विचार
– नितीन नीरा चन्द्रा, निर्देशक, मिथिला मखान व विभिन्न अन्य फिल्म (अपन फेसबुक पर)
वर्तमान “भोजपुरी सिनेमा” केर रक्षक लोकनि!
हमर inbox मे फेक प्रोफाइल बनाकय लिखनाय बंद करू। एखन धरि कतेको रास प्रोफाइल्स block कय चुकलहुँ अछि। अश्लीलता बेचिकय कमाय करनिहार ओहि भोजपुरी फ़िल्म केर बारे मे बहुतो बात भऽ चुकल अछि। नकली प्रोफाइल बनाकय हमरा बारे मे झूठ पसारनिहार, अहाँ सब कियैक न अपन बच्चाक संग पत्नी, बहिन या माय केर संग भोजपुरी फिल्म देखय वास्ते सिनेमाघर जाएत छी। कने हुनको सबकेँ बताउ जे केना अहाँ सब भोजपुरी भाषा आर अपन आत्मसम्मान बेच देलहुँ, उत्तरप्रदेश – बिहार केर छवि केँ धूमिल कय देलहुँ।
हमर बात एतबे खराब लागि गेल हो तऽ अहाँ सब ऐगला वर्षक राष्ट्रीय पुरस्कार लऽ आनू। ई हमर चुनौती अछि। १५ जनवरी २०१७ धरि अपन फिल्म राष्ट्रीय पुरस्कार समिति केँ पठा दियौक। हमहुँ तऽ अपन राय बदलय लेल चाहैत छी अहाँ सबहक विषय मे! कियो तऽ हैत असली भोजपुरिया निमक खाएल पूर्वांचली-बिहारी! और नहि कय सकैत छी तऽ फेर बेचैत रहू जे बेचि रहल छी। के रोकत अहाँ सब केँ? केकरो साहस नहि छैक रोकि देबाक।
भोजपुरी केर पढल-लिखल समाज जाति-पाति, आपसी कलह आरो संवेदनहीनताक शिकार भऽ गेल अछि। हम २०१० सँ भोजपुरी फ़िल्म केर बर्बाद होएत छविक बारे मे लिखि रहल छी आ आगू सेहो लिखब, लिखिते रहब आर भोजपुरी फिल्म सेहो बनबैत रहब। अहाँ सब अंधेरा कायम राखू। सप्रेम!!