मधुबनीक बिट्ठो मे संपन्न भेल साहित्यिकीक २७३मा गोष्ठी

बिट्ठो, मधुबनी। सितम्बर २०, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

sahityiki2मात्र ७ जन साहित्यसेवी युवा सर्जक द्वारा १९९४ ई. मे स्थापित ‘साहित्यिकी’ केर २७३मा बैसार यैह रवि १८ सितम्बर बिट्ठो गाम मे संपन्न भेल जाहि मे करीब ३ दर्जन मैथिली कवि – कथाकार – साहित्यसेवी – अभियानी लोकनिक सहभागिता रहल।

साहित्यिकी केर अध्यक्ष डा. विद्यानाथ झा केर आवास पर एहि बेरुक मासिक बैसार आयोजन कैल गेल छल जेकर अध्यक्षता डा. यशोदानन्द झा केलनि, संचालन साहित्यिकीक सचिव अमल कुमार झा द्वारा कैल गेल, तहिना एहि आयोजनक विशिष्ट अतिथि मैथिलीक चर्चित कवि अमरनाथ झा छलाह।

sahityiki6एहि बैसार मे तीन गोट कथाकार द्वारा अपन-अपन कथाक वाचन करैत उपस्थित श्रोताकेँ सुनाओल गेल छलन्हि। डा. शान्तिनाथ सिंह ठाकुर केर कथा ‘कथाकारक कथा’ पर निरजा रेणु द्वारा समीक्षा कैल गेल छल। अमरनाथ झा केर डेढलाइट तथा राजेन्द्रनाथ झा द्वारा कचोट कथाक वाचन कैल गेल छल।

राम विलास साहु, लक्ष्मी राम, श्रीपति सिंह, निरजा रेणु, आनन्द मोहन झा, केदार नाथ झा, ईशनाथ झा, कपिलेश्वर राउत, शिव शंकर प्रसाद, अजित आजाद, प्रवीण नारायण चौधरी, मलयनाथ मिश्र, नारायण झा, जगदीश प्रसाद मंडल, बुद्धिनाथ झा, जयन्त कुमार सहित अन्य दर्जनो कवि-गजलकार लोकनि अपन-अपन रचना सब प्रस्तुत केलैन।

कार्यक्रमक अन्त मे साहित्यिकी केर अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारी लोकनि द्वारा संस्थाक ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर सेहो प्रसंग अनुकूल चर्चा करैत उपस्थित सर्जक समाज केँ विभिन्न महत्वपूर्ण जानकारी देल गेलनि। अन्त मे अध्यक्षीय संबोधनक क्रम मे १८ सितम्बर मैथिलीक महान लेखक हरिमोहन झा केर जन्मदिन रहबाक कारण हुनक व्यक्तित्व ओ कृतित्व पर विशेष चर्चा कैल गेल। मिथिलाक नामी विद्वान् किशोर नाथ झा द्वारा साहित्यिकीक विशेष योगदान लेल प्रशंसा करैत आगाँ सेहो ई नीक करैत रहय से आशीर्वाद देलनि। तहिना विशिष्ट अतिथि अमरनाथ झा सेहो साहित्यिकी केर निरंतर योगदान सँ प्रेरणा लेबाक बात कहैत अन्ततोगत्वा स्वयं सेहो साहित्य-सृजन केर क्षेत्र मे अवकाशग्रहण केला बाद लागि जेबाक जनतब देलनि।

संचालक अमल कुमार झा केर विशेष आग्रह पर मैथिली जिन्दाबादक संपादक प्रवीण नारायण चौधरी द्वारा महादेव केर एक विशिष्ट भजन ‘जुनि कर नमकहरामी शिव सँ’ गाबिकय सुनाओल गेल छल, जेकर जोड़ा स्वयं सभा-अध्यक्ष डा. यशोदानन्द झा द्वारा लगबैत कार्यक्रम मे भक्तिक धारा बहेबाक अनुभूति देल गेल छल। पुनः समस्त स्रष्टा लोकनि द्वारा सामूहिक फोटोग्राफी व अल्पाहार संग कार्यक्रमक समापन घोषणा कैल गेल। विदित हो जे एहि साहित्यिकी संस्था द्वारा एखन धरि कइएक दर्जन मैथिली पोथी केर प्रकाशन कराओल जा चुकल अछि, संगहि एकर मूल नारा अनुरूप समाजक विकास साहित्यक विकास सँ होयत ताहि दिशा मे आरो विभिन्न योगदानक लंबा सूची उपलब्ध अछि।