दिल्ली, जुलाई २८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
आगामी ४ अगस्त भारतक राजधानी दिल्ली मे ‘मीडिया स्कैन’ द्वारा मैथिली भाषाक पत्रकारिता पर केन्द्रित एक विशेषांक केर प्रकाशन विमोचन कैल जा रहल अछि। एकर संपादन मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली केर महासचिव संजीब सिन्हा कएलनि अछि जखन कि एहि ८ पृष्ठक विशेषांक मे प्रिन्ट मीडिया पर विरेन्द्र मल्लिक जी, इलेक्ट्रानिक मीडियापर मनोज पाठक तथा रेडियो पत्रकारितापर गंगेश गुन्जन जी संग साक्षात्कार व वेब पत्रकारिता पर भास्कर झा केर आलेखक संग विभिन्न अन्य लोकनिक टीका-टिप्पणी केँ स्थान देल जेबाक जानकारी भेटल अछि।
‘मीडिया स्कैन’ एकटा समाचार-पत्र अछि, जे मीडिया पर सामग्री प्रकाशित करैत अछि। एहि समाचार-पत्र द्वारा ‘मैथिली पत्रकारिता’ पर केंद्रित विशेषांक प्रकाशित कएल जा रहल अछि, जेकर अतिथि संपादनक दायित्व मैथिली साहित्य महासभाक महासचिव श्री संजीव सिन्हा कें सौंपल गेल अछि। मैथिली साहित्य महासभा दिल्ली निरन्तर मैथिली साहित्य केर उत्थान लेल कार्यरत अछि आर एहि क्रम मे ई आयोजन एक बेर फेर सँ मैथिल जनमानस केँ नव उर्जा प्रदान करत। एहि आयोजनक संचालन लेल किसलय कृष्ण केँ जिम्मेवारी देल जेबाक जानकारी आयोजनकर्ता सँ जानकारी भेटल।
मैथिली साहित्य महासभाक महासचिव श्री संजीव सिन्हा कहलनि, “मैथिली साहित्यक उत्थान मे मैथिली पत्रकारिताक महत्त्वपूर्ण भूमिका रहल अछि। मैथिली पत्रकारिता ११६ बरख सँ मैथिल समाज मे चेतना जगा रहल अछि, मैथिल संस्कृतिक प्रसार कय रहल अछि, सामाजिक कुरीति आ विद्रूपता पर प्रहार कय रहल अछि। जगविदित यथार्थ अछि जे सबसँ पहिने मिथिलेत्तर क्षेत्र जयपुर सँ १९०५ ई. मे ‘मैथिल हित साधन’ पत्रिका बहराएल। पत्र-पत्रिका जगत मे लगभग २५० मैथिल पत्र-पत्रिका बहराएल, जाहि मे ‘मिथिला मोद’, ‘मिथिला मिहिर’, ‘मिथिला दर्शन’, ‘कर्णामृत’ आदि मैथिली पत्रिका उल्लेखनीय भूमिका निभेलक। अपन माटि आ भाषाक प्रति समर्पण-भावक कारण रांची, धनबाद, जमशेदपुर, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, अजमेर, जयपुर, राउरकेला, मुंबई सहित देशक अनेक महानगरमे मैथिल प्रवासी सभ अदम्य जीवटताक परिचय दैत अनेक दिक्कत केर बादो मैथिली साहित्यिक पत्रिका बाहर करैत रहला अछि। सौभाग्यवश ई परंपरा आइयो निरंतरता मे चलि रहल अछि। युवा तुरक लेखक सब सोशल मीडियाक युग मे विशेष चाक-चौबंद नजरि आबि रहल छथि।”
‘मैथिली पत्रकारिता’ पर केंद्रित विशेषांक केर बारे मे जानकारी दैत श्री संजीव सिन्हा आगू कहलनि, “मैथिली पत्रकारिताक गौरवशाली परिदृश्य छैक। प्रिंट केर बाद आकाशवाणी, टीभी आ वेब पर सेहो मैथिली पत्रकारिता परचम लहरा रहल अछि, मुदा बहुत रास चुनौती सेहो छैक। समग्र मैथिली पत्रकारिता पर ८ पृष्ठक सामग्री तैयार कएल गेल छैक, कार्यक्रम मे एकर विमोचन कएल जाएत आ एहि पर परिचर्चा सेहो होएत।”
दिल्ली मे आपसी खींचातानीक मादे पूछल गेल एक प्रश्नक उत्तर दैत श्री सिन्हा मैथिली जिन्दाबाद केर संपादक सँ कहलनि जे, “प्रवीणजी, मिथिला-मैथिली केर काज मे बहुत दिक्कत आबि रहल अछि, मुदा माँ जानकीक कृपा सँ सब विघ्न-बाधा अपने आप दूर भऽ जाएत अछि। हम पाछू नहि हँटब, अपमान, असहमति आ उपेक्षाक बादो काज करैत रहब।”
निश्चित रूप सँ राजकीय उपेक्षाक विरुद्ध सब कियो मिलि-जुलिकय संघर्षक नारा बुलन्द तऽ करय सँ रहल, मुदा आपसे मे बहुतो तरहक मनमुटाव, अविश्वास आ शंका-सन्देहक कारण कोनो संगठन परिणाममुखी कार्य करबा सँ पूर्वहि मृत्यु केँ प्राप्त करैत अछि। नित्य नव-नव संगठन खूजबाक जानकारी खूब जोर-शोर सँ देखय आ सुनय लेल भेटैत अछि। मुदा जिवटताक संग किछेक प्रतिबद्ध लोक एहि भाषा आ संस्कृतिक सेवा मार्ग पर अटल रहि पबैत अछि। एहेन प्रतिबद्धताक लेल संजीब सिन्हा जी धन्यवादक पात्र छथि आर हिनकर संपादन मे मीडिया स्कैन द्वारा कराओल गेल ई महत्वपूर्ण कार्य निश्चित रूप सँ एकटा नव आयाम जोड़त। एहेन नव विश्वास केर विकास भऽ रहल अछि।