पैछला १२ जून २०१६ केँ पटना मे चिन्तन शिविर आयोजन करबाक छलैक। नियार भेलैक जे भाइ अपन भाषा, संस्कार, पहिचान आ भारतवर्ष मे सभ्यताक विशिष्टताक एक प्रतीक मिथिला केँ बचेबाक अभियान केँ जीबित रखबाक छैक…. पहिनुका मेहनति जतय रुकल छल ओतहि सँ बढेबाक बात भेलैक। पैछला किछु वर्ष मे कोन शक्तिकेन्द्र कतेक काज कय सकैछ से लगभग स्पष्ट भेले छैक। सब तरहक भाँज बैसाकय मिथिला – मैथिली केँ जोगेबाक लेल कतेको लोक लागले छथि। एतेक मे निरन्तरता देनिहार लाख मे एकजन भेटता आ ओ सब बस एक सूत्र पर चलैत छथि जे अपन बेस्ट दैत आरो लोक केँ यैह प्रेरणा देब जे अहाँ सँ जतेक भऽ सकय से कैल जाउ।
आइ तही कारण सँ राज्यविहीन मिथिला लेल प्रयास केनिहार केँ एना अलग-अलग सेक्टर मे किंग बनिकय राज करैत देखि आ फेर ओहने राजा सब मे अपन मूलभूमि मिथिला केर संरक्षण, संवर्धन तथा प्रवर्धन लेल जी-जान एक केने देखि आरो कतेको लोक केँ लौल होएत छैक जे हमहुँ करी, मुदा फेर करबाक बदला मे ओकरा रिटर्न सेहो चाही ई महात्वाकांक्षा केकरो नहि मरि पबैत छैक। एहि कारण सँ कतेको दिग्गज जे मिथिला-मैथिली आगू अयलाह तऽ जरुर, मुदा कालान्तर मे अपन पूँजी कोन दर सँ उठैत अछि से सब भाँपि ओ फेर अपन चालाक मार्ग मे वापस चहि जाय गेलाह। ओ सब आइयो एहि ताक मे रहैत छथि जे लगानी ओत्तहि हो जतय सँ किछु रिटर्न आबय। कतेको एहि चलि रहला अछि। तखन फेर नीको लोक तऽ एहि धरा पर छैक। छाँटैत-छाँटैत जे चोखगर बुझेलनि से स्वीकार केलनि।
ई मानल बात छैक जे कोनो लक्ष्य लेल संधान कैल छोट-छोट कार्य केँ पूरा करबाक लेल समर्पित लोक सब काज पूरा करैत रहल अछि, आगुओ करत आ शीघ्र करत!
हरिः हरः!!