व्यक्तित्व परिचयः मैथिली दधीचि बाबू साहेब चौधरी
– प्रो. उदय शंकर मिश्र, लहेरियासराय
मैथिली दधीचि बाबू साहेब चौधरी केर जन्म 1916 मे दूलारपूर गाम दरिभंगा मे भेल छन्हि । हिनक कर्मक्षेत्र कलकत्ता रहलनि । जतय ई ट्राम मे टाइमकीपर केर पद पर कार्यरत छलाह । 1940 केर आसपास हिनका स्व. हरिश्चंद्र मिश्र मिथिलेन्दू संग भेंट भेलनि । ओ मैथिलीक कार्यकर्ताक रूप मे काशी सँ अनेकानेक महत्वपूर्ण कार्य पूरा कय कलकत्ता केर वासी बनि मैथिलीक सेवा मे लागि गेल छलाह । हुनकर सानिध्य मे चौधरीजी मैथिलीक सेवा मे लागि गेलाह । ई मिथिलाक वास संग प्रवासहु मे मैथिलीक सेवा करैत रहलाह ।
कलकत्ता मे मैथिलीक प्रेस स्थापना कय प्रकाशन सँ जुड़ि गेलाह । कूहेश नाटक केर रचनाकार बनि आरो प्रसिद्धि प्राप्त केलनि । मिथिला दर्शन नामक पत्रिकाक संस्थापक यैह छथि । हिनक मित्र प्रबोध नारायण सिंह महान साहित्यकार द्वारा सम्पादन कार्य होएत रहल । एखन हुनकहि बालक प्रो. उदय नारायण सिंह ‘नचिकेता’ केर रेखदेख मे मिथिला दर्शन पत्रिका प्रकाशन कैल जाएत अछि तथा एकर सम्पादन प्रसिद्ध मैथिली साहित्यकार राम लोचन ठाकुर द्वारा कैल जा रहल अछि ।
मैथिली भाषा-साहित्य संग प्रेम आ ताहि लेल कतेको रास समर्पित कार्य करबाक कारण बाबू साहेब चौधरी केँ मैथिली दधीचिक विशेष अलंकृत संज्ञा समकालीन अभियानी लोकनि द्वारा देल गेल। हिनक विभिन्न महत्वपूर्ण डेग केर संग डेग बढेबाक कार्य स्व. पं. देव नारायण झा (सुन्दरपुर, दरभंगा) द्वारा सेहो कैल गेल । एक गरीब घर मे जन्म लेलाक बादो मैथिली लेल विभिन्न अविस्मर्णीय योगदान इतिहास मे अमर अछि । साहित्य अकादमी द्वारा मैथिली केँ मान्यता दियेबा मे, बीपीएससी परीक्षा मे मैथिली केँ मान्यता दियेबा मे, तथा संविधानक आठम अनुसूची मे मान्यता लेल संघर्ष, आदि विभिन्न कार्य मे हिनक योगदान सब दिन स्मरण कैल जायत।
ई २०१६ एहि महापुरूष केर जन्मक शताब्दी वर्ष थीक जाहि अवसर पर मैथिली-मिथिला अभियानी लोकनि विभिन्न कार्यक्रमक आयोजन करैत हिनका विशेष स्मरण आ श्रद्धांजलि अर्पण कय रहल छथि।