभय प्रिय जमाता
अभिनन्दन विधाता शुभय हो शुभय
खुशीनोर सासुमाता शुभय हो शुभय
शुभय बेटी कांता
सुवासिनी कुलवन्ता शुभय हो शुभय
रहय नैहरो धनवंता शुभय हो शुभय
शुभय सभ सुहागिनी
नवल राग -रागिनी शुभय हो शुभय
दृढ बंधन के धागिनी शुभय हो शुभय !
 
२०. समदाओन
 
अवधके’ सींथि सिनूर मिथिलाके’ खोईंछ ल’ क’
सिया चलली अवधनगर
नोरित सुनयना नोरित चारुबहिना
देखि विह्वल रघुवर !
जुड़ल जनक हिय पुरल मनोरथ
मुदा आँखि नोरक घ’र
एहनने दान देखल मिथिलाके’ मान देखल
जगत पिताके’ हाथ त’र !
विदाके’ पहर बितैत सखी नोरगंग तितैत
कहरिया करैए’ धरफर
गिरह बान्हि राखू प्रेम वेअह वंश नेम क्षेम
चारि बेटी ज्ञानक चारु भ’र !
मुंह खोलू बेटी सिया अहाँ शुचिताके’ धिया
कंठ धरु विदाकालक क’र
चढ़लि कहार सीता मिथिकुलके’ ज्ञान गीता
अनुखन प्रवासक पहर !
 
२१. मिथिलाकें नमन करै लय ( सिया -राम विवाह प्रसंग )
 
रघुवरजी एलखिन जनकक नगरी
मिथिलाकें नमन करै लय
स्वयंवर भ्रमण करै लय
जनकपुर चमन करै लय
आब टुटतनि शिवक देल ई धनुखा
पीड़ा शमन करै लय …
लंकापति कर्म अजबारल
भक्तिलग शक्तिकेँ ताड़ल
घुरल अन्तःपुर धर्मक मारल
विख वमन करै लय ……..
आगाँ आगाँ गुरुवर झटकथि
पाँछासँ लखन जी फटकथि
टूटल प्रत्यंचा चढ़िते धनुखा
माँ सियाकेँ वरन करै लय ….
हिय भावुक मातु सुनयना
गीतक स्वर मैथिली वयना
समदाओन ध्वनि झुलबै दानक पलना
अवधकेँ गमन करै लय ….
पूरित अनुग्रह भेलै
कोनोने विग्रह एलै
नारी सभ गेली अप्पन अंगना
निचैनसँ शयन करै लय ……..
 
२२. कन्यादान कालक गीत
 
सुनू सुनू पाहुन औ हमर भावना बापक हियक दुलारि !
ज्ञानक पुंज जड़ाक’ राखब सभदिन बुझासुझा पुचुकारि
सुनू देवचन्द्र के’ संतति
माय चंद्रा अद्भुत गुणमति
जौं कोनो भांगठ आबय प्रेमक बाढ़निसँ लेब अपने बहारि
सुनू सुनू पाहुन औ हमर भावना बापक हियक दुलारि !
धरू गहि क’ हाथ जमाता
ई बन्हन देलनि विधाता
निरपुरक नाथ औ उदयन बेटीकें राखब सम्हारि
सुनू सुनू पाहुन औ हमर भावना बापक हियक दुलारि !
ई वरन विश्वासक बंधन
कर्मक पथ पर ने लांछन
भेल चारि हाथ आब जीवन धर्मकलेल विपुल पदचारि
सुनू सुनू पाहुन औ हमर भावना बापक हियक दुलारि !
बेटी अहूँ पालन करबै
सासु माय कें धात्री बुझबै
आब वेअह निलय भेल राखू नेहकें ओहिठां ले’ अजबारि
सुनू सुनू पाहुन औ हमर भावना बापक हियक दुलारि !
 
२३. सकारू कन्यादान औ ….
 
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ …..
समरथहीन ससुरक हाथे
सकारू कन्यादान औ ….
काटर वरन अनर्गल बुझलहुँ
कन्यागुण लग औ बाबू
कुलवंशक मर्यादा रखलहुँ
विचार केहेन भलमान औ
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ ….
जीवन यामक सरल समागम
दान मधुरतम पीड़ औ
मिथ्या नहि अहाँ बूझब पाहुन
बेटी हमर परान औ
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ …..
पसरय जगमे दुहूक अर्चिस
सुरभि जीवन आशीष लिअ’
पहिलुक साँझक चन्द्र जानकी
अपने शाश्वत दिनमान औ
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ …..
छल आशा विश्वास मुदा नहि
कैंचा बिनु कन्यादानक
हिय विभोर अछि पाबि अनुग्रह
अचरज नहि संज्ञान औ
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ …..
जामाता नहि पूत पाबि क’
गदगद पोरे पोर औ
गहन अन्हरिया दीनक आँगन
अचके पूनम चान औ
नहि द’ सकलहुँ चमचम अभरन
नहि चरिपहिया यान औ …..
 
२४. बेटी विदा हेती !
 
सोझाँ लागल एकटा कार
मखमली परदा नहि ओहार
बेटी विदा हेती !
दुलरैतिन सासुर जेती !!
गगनसँ बरसै मधुर फुहार
द्रवित भेल मंदिर आर मजार
लागै समदाओंन गेती
बेटी विदा हेती…. !
राखब कुलवंशक मर्यादा
कर्मक बाट ने आबय बाधा
नापल तौलल गप्प अनमोल
कखनहुँ नहि अपशब्दक बोल
जीवन सिनेहक धवल बजार
सम्यक सारिल संग असार
बोध छनि आदर पेती
बेटी विदा हेती…. !
जन्मलि सोचल रमा -अधिवास
मुदा ! आब बापक घ’र प्रवास
लक्ष्मी कयलनि भाव विभोर
आयल साँझ जे आइधरि भोर
एखन धरि उरमे दाबने नोर
आब नहि मानत भेलै जोर
कनाक’ कोना जेती
बेटी विदा हेती…. !
शक्ति सुता ई आँगनक अगता
कहियो नहि आशीषक खगता
आब ऋतुराजक भेल अवसान
पिककेँ नवल घरक छनि ध्यान
कनिया पुतरा केलियनि संग
आब के करतनि मायकेँ तंग
नेनपन बिसरि जेती
बेटी विदा हेती…. !
ई प्रथा त’ सुदैवक देल
मात्र नहि हमरे घ’रक लेल
नारी दू -दू निलयक अभिमान
नहि हुअए कोनो दीप मलान
तारिणी सकल व्यवस्था लेल
माय घरक किए पाहुन भेल ?
इएह हियमे नेने जेती
बेटी विदा हेती…. !
 
२५. समदाओंन ( विदाइ कालक गीत )
 
रास भाट समदाओंन गाओल नैन भिजाओल हे
माय हे सुरभि कहार कहरिया ल’ क’ अवध सँ आओल हे …
रतन जड़ित नव वसन सँ मैथिली सजाओल हे
माय हे हर्खित नोर मयना रानी कि ओलती खसाओल हे …
रघुवर हेरि नृप जनक केँ हिया सँ लगाओल हे
माय हे तात सुत मिलि चारु आँखि सँ गंग बहाओल हे …
उर्मि श्रुति मांडवी रूप देखि नृप गदराओल हे
माय हे देवगन अनंत गगन सँ सुमन बरसाओल हे …..
धरतीरानी हहरलि कानलि ज्वार उठाओल हे
माय हे सिया धिया कहुना क’ धरती के मान मनाओल हे …
बहुआसिन रूप देखि तीनू माय मोन जुराओल हे
माय हे दशरथ पगपग आल- पीत ध्वज फहराओल हे ….