विशेष संपादकीय – आमंत्रित संपादक राम बाबु सिंह
पैछला १२ अप्रैल मिथिला राज्य निर्माण सेना द्वारा गंभीर चिन्तन शिविर मे दिल्ली, कानपुर, पटना सहित दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, अररिया आदि सँ अभियानी लोकनि आबि ई संकल्प लेलनि जे २०१९ धरि मिथिला राज्य निर्माण लेल आन्दोलन केँ आगू बढबैत भारतक संविधान मे मिथिला केँ सम्मानपूर्वक राज्यक दर्जा दिया लेब। योजना अनुरूप एहि लेल नवम्बर ८ आ ९ तारीख २०१६ केँ दरभंगा मे द्विदिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन मे मिथिला राज्य आन्दोलनी लोकनिक महान जमघट करैत विशाल जनसभा सँ एहि बातक उद्घोषणा करब तय भेल। जहिना पूर्व मे मिथिला राज्य निर्माण सेना अपन कथनी आ करनी एक रखैत कनिये दिन मे जनाधार बनबैत एकटा आशा जगौने छल, तहिना एहि बेर फेर एकटा नव आशाक किरण देखाय लागल अछि।
परन्तु आब आधा मास पूरा भऽ मासो पूरा होमय दिस अग्रसर भेलो पर प्रगतिक स्थान पर घोंघाउज-घमर्थन मात्र देखि कतहु-कतहु हतोत्साह पसारबाक कार्य किछु लोक कय रहला अछि। ओ अपना केँ राज्य आन्दोलनक समर्थक तँ मानैत छथिन, मुदा योगदान देबाक लेल नहि, केवल बुद्धि देबाक लेल। “गप्प लिय हमरा सँ, टाका लिय हमर काका सँ” ई अपना मिथिलाक चर्चित लोकोक्ति थिक। आजुक परिप्रेक्ष्य में ई फकरा एकदम सटीक बुझना जाएत अछि। मिथिला राज्य निर्माण पर गाल बजाबऽ बाला लोकक, बानर जेकाँ उछलि-उछलि कय कखनो बाम त कखनो दहिन बात करय बाला लोकक संख्या कोनो कम नै अछि।
बयान बहादुर लोकनिक अपन तर्क कुतर्क सँ खूब प्रचार प्रसार कय रहल अछि। मुदा हमर आशय एतय अछि कि खाली गाल बजेला सँ मिथिला राज्य केँ संबैधानिक स्वीकृति भेट जाएत? बिना कोनो ठोस आ सशक्त संगठनात्मक संरचना केँ लगभग 10 करोड़ मैथिल जनमानस कि जागरूक भ जायत? संगठन केर लेल जरुरी संसाधन केर जुटान कोना आ कतय सँ हएत?
आंदोलन कोनो एक व्यक्ति केर काज नहि थिक? जनआंदोलन माने जन सहभागी आ सेहो मन कर्म वचन सँ समर्पित भेनाइ बेसी जरुरी छैक। सबहक भागीदारी जे हेबाक चाहि से नै के बराबर देखल जा रहल अछि। लग्गी सँ घास खुएला सँ काज नहि चलत? एतय तन मन धन सँ समर्थन चाही नै कि खाली निरर्थक बात पर घमर्थन सँ?
बहुत अफ़सोचक बात अछि जे एतय राखब नितान्त आवश्यक बूझि रहल छी कि एखनहुँ किछू लोक अतेक पैघ आ मातृभूमिक सँ जुड़ल अभियान केँ व्यक्तिगत अभियान सँ जोड़ि समर्थन त छोड़ू भटकेबा में प्रयासरत छथि।
सब सँ पैघ विडम्बना देखु अतेक जनसंख्या के बादो हमरा सबहक लेल लाजक बात अछि की अभियान के लेल राखल गेल चन्दा राशि में एखन धरि खाली 10 व्यक्ति अपन नाम महीना में 1000 रुपैया देबय लेल तैयार भेलाह अछि। जखन कि आर्थिक रुपे बेसी मैथिलजन समर्थ आ सबल छथि, किछु प्रतिशत केँ छोड़ि दी तखन? मुदा सब अंठीऐने छथि, स्वभाववश बुझैत छथिन जे सब करिते छै तखन अहिना भ जेतै! हम की व्यर्थ में खरचू!
यौ अगबे बयान बहादुर बनि वीररसक बात कएला सँ काज नै चलत? अभियान केर लेल खर्चा पानि केर सेहो जरूरत होय छैक, तेकर व्यवस्था कोना हएत जखन सब अहिना कान में तुर राखि क सुतल रहब?
जागु आ जागाउ, धर्मार्थ काजकेँ शुरुआत घरे सँ निक होय छैक। दोसर के तखने आत्मविश्वास सँग प्रेरित कय सकै छी जखन स्वयं दाता सूची में हएब? तें मातृभूमी केँ बिहार सँ मुक्त करेबा लेल आ जानकी सेना मे सहभागी बनि एक दोसर के साथ मिलजुलि कय प्रयास करू तखन हमर सबहक दिव्य स्वप्न एकदिन साकार अवश्ये हएत।
आउ हम सब शपथ ली मिथिला लेल अपन श्रद्धा आ विश्वास सँ यथाशक्ति दान द सकी ततेक देब। जय मिथिला जय जानकी!!