अनर्गल प्रलाप बन्द कय कार्यभार संग समूह मे आगू बढी हम सब

आलेख

– राम बाबु सिंह, मधेपुर (कलुआही), मधुबनी (हालः दिल्ली सँ)

ram babu singh3मिरानिसे यानि मिथिला राज्य निर्माण सेना, करुणा आ याचना सँ नहि बल्कि जानकी केर सेना बनि शंखनाद आ हल्ला बोल अभियान करब। प्रकृति केर दुर्लभ रचना मे सँ एक थीक पृथ्वी आर फेर ताहि पृथ्वी पर अछि एकटा सुन्दर-विलक्षण देश भारत; आर ताहि सुन्दर-विलक्षण भारत देश मे एकटा प्रदेश अछि मिथिला।

एहन पवित्र स्थान जतय देवता स्वयं जन्म लेबय लेल लालायित रहैत छथि, जतय प्रकृति केर अथाह सौन्दर्य सतैत विद्यमान् अछि, विविधता सँ भरल पुरल लोकक जीवन संगहि जीवनक भरण-पोषण करबा लेल सदिखन अनुकूल स्थिति-परिस्थिति सेहो अछि। एतुका सौन्दर्य सँ देवलोक सेहो प्रभावित होएत रहल बात शास्त्र आ पुराण कहैत अछि। ताहि हेतु वेद पुरान धर्म ग्रन्थ सब एतुका कण-कण मे ईश्वरीय रचनाक दर्शन सँ अवगत करबैत अछि। विद्वान लोकनिक एकटा श्रृंखला अछि आ एखनहुँ धरि मिथिला में प्रबुद्ध वर्गक संख्या आर स्थानक अपेक्षा बेसी देखल जाएत अछि।

मुदा वर्तमान समय में सबटा उनटा भ रहल अछि। हमरा सबहक इतिहास जेकर वैश्विक स्तर पर चर्चा छल से जेना विलुप्त होयबाक कगार पर अछि। शिक्षाक स्थिति एखन खत्ता में ऊगडुम करैत अभैर रहल अछि। मिडिया में टॉपर केर नाम पर चर्चा एखन पैघ शर्मनाक स्तर धरि पहुँचि गेल अछि मतलब मात्र पाय कौड़ी बाला केर हाथक कठपुतली बनि गेल अछि ई विदेहक मिथिला।

कि वर्तमान जेकाँ गम्भीर आ असहज स्थिति अतीत में कहियौ नहि भेल हएत? कि अहिना जिबैत रहब कुंठाक सँग अधमरा बनि हम सब? अपन भविष्य केर नै त अपन पीढ़ीक भविष्य केर विषय में सोचु! मैथिल जन अपने में कतेको फार भेल अछि आ सब एक दोसर पर आरोप प्रत्यारोप करैत रहैत छी, जे हम बड़का त हम बड़का । जेना सबहक बुद्धि में जाला लागि गेल हो, सबकिछ देखियौ कऽ आन्हर बनल अपन अपन पीठ अपने थपथपा रहल छी।

मिथिला राज्य केर लेल अवरोध करयबाला के थिक? आर ओ कतेक शक्तिशाली अछि सेहो जनै छी? संगहि संघर्ष केर लेल समुचित मुद्दा सेहो अछि तखन आब कथि लेल बिलम्ब कय रहल छी? अन्तर्विरोध केँ छोड़ि, गुटबाजी केँ तोड़ि जँ सच में जानकी केर भूमि बिहार सँ मुक्त कराब चाहै छी। आरोप प्रत्यारोप के भाषा केँ राखू ताख पर। पहिने अपने सब सकारात्मक सोच केर साथ एकमत होउ।

हे यौ घरक छोट छीन मूसा सेहो अपन ची ची आवाज सँ बिलाय तक केँ डरा दैत अछि। विमर्श मिथिला राज्य केना भेंटत से नहि, विमर्श करू मिथिला राज्य लइके रहब, छोड़ब नै संघर्षरत रहब जा धरि संबैधानिक रुपे भेट नै जायत। ई सम्भव अछि मात्र हमर भाषा में शिकायती नहि अपितु निष्ठां कर्मठता आर एकजुटता रहय तखन हमर सबहक परिकल्पना अवश्ये साकार हएत।

आलोचना मात्र जुनि करी, नीक रहत जखन संगहि आक्रमकता आ आंदोलनात्मक कार्यवाई में सेहो सहभागी बनु। समूह बनाक विशेष कार्यभारक संग ठाढ होउ, करुणा केर दिन चलि गेल। अपन मन कर्म आ सोच केँ बदैल लिय। संघर्षक दिन शुरू होमय जा रहल अछि। ओहि पावन दिनक मोन में आत्मसात करू जहिया जानकी केर पावन पवित्र भूमि आजुक कुख्यात आ चर्चित बिहार सँ मुक्त हएत।

जय मिथिला – जय जानकी।