एक विचार मिथिलावादी कार्यकर्ताक नाम
– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), हाल दिल्ली सँ
क्रन्तिकारी सपूत चन्द्रशेखर आजाद: जनमन हेतु प्रेरणास्त्रोत
आजुक पीढ़ी देश केर आजादी लेल अपन प्राण न्योछावर कएनिहार क्रांतिकारी सपुतक नाम धरि बिसरि रहल अछि। छात्र लोकनि संचार क्रांतिक उपभोग में अतेक व्यस्त छथि जे आजाद देश आ आजादी केर महत्व सँ अनभिज्ञ जेकाँ व्यवहार करैछ। राष्ट्रभक्ति के जज्बा जेना कोनो कोना में राखि बिसरि गेल छथि। चलु आई हम सब याद करै छी स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के जांबाज देशभक्त चंद्रदेखर आजाद।
जनिका हौसला जज्बा जोश जनून के दम पर हम छी आजाद, हुनकर नाम थिक देशक सच्चा सपूत देशभक्त चन्द्रशेखर आजाद। मोंछ पर ताव दैत स्वाभिमानी फोटो धियापुता सँ देखि रहल छी। एकदम निडर आ साहसी व्यक्तित्व के व्यक्ति छलाह जे देशक आजादी के बेचैनी में किछुओ करबा लेल सदिखन तैयार रहैत छलाह। मात्र चौदह वरखक उमर में आजादी के आगि पजारब शुरू कय देलाह छल आ 25 वरखक उमर में मातृभूमि के आजादी हेतु अपन प्राण न्योछावर कS शहीद भ गेलाह।
1921 में आजाद मात्र 14 वरखक छलाह जखन गाँधी जी केर असहयोग आंदोलन में कूदि पड़लाह आ गिरफ्तारी भ गेलनि।अदालत में हिनकर उमर देखि जज पुछलनि कि तोहर नाम की? उत्तर देलनि- आजाद , तोहर बाबूजी के की नाम? उत्तर देलनि- स्वाधीन, फेर पुछलनि कि तोहर घर कतय? उत्तर देलनि- जेल खाना। जज 15 बेंत मारय के सजा सुनौलनि। पुलिस निर्दयता पूर्वक शरीर पर बेंतक प्रहार करैत रहल मुदा आजाद निडरता सँ सब बेंतक प्रहार सँग “भारत माता की जय” उद्घोष करैत रहलाह। अहि घटना के उपरान्त पंडित चन्द्रशेखर तिवारी चन्द्रशेखर आजाद के नाम सँ जानय लगलाह। हिंदुस्तान के एहन क्रन्तिकारी जे मातृभूमि हेतु शहीद भS अमर भS गेलाह।
हिनकर जनम 23 जुलाई 1906 मध्य प्रदेश के भाबरा गाम में भेल छल जेकर नाम 2011 में बदलि कय चन्द्रशेखर आजाद नगर कय देल गेल। बचपने सँ वो निडर छलाह। स्कुल समयक एकटा किस्सा छैक जे एक बेर स्कुल में शिक्षक के मुँह सँ गारि निकलि गेलनि ताहि पर चन्द्रशेखर आजाद शिक्षक के थोपिया देलकनि अहि तर्क सँ की जखन गलती के लेल बच्चा के सजा देल जा सकैए तखन पैघ लोक के किएक नहि? बाबूजी पढ़ाई के लेल वनारस भेज देलनि मुदा 1919 के जालियाबाला बाग़ नरसंघार सँ अतेक आहत भ गेलाह कि आजादी के लड़ाई में सम्पूर्ण रुपे कूदि पड़लाह। 1921 में बापू के असहयोग आंदोलन में भाग लेलाह मुदा बापू जखन आंदोलन सँ पलटि गेलाह तखन हिनकर मोह भंग भ गेलनि। ततपश्चात 17 वरखक चन्द्र शेखर आजाद क्रन्तिकारी दल हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन सँग जुड़ि गेलाह। राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में 9 अगस्त 1925 में काकोरी काण्ड के अंजाम देलाह, सरकारी खजाना के लूट में सहभागी सब क्रन्तिकारी पकड़ल गेलाह मुदा आजाद पुलिस के हाथ में नहि आबि सकलाह।
आजाद संकल्प लेने छलाह जे जीते जिनगी अंग्रेज पुलिस हमरा नहीं पकरि सकैए? लाहौर में लाला लाजपत राय के मृत्यु के प्रतिशोध में सॉण्डर्स के ह्त्या काण्ड में भगत सिंह के साथ मिलकय गोली चलेलक, सेन्ट्रल असेम्बली में बम फेकय में सेहो सँगे छलाह। तकरा बाद एक एक कय सबटा क्रन्तिकारी पुलिस के हाथ अबैत गेलाह मुदा आजाद बचैत रहलाह। 27 फरबरी 1931 के चन्द्रशेखर आजाद सुखदेव के सँग पार्क में बैसि कय चर्चा करैत छलाह तखने मुखवीर के सुचना पर पुलिस हिनका घेर कय फायरिंग शुरू कय देलक। चन्द्रशेखर आजाद गोली लगलाक बादो लड़ैत रहलाह लेकिन जखन हिनकर पिस्तौल में मात्र एक गोली बचि गेलनि आ जखन बूझि गेलाह जे पुलिस पकरि सकैए तखन अंतिम गोली अपन माथ में स्वयं मारि मातृभूमि पर अपन प्राण उत्सर्ग कय देलाह।
आजाद माने प्राण त्याग करब धरि आजाद रहल। आजुक परस्थिति में देश आजाद के नहि बिसरि रहल अछि अपितु आजादी के महत्व के सेहो बिसरि रहल अछि। देश के आजादी में एहन सब क्रन्तिकारी सपूत केर हृदय सँ कोटि कोटि प्रणाम। आजादी लेल संकल्पित कार्य के प्रति ईमानदार प्रयास समर्पण सँग निस्वार्थ सेवाभाव संगहि वैचारिक क्रांति आर्थिक सहयोग आ जोश जनून जजबा दूरदर्शी सोच के नितान्त आवश्यक थिक। जय मिथिला जय हिन्द बन्दे मातरम !!