दिल्ली, सितम्बर ६, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
‘मिथिला राज्य निर्माण लखनजीक वास्तविक श्रद्धांजलि होएत’
५ सितम्बर, २०१६ सोम दिन दिल्लीक मिथिला चौक पर मिथिला राज्य आंदोलनक आधारस्तंभ डॉ. लक्ष्मण झा केर जन्मशताब्दी दिवस पर एकटा संगोष्ठीक आयोजन कएल गेल।
संगोष्ठीक विषय छल ‘‘लखनजी : व्यक्तित्व ओ कृतित्व।’’ कार्यक्रमक अध्यक्षता अखिल भारतीय मिथिला राज्य संघर्ष समितिक संयोजक प्रो. अमरेंद्र झा, संचालन मिथिला राज्य निर्माण सेनाक वरिष्ठ अभियानी श्री शरत झा, मुख्य वक्ता विश्व मैथिल संघ एवं मिथिला राज्य निर्माण सेनाक संस्थापक अध्यक्ष हेमंत झा तथा धन्यवाद ज्ञापन मिथिला राज्य निर्माण सेनाक कोषाध्यक्ष संजीव सिन्हा कएलनि। उपस्थित विभिन्न मैथिल अभियानी लोकनि अमर विभूति लखनजीक चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कए केँ हुनका नमन कएलनि।
कार्यक्रमक प्रारंभ मे लखनजीक विस्तृत परिचय लेल मिथिला राज्य आन्दोलनी मनोज झा साहित्य अकादमी द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘लक्ष्मण झा’ सं हुनकर व्यक्तित्व पर आ अ. भा. मिथिला पार्टीक युवा नेता रोहित यादव लखनजीक कृतित्व पर पाठ पढ़िकय सुनौलनि। कार्यक्रम मे लखनजीक संक्षिप्त परिचय पर केंद्रित एकटा परचा सेहो वितरित कएल गेल।
संगोष्ठी मे विभिन्न संगठन सं जुड़ल पदाधिकारी लोकनि अपन विचार रखलनि। जाहि मे मैथिली साहित्य महासभाक उपाध्यक्ष अधिवक्ता बबिता झा, आप पार्टीक पूर्वांचल शक्ति संयोजक नीरज पाठक, मैथिलीजिंदाबाद पाक्षिक पत्रिकाक संपादन सहयोगी हरिशंकर तिवारी, अ. भा. मिथिला पार्टीक नेता बीरबल यादव, मिथिला राज्य संघर्ष समितिक शैलेंद्र झा, मैथिली साहित्य महासभाक सचिव कंत शरण, वरिष्ठ मैथिल अभियानी तथा न्युज अफ बिहार केर संचालक प्रसून झा एवं मैथिल मंचक संस्थापक मणि भूषण राजूक संबोधन उल्लेखनीय अछि।
वक्ता सब एक स्वर मे लखनजी केँ प्रखर मैथिल अभियानी आ उच्च कोटिक विद्वान बतबैत कहलनि जे ओ ‘सादा जीवन-उच्च विचार’क प्रतिमूर्ति आ महान् त्यागी एवं सारस्वत साधक छलाह। ओ मिथिला प्रांतक निर्माण आ मातृभाषा मैथिलीक उत्थानक लेल जीवनपर्यंत संघर्षशील रहलाह।
लंदन विश्वविद्यालय सं ‘मिथिला एंड मगध’ पर पी-एच.डी. उपाधि प्राप्त क’ कैंब्रिज तथा ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय मे अध्यापन कार्यक लेल निमंत्रण केँ छोड़ि ओ मिथिला उत्थानक लेल आपस अएलाह। लखनजीक मिथिला ओ मैथिलीक संबंध मे 15 गोट पोथी मैथिली, हिंदी, संस्कृत आ अंगरेजी मे प्रकाशित छनि। एकर अतिरिक्त अंगरेजी मे 28, संस्कृत मे 7, मैथिली मे 6 आ हिंदी मे 10 गोट पोथीक पांडुलिपि सुरक्षित राखल छनि।
वक्ता सब एहि बात पर जोर दैत कहलनि जे सब मैथिल संगठन मिलि क’ मिथिला राज्य निर्माणक सपना साकार करय, इएह लखनजी कें वास्तविक श्रद्धांजलि होएत।
कार्यक्रम संचालक शरत झा मैथिली जिन्दाबाद केँ जानकारी करबैत कहलैन जे एहि संगोष्ठी मार्फत मिथिला-मैथिली अभियानी लोकनि केँ मिरानिसे केर आगामी राष्ट्रीय अधिवेशन जे दरभंगा ८-९ नवम्बर केँ प्रस्तावित अछि ताहि मे सहभागिताक संग वांछित सहयोग लेल सेहो अपील कैल गेलनि। संगहि दिल्ली सँ हालहि आरम्भ भेल मैथिली समाचारक पाक्षिक ‘मैथिली जिन्दाबाद’ प्रति सबहक ध्यानाकर्षण करैत एकर पाठक व ग्राहक बनि अपन भाषाक संरक्षण-संवर्धन संग मूल पहिचान मिथिला प्रति सजगता धारण करबाक विशेष अनुरोध सेहो कैल गेल।
एहि संगोष्ठीक संचालन केँ अपना लेल सौभाग्य मानि शरत झा कहैत छथि जे एकटा नव ऊर्जाक प्रवाह शरीर में बुझना गेल, उपस्थित सब अभियानी केँ कहलियैन्ह जे दूनू हाथ ऊपर उठाकय, मुट्ठी बाइन्ह बाज़ू जे स्व. डॉक्टर लक्ष्मण झाक अधूरा सपना केँ पूर्ण करब आ पृथक मिथिला राज्य बना कय रहब।