गुगल मैथिलीक 3 साल

गुगल मैथिलीक 3 साल”

टेक-मिथिला | झाचंदन | नव दिल्ली | 17 अप्रिल, 2015 05:25 PM IST

झा चंदन, वेब तकनिशियन आ मिथिलाक एकमात्र कार्टूनिस्ट
झा चंदन, वेब तकनिशियन आ मिथिलाक एकमात्र कार्टूनिस्ट

क़ुनु देशप्रांत वा क्षेत्रक पहिल पहिचान ओक्कर भाषा होएत अछि। विश्वक सबसौं पुरान भाषा मs s एक मैथिली भाषा छैक जेक्कर पहिचान भारतीय संविधान मs 2003 आ नेपाली संविधान 2063 वि.सं. साल अर्थात् 2007s भेटल| संविधानमे मान्य स्थान भेटलाक बाद मैथिली केर प्रयोग शनैः-शनैः आन स्थल जेनाकि शैक्षणिक-पठनीय सामग्रीमे, वेब-पोर्टल, समाचारपत्रसॉफ्टवेर-अप्लिकेशन्स आदि मे होमय लागल|

वेब पोर्टल “गूगल डॉट कॉम” भारत मसबसौं बेसी प्रयोग कैल जायवला सर्च-इंजिन थिकैक जेकर इंटरफेस (प्रयोगकर्ता-खिड़की) आन भारतीय भाषा (हिन्दीमैथिलीमराठीबंगालीपंजाबीउर्दूकन्नड़इत्यादि) मे सेहो उपलब्ध अछि| मैथिली जे कि बिहारक एकमात्र संवैधानिक क्षेत्रीय भाषा और नेपालक दोसर सबसौँ बेसी बाजल जायवला भाषा थीक एकरा सेहो 2012 सँ “गूगल डॉट कॉम” द्वारा सर्च-इंजिन के रूप मs स्थान प्रदान कैल गेल छल | सोशल वेब-पोर्टल प्रयोगकर्ता अनुमानक आधार पर 0.4% (0.9% बिहार) मैथिल मिथिला मे और लमसम  1.2% मैथिल मिथिला सँ बाहर इंटरनेटक उपयोग कय रहल अछि, मुदा गूगलक मैथिली वेब-पोर्टल केर प्रयोग आन भारतीय भाषाक तुलना मे एखन धरि तक नहियेक बरोबरि अछि| अहि उपयोगक परिदृश्य आंनो ठाम नगण्य अछि | मिथिलाक टेक्नोलाजी क्षेत्र मे पिछड़ापणक कारण अनेको छैक और समाधन खाली जागरुकता संगे एहि टेक्नेलाजी सबहक उपयोगक छैक| जागरूक बनू, उपयोग करूप्रचार करू, आर योगदान करू|

गूगल मैथिली लिंक :: https://www.google.com/?hl=bh&gws_rd=cr&ei=JxYxVf_4JIXr8gX4o4CwAw&fg=1

अपन भाषाक शब्द आ विभिन्न जानकारी एहि टूल द्वारा तकबाक जरुरति अछि। विश्वस्तर पर प्रसिद्धि प्राप्त आ वेब सर्च मे सर्वाधिक उपयोगी गूगल पर मैथिलीक सम्मान तखनहि निरंतरता पाबि सकत जखन एकर उपयोगकर्ताक संख्या दिन-ब-दिन बढतैक। एहि मर्मकेँ मनन करब जरुरी अछि। हर मैथिलीभाषी केँ ई बुझबाक चाही जे बहरिया सेहो अहाँक भाषाकेँ सम्मान दैत अछि, मुदा अहाँ सब स्वयं अपन भाषाकेँ छोड़ि आन भाषहि सँ पेट चलेबाक मजबूरी जेकाँ निज भाषाक आत्मसम्मान सँ वंचित होइत छी।