कि अहाँ जनैत छी??
दिल्ली मे न्यूनतम मजदूरी लेल सरकार द्वारा तय सीमा सँ लगभग अधिया भुगतानी पर कतेक मैथिल दिन गुदस्त कय रहल अछि?
हालहि घोषित नव श्रम नीति द्वारा दिल्ली सरकार सामान्य, अर्द्धदक्ष व् दक्ष श्रमिक लेल न्यूनतम मजदूरी केँ करीब-करीब 40 सँ 50 फीसदी बढ़ोत्तरी केलक अछि, जतय पहिने एक सामान्य मजदूर केर मासिक पारिश्रमिक लगभग साढ़े दस हजार छल, ओकरा नव नीति अनुसार करीब पन्द्रह हजार केर भुगतानी कैल जायत।
परन्तु घोर आश्चर्य लागत ई जानि जे मजदूर केर शोषण दिल्ली सन् महानगर आ देशक राजधानी में घोर चरम पर अछि। एतय घर आ परिवार छोड़ि अपन जीविकोपार्जन हेतु आयल करीब 25 लाख मैथिल संग रोजगरदाता धोखा सँ कागज पर खानापूर्ति करैत असल भुगतानी मात्र 5 सँ 8 हजार मासिक करैत अछि। एकर अलावे काज करबाक अवधि 8 घण्टा केर स्थान 12 घण्टा थोपि दैत अछि। मेडिकल आ जीवन सुरक्षा लेल बीमा आ अन्य मान्य सुविधा आदि सेहो मात्र कागज में देल जाएछ, केकरो भारी बीमार पडला पर न समुचित इलाज छैक नहिये कियो देखभाल करनिहार। जान पर खेलिकय ओ सब अपन नियोक्ता सँ अधिये कमाइ करैत अपन आ परिवार केर भरण-पोषण करैत अछि।
दिल्ली में मैथिल हित लेल संघर्षरत अखिल भारतीय मिथिला पार्टीक युवा परिषद् एहि शोषण केर विरुद्ध शीघ्र संघर्ष करैत गरीब ओ असहाय मजदूर केँ हक दियाओत से युवा नेता रोहित यादव कहलैन।
हरिः हरः!!