जुलाई १६, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
मैथिली-मिथिला अभियानी कौशल कुमार फेसबुक मार्फत जानकारी साझा करैत अवगत करौलनि अछि जे मैथिलीभाषी लेल सीबीएसई कोर्स मे पढेनिहार विद्यालय सँ अपन विद्यार्थी केँ मैथिली भाषा अध्ययन करेबाक मांग करबाक चाही। एहि मांग अनुरूप सीबीएसई अपन विद्यालय मे आवश्यक सुविधा उपलब्ध करेबाक इन्तजाम करबाक प्रावधान अछि।
ई जानकारी वास्तव मे मैथिली-मिथिला अभियानी रौशन चौधरी (कोलकाता) द्वारा सूचनाक अधिकार केर प्रयोग करैत उच्च शिक्षा विभाग (सीबीएसई, दिल्ली) सँ मांगल गेल छल जे आखिर भारतक एतेक रास भाषा केर पढेबाक प्रावधान रहैत सीबीएसई द्वारा मैथिली भाषा केर पढाई करेबाक इन्तजाम कियैक नहि कैल गेल अछि जखन मैथिलीभाषी करीब ६ करोड़ केर संख्या मे छथि। सीबीएसई केर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा पठाओल गेल जबाब केर संलग्न फोटो मे स्पष्ट अछि जे रौशन चौधरी मैथिली भाषा केर पठन-पाठन प्रति लक्षित प्रश्न पूछने छथि आर तेकर जबाब क्रिस्टल क्लियर दैत कहल गेल अछि जे,
“सीबीएस ई सँ आबद्ध विद्यालयक मांग अनुरूप कोनो भाषा केर समावेश कैल जाएत अछि। हाल धरि कोनो विद्यालय (संस्थान) एहि भाषा (मैथिली) लेल अनुरोध नहि पठेलनि अछि, वा कहि सकैत छी जे ई विषय अध्ययन करबाक लेल समुचित मात्रा मे कोनो विद्यालय मे छात्र उपलब्ध नहि रहबाक कारण एहेन मांग नहि कैल जा सकल अछि।”
पहिने बच्चा केँ मैथिली पढाउ, तखनहि मिथिला लेल कोनो तरहक आन्दोलन करूः कौशल कुमार
अखिल भारतीय मिथिला पार्टी सँ आबद्ध कार्यकर्ता कौशल कुमार ओना तऽ सीधे मिथिला लेल अधिकार मंगनिहार ऊपर प्रश्न उठबैत कहने छथि जे “मिथिलाक बात केनिहार कतेक लोक अप्पन बच्चा लेल CBSE विद्यालयमे 5th Language क रुपमे मैथिलीक मांग केलहुं?”
ओ अपन फेसबुक स्टेटस अपडेट करैत रौशन चौधरीक भेटल आरटीआइ केर जबाबक फोटो सेहो लगेने छथि। आगू लिखने छथि, “नहि मांगलहु त कोनो बात नहि, आब मांगू। आ CBSE आओर विद्यालय दूनूकेँ चिट्ठी लीखू। आन्दोलन इहे छैक।”
विदित अछि जे मिथिला राज्य आर मैथिली भाषा-साहित्य केर संग ठाम-ठाम पर विकास केर विभिन्न मुद्दा पर मिथिलाक आन्दोलन सोसल मिडिया केर जमाना मे खूब बैढ गेल छैक। ई कतेक लोक केँ नीक लगैत छन्हि तऽ कतेक लोक केँ खूब खौंझाहट सेहो दैत छन्हि। आ मैथिल जनमानस अपना लेल शास्त्रोक्त परिभाषा मे भेटल अलंकार जे रणेभीता, कुलाभिमानी, गृहेशूरा – परस्परविरोधिनम् यानि आपसे मे विरोधभाव सँ घेरायल जनमानस केँ पूर्णरूपेण सिद्ध करैत एखनहु अपने मे उलझल छथि – ताहि सँ कोनो दबाव पटना आ कि दिल्ली पर कि होयत, सब अपने-अपने माथा पीटैत रहबाक कारण कोनो खास प्रगति आइ कतेको दसक मे कतहु देखल नहि जा सकल अछि।
कौशल कुमार एना तऽ पद के हिसाबे बड पैघ पद केर मालिक छथि, मैथिली फाउन्डेशन केर संस्थापक छथि, कतेको तरहक अभियान केँ सेहो संचालन करैत आबि रहला अछि – मुदा सबटा मे प्रगति ढाक केर तीन पात समान कहब तऽ अतिश्योक्ति नहि होयत। लक्ष्य मात्र महान अछि, साधन झुझुआन अछि, साध्य फिरिशान अछि… बस यैह टोटल उपलब्धि कहि सकैत छी। चाहे ओ मिथिलालिपि लेल चलायल गेल अभियान हो, चाहे मैथिली ब्रान्ड केर मधुबनी खादीक कमीज केर अभियान हो, चाहे घर-घर मे मैथिली-मिथिलाक प्रतीक चिह्न (मिथिलालिपिक कैलेन्डर) पहुँचेबाक अभियान हो…. सबहक गति दैवक लिखलहबा सँ शिथिल अछि।
तखन कौशल कुमार जी दोसर पर आंगूर उठबय सँ नहि चूकैत छथि। कारण ओहो घोर मैथिल गुणी मे सँ एक छथि। आपस मे विरोधभाव उत्पन्न करब हिनक पुरान स्वभाव कहि सकैत छी। ई तऽ हमर-अहाँ आ सबहक धर्महि बनि गेल अछि। ताहि हेतु एक-दोसरक विरोधभाव केँ फेस करब सेहो आवश्यक अछि। कौशल कुमार अन्त करैत अपन अपडेट सँ सन्देश मे कहने छथि जे “नोट : CBSE द्वारा Roshan Choudhary क एकटा RTIक जवाब जरूर पढी़। जे ई काज नहि करब ओ आन्दोलन – आन्दोलन खेलेनाय बन्न करु। लोक के बकसि दियौ।
डेग उठेनहार हेतु धन्यवाद आ पाछा हटनिहारकेँ सेहो कम स कम जान त’ बकसलनि लोकक।’
एतय आन्दोलन बन्द करबाक आग्रही कौशल कुमार सब केँ एक्के टा बात जे मैथिली अपन बच्चा केँ पढेलहुँ वा नहि, फिफ्थ लैंग्वेज मे सीबीएसई सँ मांग केलहुँ या नहि – एहि भाव सँ जोड़ैत आ सवाल दागैत सीधे आन्दोलन बन्द करबाक फतवा जारी कयलनि अछि। आब ई निर्भर करैत अछि जे आन्दोलन कएनिहार पहिने अपन बच्चा केँ सीबीएसई कोर्स पढाबैथ, फेर फिफ्थ लैंग्वेज मे मैथिली लेल आवेदन करैथ, आ तेकर बाद सप्रमाण कौशल कुमार जी सँ प्रमाणपत्र लैत आन्दोलन करैथ।