दरभंगा, जून २८, २०१६. मैथिली जिन्दाबाद!!
एक दिस भीषण बेरोजगारी आ गरीबी सँ संघर्ष आ दोसर दिस लूट-खसोट-भ्रष्टाचार केर बढावा देबयवला राजनीति द्वारा राज्य संचालन – अन्हेर नगरी चौपट राजाक बेमिसाल उदाहरण बिहार आ ताहि ठाम विपन्न मिथिलाक्षेत्र मे बढैत अपराध जंगलराज केर अनुभूति दैत आबि रहल अछि। आइ-काल्हि कम समय मे बेसी पाइ कमेबाक लेल अपराध आ हिंसा खूब बढि गेल अछि, एहि मामिला मे आब मिथिलाक सांस्कृतिक राजधानीक रूप मे सुपरिचित दरभंगा सेहो पाछाँ नहि अछि। हलाँकि दरभंगा पूलिस प्रशासन अपन चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था लेल पूरे राज्य मे जानल जाएत अछि, तैयो बढैत अपराध-हिंसा प्रवृत्ति पर रोक लगा सकब एखन धरि संभव नहि भेल अछि। समाचार भेटल अछि जे दरभंगा, मुजफ्फरपुर, मधुबनी आ सीतामढी सँ मोटरसाइकिल चोरी कय केँ नेपाल मे बेचयवला एकटा गिरोह केँ दरभंगा पूलिस पकड़य मे कामयाबी हासिल केलक अछि।
एसडीपीओ सदर दिलनवाज अहमद केर नेतृत्व मे गठित एकटा कार्यदल सुपौल जिलाक निर्मली निवासी ३ गोट अपराधी केँ तथा सीतामढीक कन्हौली निवासी मुख्य सरगना केँ पकड़लक अछि। आरो किछु अपराधी फरार अछि जेकर खोजबीन दरभंगा पूलिस कय रहल अछि। निर्मलीक गोपाल राम केँ दरभंगा सँ बाइक चोरी कय फरार हेबाक क्रम मे लोक सबहक जागि जेबाक आ ओकरा घेरबाक लेल पूलिस सहित प्रयास करबा मे सफलता भेटल, जखन कि दुइ गोट आन अपराधी ओतय सँ भागय मे सेहो सफल भऽ गेल। बाद मे फेर गोपाल राम केर देल गेल जानकारी अनुरूप अन्य दुइ अपराधी सुमन राम आ श्रवण राम केँ निर्मली सँ गिरफ्तार कएलक। पुनः एहि तिनू अपराधीक बयान मुताबिक अन्तर्राष्ट्रीय सरगना सीतामढी जिलाक कन्हौली थाना अन्तर्गत विशुनपुर गामक अशोक प्रसाद उर्फ चौधरी उर्फ सहनी केँ सेहो नेपाल मोटरसाइकिल टपेबा मे सहयोग कय देबाक लेल बजाकय गिरफ्तारी संभव भेल अछि। ई एकटा बड पैघ सफलता मानल जा रहल अछि कारण वाहन चोरी करैत ओकरा अन्यत्र बेचबाक कार्य आइ-काल्हि बहुत बेसी घटित भऽ रहल अछि। निचूलका स्तर जेना गोपाल, श्रवण आ सुमन सब बस सँ शहर प्रवेश करैत वाहन चोराकय भागैत छल, फेर नेपालक बोर्डर पर पहुँचाकय ३-३ हजार मे ओ वाहन सरगना केँ हस्तान्तरित करैत छल। सरगना द्वारा नेपालक सीमापार पहुँचाकय वैह वाहन १५ हजार मे बेचल जाएत छल। नेपाल मे एहेन चोरी कैल वाहन केर कागज बड सुविधापूर्वक बनि जेबाक कारण एहि तरहक घटना किछु बेसिये बढि रहल अछि। एहि वास्ते सीमाक दुनू पार रहल पूलिस कार्यदल केँ आपसी सहकार्य बढेबाक चाही।