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चौरचन आ तीज संग-संगः तीजक महत्ता नेपाल मे खास

अजय मिश्र मैथिल, मैनाकड़री, सप्तरी। सितम्बर ४, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

teejआइ मिथिलावासी सब धुमधाम सँ चौरचन मना रहल अछि, संगहि आइ तीज पाबैन सेहो थीक। तीज खास कय केँ नेपाली पाबैन मानल जाएत छैक। नेपाल मे पहाड़ी मूल केर महिला सब तीज धुमधाम सँ मनबैत छथि। तीज खास कय केँ पार्वती आ महादेव केर एकत्वक प्रतीक के रूप मे मनाओल जाएत अछि। विवाहित महिला सब अपन पतिक दीर्घायू होयबाक कामना करैत हर्ष-उल्लास केर संग तीज मनबैत छथि। ई पाबैन नेपालक संग-संग दक्षिण भारत व मध्य भारत मे सेहो मनाओल जाएत छैक।

तीज तीन प्रकार केर होएत छैक। हरियाली तीज, कजरी तीज आर हरितालिका तीज। हरियाली तीज भारतक हरियाणा मे वर्षा ऋतुकेर आगमनपर बड़ धुमधाम सँ मनायल जाएत अछि। तहिना कजरी तीज राजस्थान मे आ हरितालिका तीज नेपाल मे मनाओल जेबाक परंपरा अछि।

आइ-काल्हि मिथिलानी सब सेहो तीज पर्व मनेबाक तरफ आकर्षित भेली देखाएत छथि। एहि पाबैन मे लोक सब सामूहिक रूप सँ नाचि-गाबि विभिन्न तरहक सांस्कृतिक-सामाजिक आयोजनक संग मनेबाक रीत देखल जा रहल अछि। आजुक दिन माय द्वारा अपन सोहागिन बेटी सब केँ विशेष उपहार देल जाएत छैक। सामूहिकता व एकजुटताक संदेशक संग सब जातिक महिला समाज एक ठाम आबिकय ई महत्वपूर्ण पाबैन मनबैत छथि। एकर महत्व दिन ब दिन आरो निखरैत जा रहल अछि।

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