जनकपुर, सितम्बर १, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
सोसल मीडिया पर काल्हि सँ फेर जनकपुर – जानकी मन्दिर आ धार्मिक न्यास केर संरक्षक (महंथ) परिपाटी चर्चा मे आबि गेल अछि। समाचार आगि जेकाँ पसैर रहल अछि जे सात करोड़ मिथिलावासी सहित पूरे १ अरब हिन्दू धर्मावलम्बीक आस्थाक केन्द्र मिथिलाक प्राचीन राजधानी जनकपुर मे धर्म धुरंधर महंथक जबरदस्ती सँ प्रसिद्ध धार्मिक केन्द्रक विकास आ संरक्षण प्रभावित भऽ रहल अछि। राजनीतिक-सामाजिक अभियानी लोकनिक आरोप अछि जे जेकरा बनाओल गेल रक्षक वैह बनि गेल अछि भक्षक। कहल जाएत अछि जे बाहरी लोकक एक नहि चलय देल जाएछ एतय। पूरे देशक तंत्र पर्यन्त फेल अछि एतय। सबहक ऊपर सवार अछि एक महंथ व हुनक परिवार।
ओना त पहिनहु सँ कतेको बेर ई समाचार प्रकाश मे अबैत रहल अछि जे सामाजिक अभियंता या पत्रकार या गूठी कर्मचारी या प्रशासनक कोनो अधिकारी जनकपुरक धार्मिक केन्द्र जानकी मन्दिर संग अन्य सम्बन्धित मठ, मन्दिर, पोखैर, फूलबारी, बाजार, विवाह मंडप इत्यादिक उपयोग-दुरुपयोग लेल महंथ सँ इतर आवाज उठेलक तऽ ओकरा ऊपर आक्रमण कैल गेल, जानलेवा हमला कैल गेल, विवाद भेल, पंचायती भेल, आदि। पुनः एक राजनीतिक एवं सामाजिक अभियंता सुशील कर्ण ई जनतब सार्वजनिक कएलनि अछि जे काल्हि संध्याकाल हुनका पर सांघातिक हमला कैल गेल अछि आर एकर पाछू सेहो महंथ केर हाथ अछि। जखन कि एकटा आरोप मात्र थीक परन्तु सुशील कर्ण केर कहनानुसार स्थिति-परिस्थिति सेहो एहि दिस इशारा करैत अछि जे पक्का एहि तरहक हमलाक पाछू कोनो न कोनो नकारात्मक शक्तिक हाथ अछि जे उठि रहल विरोधक स्वर सँ अपना केँ परेशान होएत विचलित अछि।
मैथिली जिन्दाबाद संग बातचीत करैत हुनका संग बीतल आपबीती सचमुच दुर्भाग्यपूर्ण अछि जे कोनो सामाजिक अभियंता आ राजनीतिक कार्यकर्ता द्वारा प्रजातांत्रिक मुलुक मे आम कल्याणकारी योजना सहित विरोधक आवाज उठायल जायत त ओकर ऊपर एहेन तरहक हमला कियो करत वा करायत। कर्ण सेहो एहि ठामक विकास लेल आवाज उठबैत छथि, मुदा हुनकर हिसाब सँ महंथक शैली नाजायज आर दमनकारी अछि, महंथ परिपाटी बदैलकय ओ विकास कोष केर शैली मे बढय लेल चाहैत छथि। मुदा हुनकर विरोध स्थापित गूठी संस्थान, राज्यक व्यवस्था, शासन, प्रशासन आ न्यायपालिका सँ कियैक नहि छन्हि – ई पूछला पर ओ एक्के टा बात कहैत छथि जे महंथ केर उपनाम ‘सरकार’ छैक, ओ एतुका राजा बनि गेल छथि, मनमानीपूर्ण रवैया रहैत छन्हि, सबकेँ अपना मुट्ठी मे कएने छथि, अपने आ सब परिवार मिलिकय जनक-जानकीक अकूत संपत्तिकेँ भूमाफिया सबहक हाथे ठेकेदारी पर सौंपि देने छथि, ताहि सँ भेट रहल आमदनीक कोनो हिसाब-किताब नहि अछि, कतहु विकासक कार्य नहि कैल जा रहल अछि, बिजली बिल धरि भुगतानी नहि कैल जाएत अछि, आदि।
सवाल छैक जे विधायिका, प्रशासिका आ न्यायपालिकाक रहैत सामाजिक-राजनीतिक अभियंताक नियंत्रण मे कतेक रास बात रहतैक किंवा छैक? कोनो विशेष राजनीतिक दल या समूह या व्यक्ति द्वारा महंथ परिपाटी पर आंगूर ठाढ करबाक संज्ञान राज्य द्वारा कोन ढंग सँ लेल जाएत छैक? यदि सचमुच कतहु अन्याय, दमन आ शोषण छैक तऽ आम जनविद्रोह कियैक नहि भऽ रहलैक अछि? विद्रोह सँ देश मे स्थिति बदैल सकैत छैक, सैकड़ों वर्षक स्थापित राजतंत्र केँ उखाइड़कय फेकल जा सकैत छैक तखन फेर ई जनकपुर पर स्थापित धर्म व धार्मिक परंपराक महंथ परिपाटी कोन बड़का बात भेलैक?
एम्हर माओवादी सिद्धान्तक राजनीति सँ आरम्भ करैत वर्तमान मधेसवादी आन्दोलनक एक चर्चित कार्यकर्ता सुशील कर्ण काल्हि कठपुला गाविस स्थित अपन सम्बन्धीक दोकान लगभग ७ः३० बजे बन्द भेलाक बाद वापसी करैत काल करीब ५-६ किलोमीटर मोटरसाइकिल सँ पाछू संतोष यादव सहित आबि रहल छलाह ताहि समय कठपूला नंघलाक बाद किछु लोक (मोटरसाइकिल ठाढ कएने सड़कक किनार ठाढ) हिनका रोकलकैन, अचानक पाछू बैसल संतोष यादव केँ एकटा रोड़ाक चोट लगला सँ कराहबाक आवाज सुनिकय ई चौंकैत छथि आर फेर अनबैलेन्स होएत मोटरसाइकिल सँ खैस पड़ैत छथि, पाछू सँ आरो हिनकर मित्र सब आबि रहबाक बात बाजि ओ आक्रमणकारी सब डेराएत भागय लगैत अछि आर ओहि भागैत आक्रमणकारी मे सँ एकटा बाजि उठैत अछि जे “तोहर ओकादि कि छौक जे तोँ महंथक विरुद्ध आवाज उठबैत छँ!” बस, एहि बात सँ ई बुझैत छथि जे ई आक्रमण महंथ या हुनक कोनो भाड़ाक गुन्डा द्वारा कैल गेल अछि।
तऽ एहेन कोन बात छैक जाहि कारण ओ अहाँ पर आक्रमण करता वा करौता ई पूछला पर कर्ण कहैत छथि जे जानकी मन्दिरक सारा चल-अचल संपत्ति पर महंथक मनमानीक हम सब विरोध करैत आबि रहल छी। गुठी मे रहल जमीन तहस-नहस कय देलनि। जानकी मन्दिरक पाछू १४ कट्ठा जमीन जतय फूलबारी छल तेकरा निजी पटेदार गणेश साह तथा हुनकर व्यवस्थापक केँ अपने मनमौजी सौंपि देलनि। ओतय राम जानकी हस्पीटल प्रा. लि. केर बिना कोनो प्रशासनिक अनुमतिक निर्माण कैल गेल अछि। पूछला पर कहलनि जे ई जमीन २१ साल केर लेल ठेकापर देल गेल अछि, जखन कि गुप्त स्रोत सँ पता लागल जे ९९ वर्षक पट्टा (लीज) पर देल ओ जमीन देल गेल अछि। मात्र द्विपक्षीय सहमति पत्र केर आधार पर जानकी मन्दिरक अचल संपत्तिकेँ एना कोनो भू-माफियाक चांगूर मे फँसायब कतेक उचित? एहि लेल अदालत मे लम्बित मामिला रहितो निर्माण रोक्का आदेश केँ पर्यन्त अनदेखी करैत निर्माणकार्य पूरा कैल गेल अछि, एतेक तक जे विद्युतीय लाइन जडान करबाक प्रक्रिया सेहो बिना नक्शा पासहि केँ कराओल गेल अछि। एकरा खारेज करबेलियैक परसुए। सुशील कर्ण – जितू पजियार – किशन मंडल – मोहन रौनियार, थर्ड एलायन्स – जितेन्द्र झाक संस्था जे मानवाधिकार तथा सामाजिक क्रियाकलाप सँ जुड़ल सरोकार पर जनहित मुताबि कार्य करैत अछि ताहि अन्तर्गत ई सब मुहिम चलौने छी, तेकरा लेल पूर्वाग्रही बनिकय हमरा पर ई सांघातिक हमला कैल गेल अछि।
ओना ई बताउ सुशीलजी, परिवारवादक केहेन पृष्ठभूमि देखैत छी? महंथक बाद छोटा महंथ नाम रौशन झा जे आब रौशन दास कहाएत छथि, मूल महंथ तपेश्वर दासक भैगना, दोसर सहयोगी मनोज झा ओहो हुनक भैगना, तहिना बिन्दु झा, गुड्डू झा एवं परिवारक लोक सब एहि सब व्यवस्थापन मे आ जानकी मन्दिर मे झहरैत चढौआ ‘सोना-चाँदी’ लूटय मे लागल छथि – कहैत छथि कर्ण। ईहो जानकारी देलनि जे अहाँकेँ बुझल होयत एकटा प्रचलित कहाबत जनकपुरक जे एतय हरेक पहर मे सवा किलो सोना-चाँदी जानकीजी केँ चढैत छन्हि। लोक मनौती मानैत अछि आ पूरा भेला पर एतय सोना-चाँदीक बरसात होएत छैक। एकर अलावे एतय जतेक लोक केँ ई महंथराज जोड़ने छथि ओ सबटा बुझू जे गुन्डाराजक सरदार सब थीक – ओकरे सबकेँ सब संपत्ति भाड़ा-ठेका पर देने छथि। त ओहि ठेकाक पैसा सँ करैत कि सब छथि, बिजली बिल भुगतानी करबाक पर्यन्त सामर्थ्य नहि कोनो पेपर मे पढलहुँ? कर्ण कहैत छथि जे बिजली लाइन सेहो हमहीं सब कटबेलहुँ – फेर २४ घंटा बाद समझौता केलापर जोड़ि देल गेल। सुरेन्द्र भंडारी पूर्व अध्यक्ष गणेश युवा कमिटी केँ १८ लाख भाड़ा पर राम-जानकी विवाह मंडप देने छथि, जतय गेट पास ५ रुपया सँ एन्ट्री आ मोबाइल लेल ५ रुपया अलग लेल जाएछ। विवाह व अन्य कार्यक्रम लेल ई स्थान नित्य मोट कमाय करैत अछि। तहिना भारतीय दूतावासक सहयोग मे बनल संग्रहालय सँ १५ रुपयाक प्रवेश शुल्क काटिकय लोक केँ प्रवेश देल जाएछ जतय कला संस्कृति व अन्य ऐतिहासिक बात केर संग्रह कैल गेल अछि, ई ठेका शंकर साह सनक माफिया केँ देने छथि। बजार ठेका सँ १२ लाख जतय फूलमाला, सिन्दूर, बद्धी, फल आदि बेचनिहार बजार लगबैत अछि, ई दीप साह केँ देल गेल अछि। १६ लाख मे नाच ठेका देल गेल अछि जतय लोक सब पुर्णिमाक दिन मुंडन लेल अबैत अछि आर जेकरा मनौती रहैत छैक से नाच करबैत अछि तऽ एकटा बरुआ पर ५१०० टका खर्च करय पड़ैत छैक – प्रमोद साह लंग ई ठेका अछि। मुंडन ठेका रामेश्वर ठाकुर नौआ केँ ९ लाख मे देल गेल अछि। वार्षिक आमदनी २ करोड़ लगभग होएत अछि एतय। आरो बहुत रास स्थान सँ अकूत कमाई करबाक बाट बनौने छथि।
सुशील कर्णक स्वास्थ्य स्थिति मे पैर-डाँर्ह-हाथ मे चोट छन्हि। आइ प्रशासन मे साढे ११-१२ बजे उजुरी (शिकायत एफआइआर) दर्ता करौता। अन्त मे ईहो कहलैन जे पहिनहु एक पत्रकार मनोज साह क्रान्तिकारी पर आक्रमण करौने छलखिन जे आब भय सँ विस्थापित जीवन जीब रहल अछि। हिनका अपनो ई डर भऽ रहलैन अछि जे जानो बाँचय देता कि नहि। महंथजीक उपनाम तपेश्वर सरकारजी कहैत छथि। २०६०-६३ माओवादी जनयुद्ध मे सहभागी भेल छलाह कर्णजी – माओवादी विचारधारा के अनुरूप राजनीति मे सक्रिय – मधेस आन्दोलन मे सक्रिय समर्थन – राष्ट्रपति विद्या भण्डारी केर जनकपुर आगमन पर विरोध-प्रदर्शन मे मुख्य योजनाकार केर मुद्दा सेहो खेप रहल छथि – मस्यौदा संकलन मे प्रशासन द्वारा बड मारि खेने छलाह वरिष्ठ राजनीतिकर्मी वृषेशचन्द्र लाल आ रोशन जनकपुरी सभक संग, काठमांडु मे इलाज करेलाक बाद जान बचलनि – तैयो सामाजिक सरोकार पर आवाज उठेनिहार अभियानीक रूप मे जानल जाएत छथि। जानकी मन्दिरक अतिरिक्त आरो कोनो जनसरोकारक विषय पर संघर्ष केलहुँ कि? कहैत छथि, “कमल कन्सट्रक्सन द्वारा अरगज्जा पोखैर मे घाट निर्माणक टेण्डर नेपाल सरकार द्वारा देल गेल। एतय सेहो धांधली होएत छल। हम सब विरोध करब शुरु केलहुँ तखन जाकय आब काज लाइन पर अछि। शहरी भवन तथा डिवीजन कार्यालय एतय १.५ करोड़क ठेका सँ घाट बनबा रहल अछि। भ्रष्टाचार विरुद्ध सब ठाम आवाज उठबैत छी।”
ई कहू जे एतेक पैघ राज्य केर संयंत्र गूठी संस्थान छैक, ओकरा पर रेखदेख के आ संरक्षण के भार छैक। नियम सेहो बनायल गेल छैक जे प्रति वर्ष गूठी द्वारा बजट निर्धारित करैत सब कार्य कैल जायत। पिछला दिन बिजलीक लाइन कटला पर महंथजीक स्टेटमेन्ट पढलहुँ जे एतय कय टा सरकारी – अर्धसरकारी कार्यालय सब सेहो स्थापित छल। तऽ ओ गूठी संस्थान सेहो भ्रष्टाचारी करैत अछि, शासन-प्रशासन मूक बनल अछि, अहाँ सब एकर विरोध कियैक नहि करैत छी? एकर सबहक उपेक्षा एहेन कियैक अछि? दोहर नागरिक मापदंड सँ पहाड़वादी शासक केर दमनक हम सब शिकार छी – गुठी संस्थान व स्थानीय जनमानसक इच्छाशक्ति कमजोर अछि, विधायिका एखन धरि कोनो निर्णय नहि केलक जाहि सँ ई आम जनताक धरोहर जानकी मन्दिर कोनो ट्रस्ट मे नहि गेल, सब कियो अपन रोटी सेकलक आ फेर चुप भ गेल। हम सब वृहत्तर जनकपुर केर योजनाकाल सँ शहरी विकास लेल सक्रिय भेलहुँ अछि, जानकी मन्दिर मे व्याप्त भ्रष्टाचार विरुद्ध जनसंघर्ष जारी राखब।
महंथजीक पक्ष लेल मैथिली जिन्दाबाद सम्पर्क स्थापित करबाक प्रयास कय रहल अछि। परन्तु निरपेक्ष जानकार सँ बात केलापर ई जनतब भेटल जे ब्राह्मण विरोध आ सदा-सनातन परंपराक विरोध लेल ढेर रास बात मनगढंत तौर पर एहि ठाम गोटेक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता सभक समूह द्वारा कैल जाएत रहल अछि। बिना परिपक्व शोध केने आशंकाक आधार पर महंथ परंपरा मे राजनीति घूसेबाक लेल एहि सब तरहक आरोप-प्रत्यारोप कतेको बेर पहिनहु लगायल गेल अछि। लेकिन एहि मिथिलाक पौराणिकताक अपन एक विशिष्टता अछि ओकरो बचेबाक लेल हुनका सबकेँ स्वयं सोच बनेबाक चाही। विकास केकरा खराब लगैत छैक, मुदा मनगढंत आरोप आ फँसेबाक कूचेष्टा सँ ब्राह्मण विरोध टा झलकैत अछि, आर किछु नहि। सत्यतथ्य केर जानकारी तऽ कोनो निष्पक्ष जाँच आयोग मात्र कय सकैत अछि, परन्तु हाल लेल ई समाचार अपने समस्त मैथिलीभाषी लेल विशेष तौर पर राखल गेल अछि। अस्तु!