मैथिली साहित्यकार अजित आजाद संग लाइव रेडियो साक्षात्कार

विराटनगर, जुलाई ७, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!

मैथिली जिन्दाबाद केर प्रस्तुति – दहेज मुक्त मिथिला अभियान केर समर्थन मे काल्हि शनि ६ अगस्त मैथिलीक चर्चित साहित्यकार अजित आजाद जी केर प्रत्यक्ष रेडियो साक्षात्कार केर प्रसारण संग भेल।

live ajit1ई कार्यक्रम स्काई एफएम केर स्टुडियो मे मैथिली केर वरिष्ठ आ प्रतिष्ठित कथाकार-गजलकार राम नारायण सुधाकर केर प्रमुख आतिथ्य मे संपन्न भेल। एहि मे प्रत्यक्ष रूप सँ कवि कर्ण संजय, रेडियोकर्मी राधा मंडल, पिंकी मेहता, नवीन झा, सुस्केरा जी एवं कवियित्री एवं अभियानी प्रीति झा, युवाकवि नारायण मधुशाला तथा विद्यानन्द बेदर्दी, उर्दू एवं मैथिली शायर जफर जमाली सेहो भागल लेलनि। एकर संचालन मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक प्रवीण नारायण चौधरी कएने छलाह।

एहि सँ पूर्व सेहो दहेज मुक्त मिथिला अभियानक नारा केँ वृहत् स्तर पर जनमानस मे पहुँचेबाक उद्देश्य सँ, संगहि मैथिलीभाषी केँ अपन सुन्दर-सुमधुर भाषा बाजय मे लाजक अनुभूति नहि होएन, एहि भाषा-साहित्य व संस्कृतिक गरिमा केँ चौतर्फा संवर्धन व प्रवर्धन करबाक नियति सँ रेडियो मार्फत तथा इन्टरनेट मार्फत प्रत्यक्ष प्रसारणक सिलसिला मे बी एफएम केर संचालिका राधा मंडल केर कार्यक्रम ‘जय मिथिला जय मैथिली’ केर दसम वर्ष पूरा होयबा पर एकटा समीक्षात्मक चर्चा कैल गेल छल।

live ajit2काल्हि एक बेर फेर दहेज मुक्त मिथिला व मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ रेडियो (स्काई एफएम १०६.६ मेगाहर्ज व एकर आनलाइन वेबसाइट) मार्फत एकटा अत्यन्त बेहतरीन कार्यक्रम प्रस्तुत कैल गेल छल। काल्हिक कार्यक्रम मे मैथिली साहित्यकार एवं अभियानी श्री अजित आजाद जी संग लाइव साक्षात्कार भेल। हुनक जीवनी पर संछिप्त चर्चाक संग मैथिली-मिथिलाक सम-सामयिक अवस्था पर समग्र चर्चा केर उपस्थित अतिथि दर्शक व समस्त श्रोता लोकनि भरपूर सराहना कएलनि।

एहि आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करैत प्रमुख अतिथि राम नारायण सुधाकर कहलैन जे मैथिली मे अनवरत सेवा होएत रहय, नवतुरिया सब कलम भाँजैत रहैथ… परिस्थिति कतबो बिपरीत कियैक नहि होएक, लेकिन सेवाकार्य बाधित नहि हो। जफर जमाली, राधा मंडल, पिंकी मेहता, कर्ण संजय, प्रीति झा, नवीन झा, विद्यानन्द यादव बेदर्दी, नारायण मधुशाला केर प्रत्यक्ष विचार संप्रेषणक संग आनलाइन सहभागिता मुम्बई सँ प्रकाश कमती तथा स्वीडेन सँ अपराजिता कायस्थ केर भेल। तहिना टेलिफोन पर मैथिलीक वरिष्ठ कवि दयानन्द यादव दिक्पाल ‘यदुवंशी’ द्वारा अपन भावना रखबाक संग-संग एकटा कविता सेहो वाचन कैल गेल छल।

विदित अछि जे दहेज मुक्त समाज निर्माण लेल अगबे कूप्रथा हँटाउ कहला सँ नहि, बल्कि सामाजिक वार्ता आ विषय चिन्तन सँ हेबाक नीक अनुभव आइ करीब ५ वर्ष मे हम सब समेटैत आयल छी। एहि अनुभवक पहिल सोपान पर गुरुजन रूप मे अजित आजाद संग पटना मे २०११ मे भेट भेल छल। सौराठ सभा सनक अनुपम अनमोल धरोहर केर रक्षार्थ हमरा लोकनि कार्यारम्भ कएने रही आर लगभग सब मीडियाक संग समाजक विभिन्न वर्ग बीच हमरा सबहक आवाज पहुँचि गेल छल। पहिले वर्ष मे हम सब लगभग डंका पीटय मे सफल भेल रही। आब तऽ राष्ट्र सँ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हमरा लोकनिक आवाज केँ आवाज भेटय लागल अछि। हालहि बिबिसी नेपाली पर सेहो विस्तृत आलेख व रिपोर्ट आयल। गाम-गाम आ शहर-शहर हर व्यक्ति केर जुबान पर ‘दहेज मुक्त मिथिला’ आबि गेल अछि।

तैयो, हरेक पंचायत स्तर पर निगरानी समितिक गठन आ अनुगमन करबाक सपना एखन धरि साकार नहि भेल अछि। वैवाहिक परिचय सभा आ दहेज मुक्त परिवारक डेटाबेस बनायब एखन धरि अधूरा अछि। स्मारिका जेना २०१४ मे प्रकाशित करब शुरु केलहुँ से फेर २०१५ मे ड्यु रहि गेल, २०१६ मे सेहो ड्यु रहि गेल। एहि दिशा मे वर्तमान राष्ट्रीय कार्यकारिणी (भारत ओ नेपाल) केर ध्यानाकर्षण चाहब। हमेशा हमहीं आगू भऽ कय डेग उठायब तऽ अन्य अभियान पर असर पड़ि जाएत अछि। अतः हमर सहयोग आ सल्लाह मे अहाँ सब सेहो एहेन-एहेन डेग उठाबी ई हमर निवेदन अछि। राष्ट्रीय अध्यक्ष (भारत) श्री पंकज भाइ मैथिल समन्वय समिति संग सहकार्य करैत आगामी २३ अक्टुबर केँ मुम्बई मे वर-वधू परिचय सम्मेलन केर आयोजन मे लागि गेल छथि। अन्य नेतृत्वकर्ता आ खासकय हमरा सबहक दोसर खाढीक अभियन्ता लोकनि छोट-छोट निर्णय करैत आगू बढैथ। सफलता आब बेसी दूर नहि अछि। अगबे गप्प जुनि मारू….. नहि तऽ फेर हमर ओ गीत अहाँ लेल अछि…. गप मारू मुरारी सब हिल-मिल के, बरु मिथिला मरय देखू तिल-तिल के…! सावधानी आवश्यक अछि, दहेज मुक्त मिथिला कहियो शब्दवीर आ बयानवीर नहि भेल।

आगामी समय मे आरो रेडियो कार्यक्रम सब चौतर्फा होएत रहत आर नीक-सँ-नीक अभियानी, विद्वान्, कलाकार आदि केँ लय केँ ई प्रस्तुति मैथिली जिन्दाबाद केर तरफ सँ होएत रहत। दोसर तरफ राज्य अभियान मिरानिसे केर नेतृत्व मे आगू बढि गेल अछि। ओम्हर सेहो एक मुठी अंशदान सँ जानकी केर संरक्षण मे चलि रहल यज्ञ मे जरुर सब कियो सहभागी बनी। मिरानिसे केर खाता सेहो खुजि चुकल अछि। अपना तरफ सँ जिनका जे हो से जरुर स्वैच्छिक योगदान पठाबी। केकरो सँ बलजोरी आ ओकर आर्थिक अवस्थाक बिपरीत कोनो योगदान कदापि नहि लेब, नहि तऽ मिथिला-मैथिलीक पवित्र आन्दोलन बदनाम होयत।

हरिः हरः!!