विशेष सम्पादकीय
मैथिली जिन्दाबाद पर रविन्द्र उदासी माली केर पठाओल सतोषरवासी एक गरीब मुसलमान केर दुखद मृत्यु किछुए दिन पूर्व प्रकाशित कैल गेल छल। तहिना हालहि प्रवासी मिथिला समाज कल्याण द्वारा अकाल मृत्युक ग्रास बनल अन्य गरीब मजदूर केँ सहयोगक खबैर सेहो प्रकाशित कैल गेल छल। सोशल मिडिया मार्फत गये दिन एहेन-एहेन कतेको रास खराब समाचार भेटैत रहैत अछि जे ५० डिग्री सँ ऊपर तापमान मे मिथिलाक्षेत्रक मजदूर काज करैत-करैत मृत्युक ग्रास बनि गेल। कतेको स्वस्थ लोक अपन जान पर बनल ओ प्रचण्ड गर्मी आ रोजगारदाता द्वारा अमानवीयतापूर्ण व्यवहार केर सेहो शिकायत करैत भेटा जाएत अछि। बुझले बात छैक जे कोनो गरीब मुलुक सँ कोनो विकासशील मुलुक जे मजदूर आपूर्ति करबाक मांग करैत अछि तऽ ओतय ओकर भरपूर प्रयोग करत, भले एहि लेल ओहि मजदूर केर जान बाँचौक आ कि मरौक। एहेन कोनो दिन नहि जे विदेश मंत्रालय मे कोनो न कोनो नेपाली अथवा भारतीय मैथिल गरीब मजदूर केर मृत्युक खबैर नहि अबैत हो!
‘हेल्प मधेसी’ नामक एक समूह द्वारा एहने एक मजदूर बद्री मंडल (खतबे) केर मृत्यु पर शोक प्रकट करैत अन्य कामदार सब सँ अपील कैल जा रहल अछि जे अहाँ अपन सहयोग कम सँ कम १ रियाल (विदेशी मुद्रा) योगदान दैत एहि मृत गरीब मजदूर केर आश्रितजन केँ सहयोग पठेबाक लेल उपलब्ध कराउ। विदिते अछि जे पूर्वहु मे हेल्प मधेसी व अन्य सामाजिक संस्था-अभियान-उपक्रम द्वारा एहेन कतेक रास असहाय केँ सहयोग पठायल गेल अछि। नेपाल मे संपन्न कतेको मास केर मधेसी आन्दोलन मे शहीद सबहक परिवार केर बच्चाक शिक्षा सँ लैत अन्य कतेको तरहक मानवीय सहयोग उपलब्ध कराओल गेल अछि। एहि सहयोग हेतु उपरोक्त संस्था द्वारा मैथिली सांस्कृतिक कार्यक्रम सेहो हालहि विदेशक भूमि पर आयोजन कैल गेल छल।
कतार हो, यूएई हो, सउदी अरब हो, मलेशिया हो – विदेशी रोजगार लेल मजदूर बनि खटबाक कोनो भी देश हो; बुझल बात छैक जे शरीर सँ बेसी खटनिहार मिथिलाक ईमानदार आ बुझनुक मजदूर केर आवश्यकता बुझि ओकरे सबकेँ प्राथमिकता दैत छैक। विदेश मे रोजगार पर जाए समय विदेश मंत्रालय द्वारा नियोक्ता (रोजगारदाता) कंपनी व जनशक्ति आपूर्तिकर्ता एजेन्सी केँ बीमा उपलब्ध करेबाक लेल नियम बनौने अछि। तथापि अशिक्षाक कारण एहि नियमक अनदेखीक शिकार बनि कतेको गरीब परिवार लल्ला-बेथल्ला भऽ जाएत अछि। जे कियो विदेश रोजगार लेल जाएत अछि ओ बुझू जे अपन जान केँ जोखिम मे राखिकय अपन परिवारक हित लेल जाएत अछि।
एहनो जरुर किछु लोक छैक जेकरा विदेश मे बेसी मजदूरी भेटबाक लोभ रहैत छैक – देशक २००-३०० टकाक रोजी वा अपन खेत पर काज करैत अन्न उपजेबा सँ प्राप्त आमद सँ बेसी पाय विदेशी रोजगार मे रहबाक एकटा मोह-मास्चर्य देखल गेलैक अछि। तथापि, देश सँ प्रतिकूल वातावरण आ रोजगारदाताक अमानवीय व्यवहार – दोसर देशक मजदूर केर शारीरिक व कलात्मक सामर्थ्य सँ बेसी काज लेबाक दुष्प्रवृत्ति एहि तरहक असामयिक मृत्युक कारकतत्त्व बुझाएत अछि।
जरुरी छैक जे विदेश मे भेट रहल रोजगारक प्रकृति केर नीक अध्ययन विज्ञ टोली द्वारा सरकार कराबय आ देश सँ बाहर जेबा सँ पूर्व ओहि मजदूर केँ न्युनतम् प्रशिक्षण जरुर उपलब्ध कराबय। एहि तरहें बेतरतीब मैर रहल युवा मजदूर केर जीवन केँ जोगाओल जा सकैछ।
जीवन बीमा तऽ शत-प्रतिशत रोजगारीक होयब आवश्यक अछि। पूर्व सँ उपलब्ध बीमाक अतिरिक्त जोखिम भरल काज आ प्रतिकूल वातावरणवला देश मे रोजगार कएनिहार केँ बीमाक भरपूर लाभ देब सेहो ओतबे आवश्यक छैक।
मैथिली जिन्दाबाद, अपन मिथिलाक विवेकवान् मजदूर-रोजगारी अभियान संचालक लोकनि केँ बेर-बेर नमन करैत जोखिम मे पड़ल लोक प्रति सहानुभूति देखेबाक मानवीय सद्भाव प्रति समर्थन दैत अछि। एकटा अपील सेहो करैत अछि जे कम सँ कम बीमा-लाभ आ रोजगार केर प्रकृति एवं जाहि देश मे कियो रोजगार करबाक लेल जा रहल अछि ताहि देशक वातावरण व ओहि मे कोना समुचित ढंग सँ रहल जाय, एहि सबपर अपनहि देश व क्षेत्र मे समुचित जनजागरण अभियान सेहो चलाबय। मैर गेलाक बाद केकरो किछु पाइ दऽ देनाय सँ बहुत पैघ मानवीयता आ हितकारी ई जनजागरण सँ लोक केँ शिक्षित केनाय होयत। एहि लेल समुचित होर्डिंग बोर्ड, मिडिया विज्ञापन, जनशिक्षा अभियान आदि कारगर रहत। हम सब सेहो एहि जनजागरण मे अहाँक संग सदिखन दैत रहब।