एक रचना मिथिला लेल समर्पित

दू टूक बात
– प्रवीण नारायण चौधरी
 
mithila paagकर जोड़ि विनती करैत
हे सज्जनवृन्द मैथिल जनमानस
सुनि लेब हमर दू टूक बात!
 
साहित्यिक सम्वेदना सँ शून्य
प्रवीणक लट्ठमार भाषा
मात्र हृदयक आवाज!!
 
मनक वेदना
मिथिला आइ कतहु नहि
न भूगोल मे न लोल मे!!
 
कोना वर्णसंकर बनल
जनकक सन्तान आइ
सीताक सहोदर भाइ सब!!
 
देह रहितो विदेह
आध्यात्मिक चेतना सँ पूर्ण
ऋषि-मुनि-ज्ञानी कतय गेलाह!!
 
दुःखी भऽ भोकरैत स्वरमे
चिकरैत अपन लोककेँ
उत्तिष्ठ मैथिलः आबो त!!
 
जे कहियो छल मिथिलादेश
कम सँ कम राज्यो तऽ बना लेब
जनक-जानकीक निशानी राखब!!
 
कतेक कमायब नोट
कतय बेचब वोट
कियैक नियत खोट!!
 
जागू सबजन मिलिकय
बस स्वराज्य लेल
मिथिला राज्य लेल
बस एक बेर
बस एक बेर!!
 
हरिः हरः!!