विशेष सम्पादकीय
– रामबाबू सिंह, प्रबन्ध सम्पादक, मैथिली जिन्दाबाद
देशक राजधानी महामारीक राजधानी में परिवर्तित भS चुकल अछि। डेंगूक राजधानी, चिकनगुनियाक राजधानी जानलेबा बुखारक राजधानी मुदा अहु सँ बेसी बदइंतजामी आ अव्यवस्थाक राजधानी में बदलि गेल अछि दिल्ली।
अस्पताल त स्वयं रोगग्रस्त बुझना जाएत अछि, नहि बिस्तर भेट रहल छैक आ नहि डाक्टर। दिल्ली मे रहनिहार आम जनता महामारी सँ त्राहि त्राहि कS रहल अछि आ डॉ साहेब ईद केर छुट्टी में मौज मस्ती मना रहल छथि। डॉ छुट्टी पर, नर्स छुटि पर कम्पाउण्डर छुटि पर आर जे बाँचल अछि ओ कामक बोझ सँ मरल जा रहल अछि।
ऊपर सँ दिल्लीक स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन आई तीन गोट क्रन्तिकारी बात कहलनि जे एक त चिकनगुनिया सँ कोनो मरीज मरिये नै सकैत अछि, दोसर जे डेंगू चिकनगुनिया सँ हाहाकार मचल अछि ई मिडियाक देन अछि आ तेसर जे दिल्ली सरकार अहि महामारी लेल जिम्मेबार भ’ए नहि सकैछ। आब रिपोर्टर पूछि लेलकनि जे फेर एकर जिम्मेबार के? बस मंत्री जी रिपोर्टर केँ मोबाइल देबाल में फेंक मारलनि।
“खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे” माने बेचारे के गोवा के खूबसूरत मौसम छोड़ि एतय प्रदूषित दिल्ली में आबि जबाब देब पड़लनि। एक त मंत्री, दोसर दिल्ली के मंत्री आ तेसर सेहो स्वास्थ मंत्री – से रूतबा देखेनाइ जरूरी छलन्हि। सबाल मात्र छल कि दिल्ली बाला महामारी सँ मरि रहल अछि आ अपनेक मंत्री सब कतय अछि? एतबा सुनिते सत्येन्द्र जैन केर शालीनता में आगि लागि गेलनि आ भड़कि उठलाह। आ जेना मियादी बुखार भेल होइन तहिना बड़बड़ाय लगलाह। हिनका चिकनगुनिया आ डेंगू सर्दी जुकाम जेकाँ सामान्य बिमारी बुझाइत छनि।
सबसँ पहिने ज्ञान देलनि जे चिकनगुनिया सँ कियो मरि नहि सकैए ई सब मिडिया केर बनायल कहानी थीक। मतलब अस्पताल में मरीजक भीड़ मिडिया केर कारण छैक। डॉ केर छुट्टी कि मीडियाक देन थिकैक? ई केहन डॉ छथि सत्येन्द्र जैन? आइ जँ धन्वंतरि आ आत्रेय रहितैथ तखन आयुर्वेद केर संहिता में आगि लगा देने रहितथिन।
वाह रे मंत्री! जिम्मेबारी नामक चीज सँ भागब कियो हिनका सबसँ सिखय! दिल्लीक जनता कहियो एहन उम्मीद नहि कएने हएत जे 70 सीट में सँ 67 सीट देलाक बादो एहन दुर्दशा भोगय पड़त? जनता त पूछबे करत की एहन कुन सरकार छैक जे महामारी में जनता केँ अपन हाल पर छोड़ि सब सैर-सपाटा पर चलि रहल छथि। दिल्ली केर 6 में 5 मंत्री जी सैर सपाटा पर छथि मुख्य मंत्री केजरीवाल आ उपमुख्य मंत्री सिसोदिया सहित। उपराज्यपाल नजीब जंग सेहो सात समुन्दर पार जिनगीक मजा लूटि रहल छथि आ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री कहै छथि हमरा कि मतलब? तखन दिल्लीक लोक कतय जाए? के सुनत दिल्लीवलाक फरियाद?
दोषी असगर सत्येन्द्र जैन नहि छथि। सड़क पर चौपाल लगेनिहार, चौराहा पर हिसाब किताब देनिहार, जनता दरबार में निर्णय लेबाक बात करनिहार, दिल्लीक हवा में महामारीक गंध अबिते सैर सपाटा पर निकलि गेलाह। स्वयं मुख्यमंत्री आर आम आदमीक मसीहा कहेनिहार अरविन्द केजरीवाल गला में दर्द होएते बेंगलुरु उड़ि गेलाह। हिनकर प्यारी दिल्लीक डाक्टर आर अस्पताल पर कनिको भरोसा नहि छनि। केजरीवाल जेकाँ सिसोदियाकेँ सेहो दिल्ली सँ ओतबे स्नेह छनि ओ फ़िनलैंड केर सैर पर छथि। किछु सिखबाक लेल सम्मेलन में गेलाह अछि तेँ हिनको सँ आशा जूनि राखु। अपने देखि लीयऽ!
तेसर सत्येन्द्र जैनक कार्यक त पता नहि मुदा गोवाक खुबसुरतीक मौज मस्ती पर छलाह। हल्ला गुल्ला सुनि बीचहि में खूबसूरत पैराडाइज बीच्चहि मे छोड़ि भागिकय एलाह। चारिम मंत्री इमरान हुसैन हज पर छथि आ ई धार्मिक मामला भेल तेँ किछु बाजब उचित नहि। पांचम मंत्री गोपाल राय केर स्वास्थ्य ठीक भेलाक बाद छत्तीसगढ़ में ताजा हवाक आनन्द ल रहल छथि। दिल्ली केर अभिभावक जँग साहब अमेरिकाक टूर पर छथि। फाइल फाइल खेलय में माहिर छथि आ जतबैत रहै छथि जे दिल्लीक मुखिया वैह थिकाह। आइ सबकेँ छोड़ि मौज मस्ती में घुमि रहल छथि।
दिल्लीक अव्यवस्था जनता लेल चौतरफा जहरीला भेल जा रहल अछि। सबटा अस्पताल केर समान कहानी अछि। दिल्ली सरकारी अस्पतालक बदतर हाल, केन्द्र सरकारक अस्पताल केर आ नगर निगम केर अस्पताल केर सेहो गति तेहने छनि। भारत सरकारक आ दिल्लीक सबसँ बड़का अस्पताल में सँ एकटा अस्पताल अछि राम मनोहर लोहिया जेकर मुखिया छथि जेपी नड्डा। मुदा आश्चर्यक बाद देखू जे एतय ईद केर छुट्टी छैक। लोक भयानक रोग सँ लड़ि रहल अछि आ एतय छुट्टी देल गेल अछि। ओपीडी बन्द अछि मात्र इमरजेंसी खुजल छैक।
आब दिल्ली सरकारक अस्पताल केर दुर्दशा देखू। पूर्वी दिल्लीक सबसँ पैघ अस्पताल अछि गुरु तेग बहादुर अस्पताल जेकर मंत्री छथि सत्येन्द्र जैन। जतय सबसँ बेसी महामारी पसरल अछि। मुदा एतय सेहो ईद केर छुट्टी मौज-मस्ती अछि। जखन मेडिकल सुपरिन्टेन्डेन्ट आ cmo सँ पुछबाक प्रयास कएलक तखन लड़य-मरय पर उतारू भऽ गेलाह सब कियो। दिल्ली केर सभटा बीमार बनि गेल अछि। जेपी नड्डा साहब केँ किछु बुझल नहि छनि, अपने में मस्त छथि। घर में आगि लागल छनि आ ई रोम केर नीरोकेँ सेहो पछाड़ि देलनि अपन बंसी फूँकय में। एहन में दिल्ली मात्र भगवान् भरोसे चलि रहल अछि। मरीज नहि बीमार अछि अहि देशक मालिके सब बीमार अछि। मस्तराम मस्ती मे, आगि लगे बस्ती मे!