याचना नहीं अब रण होगाः मिरानिसे प्रदेश अध्यक्ष

मिरानिसे प्रदेश अध्यक्ष डा. रंगनाथ ठाकुर - याचना नहीं अब रण होगा

दरभंगा, अगस्त ३१, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

rangnath thakur1मिथिला राज्य निर्माण सेनाक नवगठित प्रदेश कार्यकारिणीक आइ एक मास पूरा भऽ गेल अछि। एहि पूरे एक मास मे मिथिलाक उत्तरी आ पूर्वी सब जिला मे सम्पर्क अभियान द्रुत गति सँ पूरा कैल गेल अछि। मिथिला राज्य वास्ते सब जाति ओ वर्ग सँ नेतृत्वकर्ता केँ जोड़बाक कार्य कैल जा रहल अछि। एहि क्रम मे पूर्व विधायक, वर्तमान विधायक, जिला परिषद् सदस्य, पंचायत सदस्य व समस्त अभियानी सब केँ मिथिलाक मूल धरातल पर जोड़बाक कार्य कैल जा रहल अछि। आगामी ८ व ९ नवम्बर २०१६ केँ मिरानिसेक राष्ट्रीय अधिवेशन तथा विशाल जनसभाक आयोजन दरभंगा मे होयत ताहि लेल सब केँ सहभागिता देबाक लेल आमंत्रण सेहो कैल गेल अछि।

मिरानिसे केर प्रदेश अध्यक्ष डा. रंगनाथ ठाकुर आइ पहिल मास केर कार्यकाल पूरा करबाक शुभ अवसर पर किछु बात मातृभाषा सँ इतर राष्ट्रभाषा मे दूर धरि अपन मनोभावना केँ पहुँचेबाक लेल दैत कहलनि अछि।

ओ अपन विचार हिन्दीमे लिखिकय प्रेषित करैत कहलैन अछि जे मिथिला वासी तथा मिथिला राज्य हेतु लागल आंदोलनी क्षमा करैथ जे हम मातृभाषा सँ इतर राष्ट्रभाषा मे अपन सन्देश दय रहल छी। एहि आंदोलन मे पूर्वहु सँ लागल कतेको आंदोलनी लोकनि कहियो-कहियो राष्ट्रभाषा मे लिखिकय आ बाजिकय अपन प्रतिक्रिया दैत मिथिला भूभाग मे रहनिहार समग्र मैथिल केँ उद्वेलित करैत आयल छथि। चाहे ओ जाहि कोनो समाज, जाति, पंथ, धर्म, संप्रदाय, लिंग केर कियैक नहि हो, मिथिला लेल सबहक हृदय मे एकटा अटूट सिनेह आ लगाव देखल गेल अछि। जे मैथिली सँ स्नेह नहि करैत अछि ओकरा तऽ जय जानकी तक कहैय मे लाज हेब्बे करत।

डा. ठाकुर वर्तमान राज्य केर उपेक्षा पर सवाल ठाढ करैत पूछलनि अछि जे ‘कि मिथिला भू भाग मे आइआइटी, हाइकोर्ट, साइबर हब, मखाना प्रोसेसिंग सेन्टर, कारखाना, एम्स स्तरक संस्थान खोलि देल जायत त कि हम सब आब मिथिला राज्य केर मांग करब छोड़ि देब? कदापि नहि! ध्यान रहय! मिथिला में लालू, नीतीश, मोदी, राहुल, नबी आजाद केर संग नहि, हमरा तऽ मैथिल भोला, ल़लित, अशोक, समीर, अमरनाथ, रामविलास, चिराग, मदन, गोपाल, पप्पू, सिद्दिकी, शहनवाज, सकील, हुकुमदेव व अन्य मैथिल नेतृत्वकर्ताक संग चाही। हमरा सब केँ केवल अपन मिथिलावासी आम जनमानसक संग चाही।’

डा. ठाकुर पूर्वहि सँ सक्रिय मिथिला आन्दोलनीक कार्यशैली पर सेहो कन्डेरियाक टिप्पणी करैत कहलैन अछि जे आय धरि मिथिला राज्य आंदोलन दिल्लीक जंतर मंतर, कांस्टीच्यूशन क्लब जेहेन बड़का-बड़का जगह पर त भेल अछि, एकरो अपन महत्ता जरुर छैक, परन्तु मिथिलाक जमीन पर ढंग सऽ निरंतरताक संग कहियो नहि भेल अछि। एहि बेर मिरानिसे पहिल बेर ८ और ९ नवम्बर केँ राष्ट्रीय अधिवेशन केर पांचजन्य शंखघोष सँ दरभंगाक चौरंगी सँ उद्घोष करत जे मिथिला राज्य केँ प्रजातांत्रिक मूल्य ओ मान्यताक ध्यान रखैत संविधान मे स्थापित कैल जाय।

“हित वचन नहीं तू मानेगा, प्रजातांत्रिक संघर्ष न समझेगा॥
तो ले अब हम भी कहता हूँ, अन्तिम संकल्प सुनाता हूँ॥

कि याचना नहीं अब रण होगा, जीवनं जय की मरण होगा॥
जय मिथिला जय जानकी जय मिरानिसे!!”