सुधानन्द झा, सांगी, मधुबनी। अगस्त २४, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मिथिलाक गाम गाम में ठाम ठाम पर जन्माष्टमीक धूम मचल अछि । कतेक ठाम मूर्ति आनि त कतेक ठाम मूर्ति बनवा नीक-नीक पंडाल सजा, त पूर्व सौं बनल मंदिर के सजा-धजा केँ पूर्ण श्रद्धा व विश्वास सौं कृष्ण जन्माष्टमी मनाओल जाएत अछि ।
कि बूढ कि बच्चा आ कि युवा, सबहक मन कृष्ण जन्मोत्सवक लेल हर्षित अछि । मैथिल स्त्री आ बहुत पुरूष सेहो आ बच्चो सब दिन भरिक उपास राखि जखन 12 बजे रात्रिकाल में कान्हाजीक जन्म भऽ जेतनि तकर बादे किछु फलाहार करैत अछि आर प्रात पुनः पूजन केला बाद भोजन ग्रहण कय मेला देखैय लेल जाएत अछि।
मिथिला मे अदौकाल सँ कतेको स्थान पर कृष्ण जन्माष्टमीक अवसर पर विशाल मेला लगैत अछि। बहुतो जगह मेलाक आयोजन सेहो कैल जाएत अछि । कतहु कम त कतहु बहुत बेसी मेला। बच्चा सब राधाकृष्ण त कियो गोपी बनि नीक-नीक नव-नव वस्त्राभूषण सौं अलंकृत भऽ मिथिलाक वातावरण केँ मधुरम बना दैत अछि । मिलाजुला कय संपूर्ण मिथिला में जन्मोत्सवक बाजा, कीर्तन, भजन, मेला आ सांस्कृतिक कार्यक्रम केर चलते जेना भगवान कृष्णजी के नाम दिग्दिगन्त तक गून्जायमान भऽ रहल अछि। जय मिथिला जय मैथिल जय मैथिली!!